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    खजुराहो रेल लाइन पर दौड़ी ट्रेन

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    Updated: Wed, 19 Oct 2016 01:05 AM (IST)

    ललितपुर ब्यूरो : टीकमगढ़ से खजुराहो के मध्य रेल आखिर दौड़ ही गई। इस क्षेत्र के लोग वर्ष 1955 से खजुरा ...और पढ़ें

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    ललितपुर ब्यूरो : टीकमगढ़ से खजुराहो के मध्य रेल आखिर दौड़ ही गई। इस क्षेत्र के लोग वर्ष 1955 से खजुराहो में रेलवे लाइन की माँग को लेकर आन्दोलन कर निरन्तर प्रयासरत थे। इसी का परिणाम रहा कि वर्ष 1991 में खजुराहो में रेल लाइन की आधारशिला रखी गयी।

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    तत्कालीन रेल मंत्री जॉर्ज फर्नाडीज ने अपने बजट में इस लाइन के सर्वे और अगले रेल मंत्री रामविलास पासवान ने रेलवे लाइन बनाने की घोषणा की। इसके बाद वर्ष 1998 में प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी व रेल मंत्री नीतीश कुमार ने रेलवे लाइन को मंजूरी देते हुए इसका शिलान्यास किया। डेढ़ दशक तक भारतीय रेल की इस महत्वकाँक्षी परियोजना पर युद्धस्तर से कार्य किया गया और 16 जनवरी 2014 को छतरपुर रेलवे स्टेशन पर पहला रेल इजन आया। ट्रैक का प्रथम परीक्षण किया गया। इसी पहल के तहत पिछले वर्षाें ललितपुर से टीकमगढ़ के मध्य 52 किमी रेलवे ट्रैक तैयार कर पैसिंजर ट्रेन का संचालन शुरू हुआ। इसके बाद यह ट्रैक को आगे बढ़ाते हुए खजुराहो तक तैयार किया गया। पिछले दिनों ट्रैक का कार्य भी पूरी तरह से तैयार कर लिया गया था। केवल ट्रैक के शुभारम्भ होने का इन्तजार था। मंगलवार को काफी इन्तजार के बाद आखिरकर लोगों की यह अभिलाषा पूर्ण हो गयी।

    खजुराहो रेलवे लाइन का शुभारम्भ ललितपुर स्टेशन पर समारोह पूर्ण किया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुयीं केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने विशेष ट्रेन, जो कि दुल्हन की तरह सजायी गयी थी, को सुबह 11 बजे हरी झण्डी दिखाकर रवाना करते हुए लाइन का शुभारम्भ किया। इससे पूर्व वह सुबह 10.30 बजे ललितपुर स्टेशन पहुची। भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा उनका गर्मजोशी के साथ स्वागत किया गया। मंच पर सर्वप्रथम डीआरएम एसके अग्रवाल ने रेलवे लाइन के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इसके बाद उमा भारती ने लोगों को सम्बोधित करते हुए इस नई रेलवे लाइन के शुभारम्भ के लिए रेलवे अधिकारियों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए इससे जनपद में खुलने वाले विकास के नए आयामों को अवगत कराया। कहा कि रेलवे लाइन के चालू हो जाने से न केवल यात्रियों को सहूलियत होगी, बल्कि यहाँ विकास के नए द्वार खुलेंगे। पर्यटन व उद्योग धधों को बढ़ावा मिलने के साथ रेलवे की आय में इजाफा होगा।

    इस मौके पर डीआरएम झासी एसके अग्रवाल, सीनियर डीसीएम दुर्गेश दुबे, डीओएम हरीकृष्ण शुक्ला, झाँसी विधायक रवि शर्मा, विजावर विधायक पुष्पेन्द्र यादव, सांसद प्रतिनिधि जगदीश सिंह चौहान, भाजपा जिलाध्यक्ष प्रदीप चौबे, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य रामरतन कुशवाहा, बब्बूराजा बुन्देला, राजीव सिंह पारीक्षा समेत तमाम भाजपाई नेता व रेलवे अधिकारी मौजूद रहे।

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    'फूड प्रोसेसिंग पार्क' की घोषणा

    कार्यक्रम के दौरान केन्द्रीय मंत्री उमा भारती ने बताया कि जनपद में एक 'फूड प्रोसेसिंग पार्क' की स्थापना की जाना है। इसमें इजराइल की तर्ज पर हल्दी, अदरक, मिर्च के अलावा अन्य की पैदावार की जाएगी। इसको ललितपुर के अलावा देश के अन्य शहरों में सप्लाई किया जाएगा। इस पार्क की स्थापना के बाद जनपद मसालों का हब बन जाएगा और फिर किसान महानगरों की ओर मजदूरी के लिए नहीं जाना पड़ेगा। रेलवे लाइन के चालू किए जाने का उद्देश्य भी इस प्रोजेक्ट का एक मुख्य पहलू है।

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    खुद को 'निकम्मा' कह गयीं 'दीदी'

    कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए केन्द्रीय मंत्री उमा भारती इतनी जबदस्त उत्साहित दिखीं कि उन्होंने अपने आप को निकम्मा तक कह डाला। उन्होंने कहा कि वह एक ऐसे गाँव से ताल्लुक रखती है, जहाँ की औरतों ने कभी सूर्य नहीं देखा। वह घूंघट की ओट में कुछ भी नहीं बोल पाने वाली औरतों के बीच से निकलकर आगे बढ़ीं और पहले धर्म-प्रचार फिर बाद में राजनीति में प्रवेश कर आज यह मुकाम हासिल कर दिखाया। कहा कि उन्हे भगवान की कृपा से ऐसे कार्य का शुभारम्भ करने का मौका मिला, जिन्हे कभी उन्होंने शुरू किया था। इन उपलब्धियों के लिए उन्होंने अपने महापुरुषों को धन्यवाद ज्ञापित किया। इस दौरान उन्होंने बातों ही बातों में अपने आप को 'निकम्मा' तक कह डाला।

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    स्थानीय जनप्रतिनिधि रहे नदारद

    खजुराहो रेलवे लाइन, ललितपुर के लिए एक विशेष उपलब्धि रही। इससे न केवल जनपदवासियों को लाभ होगा, बल्कि यहाँ विकास के नए आयाम स्थापित होंगे। लाइन के शुभारम्भ के लिए ललितपुर स्टेशन पर कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इसमें स्थानीय अधिकारियों के साथ जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया था, लेकिन वे इस कार्यक्रम से नदारद दिखे। यहाँ तक कि जिले के प्रथम नागरिक जिला पंचायत अध्यक्ष और नगर के प्रथम नागरिक नगर पालिका अध्यक्ष भी कार्यक्रम में दिखाई नहीं दिए। जनपद के दोनों विधायकगण भी कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए। इन सभी की गैर मौजूदगी चर्चा का विषय बनी रही।

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    बुन्देलखण्ड राज्य न बनने के लिए जनता दोषी

    केन्द्रीय मंत्री उमा भारती कार्यक्रम में शामिल होने के लिए जब ललितपुर स्टेशन पहुच रही थी, तभी अचानक रास्ते में कुछ संगठनों ने उनका रास्ता रोक कर नारेबाजी की और बुन्देलखण्ड राज्य बनाने की प्रबल माँग उठाई। इस पर उन्होंने गाड़ी रोककर उनकी माँग सुनीं और इस पर अमल की बात कहते हुए आगे बढ़ गयी। बाद में सभा के दौरान उन्होंने यह मुद्दा उठाते हुए बताया कि अलग राज्यों की स्थापना के लिए दो बार राज्य पुनर्गठन आयोग गठित हुआ और उत्तराखण्ड, छत्तीसगढ़, झारखण्ड समेत तेलंगाना राज्य की स्थापना की गयी, लेकिन बुन्देलखण्ड अलग राच्य नहीं बन सका। इसके पीछे मुख्य वजह स्थानीय जनता का एकजुट न होना है। अलग प्रान्त के लिए उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश की जनता जब तक एक न होकर दोनों विधानसभाओं में प्रस्ताव पास नहीं कराया जाता, तब तक कभी अलग राच्य नहीं बन सकता।

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    प्लैटफॉर्म पर सभा होने से बढ़ी परेशानी

    रेलवे स्टेशन पर रेलवे लाइन के शुभारम्भ के लिए सभा स्थल बना दिया गया। इसके चलते कार्यक्रम में भारी-भरकम भीड़ जमा हो गयी। अब ऐसे में गन्तव्य के लिए जाने वाले यात्री जब स्टेशन पहुचे तो उन्हे भीड़ के चलते काफी परेशानियाँ झेलना पड़ी। मुख्य द्वार से लेकर प्लैटफॉर्म एक पर पूरे में भीड़ होने से वह ट्रेन तक पहुचने में काफी परेशान दिखे। सबसे अधिक परेशानी उन्हे उठाना पड़ी, जिनके साथ छोटे-छोटे बच्चे और भारी-भरकम सामान था। यहाँ तक कि कई लोगों की तो ट्रेन भी छूटने की खबर है।

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    फोटो सहित बॉक्स में -

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    रेल पटरी पर कुछ इस तरह रहा नजारा।

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    पटरियों पर दौड़े यात्री, बनी हादसे की आशका

    ललितपुर : कार्यक्रम में जीआरपी, आरपीएफ व सिविल पुलिस मौजूद थी। पुलिस जवान वीआइपी सेवा में प्लैटफॉर्म पर मौजूद भीड़ को समेटने में तो लगे रहे, लेकिन उन्हे पटरी पर सैकड़ों की संख्या में खड़े यात्री नहीं दिखाई दिए। हालाँकि, बाद में जब इस दृश्य को डीआरएम ने देखा तो उन्होंने जनता को पटरी से हटने की अपील की। उनसे आग्रह किया गया कि वह यहाँ से हट जाएं। अन्यथा कोई थ्रू गाड़ी आने से हादसा हो सकता है।

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    फोटो सहित बॉक्स में -

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    स्टेशन के बाहर बुन्देली नृत्य प्रस्तुत करते कलाकार।

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    आकर्षक रहा स्टेशन, दुल्हन की तरह सजी विशेष ट्रेन

    यूं तो कार्यक्रम को लेकर स्टेशन को संवारने का काम पिछले कई दिनों से चल रहा था। एक सप्ताह पूर्व डेट फाइनल होने पर यहाँ तेज कर दिया गया। यही वजह रही कि मंगलवार को कार्यक्रम के दिन ललितपुर स्टेशन को आकर्षक ढग से सजाया गया था। स्टेशन के बाहर बुन्देली लोकनृत्य के साथ तमाम प्रकार से सजाया गया था। यही नहीं जो ट्रेन खजुराहो ट्रैक पर दौड़ायी जाना थी, उसको भी फूलों से दुल्हन की तरह सजाया गया था।