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    यूपी के इस रेलवे स्टेशन पर लाखों खर्च, फिर भी प्लेटफॉर्म पर यात्रियों के लिए मूलभूत सुविधाएं नहीं

    Updated: Sun, 09 Nov 2025 08:08 AM (IST)

    लखीमपुर रेलवे स्टेशन पर लाखों खर्च के बावजूद यात्रियों के लिए मूलभूत सुविधाओं की कमी है। प्लेटफार्म और प्रतीक्षालय में पर्याप्त बेंच और शौचालय उपलब्ध नहीं हैं। यात्रियों को शौचालय के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है, जिससे बुजुर्गों को विशेष परेशानी होती है। अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत स्टेशन का चयन होने के बावजूद सुविधाओं का अभाव बना हुआ है।

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    जागरण संवाददाता, लखीमपुर। रेलवे स्टेशन से लेकर प्लेटफार्म पर तक यात्रियों के लिए मूलभूत सुविधाएं तक नहीं हैं। यह स्थित तब है जब रेलवे स्टेशन का कायाकल्प और यात्री सुविधाओं में इजाफा करने के लिए लाखों रूपये रेलवे खर्च कर चुका है।

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    बावजूद इसके न तो प्लेटफार्म पर यात्रियों के बैठने के लिए प्लेटफार्म और प्रतीक्षालय में यात्रियों के लिए पर्याप्त बेंच तक नहीं हैं। इतना ही नहीं प्रतीक्षाल में शौचालय तक का अभाव है। ऐसे में मुसाफिर जमीन पर बैठकर ट्रेनों की प्रतीक्षा करने से लेकर शौचालय का उपयोग करने के लिए 300 मीटर की दौड़ लगाने को मजबूर हैं।

    प्रधानमंत्री मोदी की महत्वाकांक्षी अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत लखीमपुर स्टेशन चयनित है। इसका कायाकल्प करने से लेकर यात्रियों सुविधाओं में बढ़ोत्तरी करने के लिए करीब साढ़े आठ करोड़ रुपये खर्च हो रहे हेैं। योजना के तहत पहले चरण का काम भी लाखों रुपये खर्च कर दिए गए। बावजूद इसके प्लेटफार्म से लेकर प्रतीक्षालय तक में मूलभूत सुविधाओं का अकाल है। आलम यह है कि न तो प्लेटफार्म पर बैठने के लिए मुसाफिरों के लिए पर्याप्त सीटें हैं और न ही प्रतीक्षालय में शौचालय है। उधर, कायाकल्प के तहत फर्श पर लगाए गए टाइल्स अभी से उखड़ने लगे हैं।

    शौचालय के लिए यात्री लगाते हैं 400 मीटर की दौड़

    रेलवे स्टेशन से प्रतिदिन करीब 3800 यात्री लखनऊ से लेकर मैलानी की ओर जाते हैं। वहीं करीब इतने ही आते हैं। इतनी संख्या में आवागमन करने वाले यात्रियों के लिए परिसर में मात्र तीन शौचालय हैं। इनमें एक रेलवे डाकघर के पास, दूसरो प्लेटफार्म नंबर एक पर आरपीएफ चौकी से आगे और तीसरा प्लेटफाम नंबर दो पर ओवरब्रिज की तरफ।

    प्लेटफार्म के दोनेा शौचालय सिंगल सीट के हैं।प्लेटफार्म नंबर एक का शौचालय टिकट विंडो और प्रतीक्षालय से जहां करीब 300 मीटर दूर है तो वहीं प्लेटफार्म नंबर दो का करीब सात सौ मीटर। है। ऐसे में यात्रियों खासकर बुजुर्गों को सबसे ज्यादा दिक्कत होती है। इनका उपयोग करने में उनकी सांस तक उखड़ने लगती है।

    शौचालय विहीन है प्रतीक्षालय

    यात्रियों के लिए प्रतीक्षालय में न तो बैठने के लिए पर्याप्त बेंच हैं और न ही शौचालय। इतना ही नहीं पीने के पानी के लिए भी उठकर प्लेटफार्म की दौड़ लगाने को मजबूर हैं। प्रतीक्षालय में मूलभूत सुविधाओं का अभाव यात्रियों के लिए मुसीबत बन रहा है।

    • लखीमपुर से चलने वाली ट्रेनों की संख्या- 10
    • प्रतिदिन सफर करने वाले मुसाफिर- 3900
    • प्लेटफार्म की संख्या - तीन
    • निश्शुल्क शौचालय- दो
    • पे एंड यूज शौचालय- एक