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    दुधवा में मिली दुर्लभ प्रजाति की यलो ब्रीस्टेड बंटिंग पक्षी, माइग्रेटिंग बर्ड देख पर्यटकों का बढ़ा उत्साह 

    Updated: Fri, 28 Nov 2025 05:21 PM (IST)

    लखीमपुर खीरी के दुधवा टाइगर रिजर्व में दुर्लभ यलो ब्रीस्टेड बंटिंग पक्षी देखा गया है। यह पक्षी साइबेरिया और मंगोलिया से आता है और विलुप्त होने के कगार पर है। वन अधिकारी सुरेंद्र कुमार ने गश्त के दौरान इसे खोजा और इसकी पहचान की। अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ ने इसे संरक्षित श्रेणी में रखा है। इस खोज से वन प्रेमियों में उत्साह है।

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    जागरण संवाददाता, लखीमपुर। दुधवा टाइगर रिजर्व के दक्षिण सोनारीपुर रेंज के अंतर्गत एक दुर्लभ पक्षी की पहचान की गई। जिसका नाम यलो ब्रीस्टेड बंटिंग है। यह पक्षी विलुप्त होने के खतरे के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंचने वाली साइबेरिया एवं मंगोलिया से आने वाली माइग्रेटिंग बर्ड है। इसे क्रिटिकल इंडेंजर्ड प्रजाति की पक्षी माना जाता है।

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    दुधवा में वन एवं वन्यजीवों के सुरक्षा के लिए की जा रही पेट्रोलिंग के दौरान सुरेंद्र कुमार, क्षेत्रीय वन अधिकारी को एक विशिष्ट पक्षी दिखाई दिया। वन एवं वन्यजीवों की फोटोग्राफी में विशेष रुचि रखने वाले रेंजर सुरेन्द्र कुमार ने उस पक्षी के अवलोकन के उपरांत उसका छायाचित्र अपने कैमरे में सुरक्षित किया।

    पेट्रोलिंग के उपरांत उसका अध्ययन करने पर पाया कि यह वह पक्षी है जिसका नाम यलो ब्रीस्टेड बंटिंग है। वह विलुप्त होने के सबसे उच्चस्तर पर पहुंच गई हैै। यह साइबेरिया एवं मंगोलिया से आने वाली माइग्रेटिंग बर्ड है, लेकिन अब उसका ठिकाना दुधवा भी बन गया है। इसे अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ द्वारा संरक्षित श्रेणी में रखा गया है।

    संघ द्वारा इस पक्षी के क्रिटिकल इंडेंजर्ड होने की संज्ञा दी गई है। क्रिटिकल इंडेंजर्ड प्रजाति की पक्षी के दीदार होने से पक्षियों में विशेष रुचि रखने वाले सैलानियों के साथ साथ वन एवं वन्यजीव प्रेमियों में खुशी है।

    दुधवा के उपनिदेशक जगदीश आर ने बताया कि दुधवा के नाम पर एक और उपलब्धि जुड़ गई है। एक दुर्लभ पक्षी की खोज हुई है जो माईग्रेटिंग बर्ड है पर अब दुधवा में दिखने लगी है।