पैसे की खातिर लखनऊ के निजी अस्पताल ने रोका बच्ची का शव, विधायक ने लगाई फटकार तो परिजनों को सौंपा
लखनऊ के कल्याण अस्पताल पर आरोप है कि उसने पलिया की एक बच्ची का शव बिल भुगतान न होने पर रोक दिया। विधायक रोमी साहनी के हस्तक्षेप के बाद शव परिजनों को सौंपा गया। बच्ची दिमागी बुखार से पीड़ित थी और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। अस्पताल ने आरोपों का खंडन किया है और कहा है कि विधायक के कहने पर तुरंत शव दे दिया गया था।

जागरण संवाददाता, लखीमपुर। लखनऊ के कल्याण अस्पताल में पलिया की एक 11 वर्षीय बच्ची के शव को पैसे की खातिर अस्पताल के एमडी ने परिवार को उसका शव नहीं दिया गया। आरोप है कि अस्पताल प्रशासन ने दो टूक कहकर शव को बंद कर दिया कि जब तक अस्पताल का पूरा बिल नहीं भरा जाएगा वह शव नहीं देंगे।
मामला पलिया के विधायक रोमी साहनी तक पहुंचा तो उन्होंने फोन करके अस्पताल के एमडी को कड़ी फटकार लगाई। साथ ही योगी सरकार के उसे आदेश का हवाला भी दिया, जिसमें गरीब बच्ची के शव को रोकना कानूनन अपराध है तब जाकर एमडी ने बच्ची का शव परिवार को सौंपा।
पलिया के गांव मुरारखेड़ा के रहने वाले छोटू की 11 साल की बेटी मिटठू कई दिन से बीमार थी। उसे दिमागी बुखार बताया जाता है। घरवालों का कहना है उसे पहले सरकारी अस्पताल में दिखाया गया जहां से उसे जिला अस्पताल भेजा गया। हालत न सुधरने पर मिटठू को लखनऊ के किंग जार्ज मेडिकल कॉलेज भेजा गया। वहां भी उसे भर्ती नहीं किया गया।
थके हारे घरवाले मिटठू को लेकर दुबग्गा लखनऊ के एक अस्पताल पहुंचे, जहां चार दिन तक चले इलाज के बाद गुरुवार अलसुबह बच्ची ने दम तोड़ दिया। परिवारीजन का कहना है अस्पताल वाले उससे बिना पैसे दिए शव नहीं देने की बात कर रहे थे।
खबर उसके गांव आई तो गांव वाले आपस में चंदा जुटा कर बच्ची के शव को लाने की व्यवस्था करने लगे। मदद की गुहार करते ग्रामीणों ने दोपहर बाद पलिया विधायक रोमी साहनी को भी फोन मिलाया। स्वजन की पीड़ा देख विधायक रोमी ने तुरंत ही अस्पताल के एमडी को फाेन लगाया और तुरंत बच्ची का शव देने और न देने पर तत्काल एफआईआर कराने की बात कही तब कहीं जाकर मिटठू का शव मिल सका।
ये गंभीर मामला था, बच्ची के शव को रोंकना मुख्यमंत्री के निर्देशों की खुली अवहेलना थी। मुरारखेड़ा गांव का ये मामला जैसे ही मेरे संज्ञान में आया हमने अस्पताल के एमडी को फोन कर बच्ची का शव बिना शर्त देने की बात कही। बताया गया कि बच्ची का शव अब स्वजन को सौंप दिया गया।
-रोमी साहनी, विधायक पलिया
दिमागी बुखार से पीड़ित एक बच्ची लखीमपुर जिले से आई थी, उसे भर्ती कर अस्पताल ने उसे बचाने की कोशिश भी की लेकिन वह नहीं बची। बच्ची के शव को जबरन रोंकने व पैसे मांगने की बात सही नहीं है। विधायक का फोन आते ही बच्ची के शव को परिवारीजन को दे दिया गया।
-शैलेंद्र कुमार, एमडी, कल्याण अस्पताल

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