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    लखीमपुर में युवक की हत्या मामले में सात दोषियों को उम्रकैद, 8 साल बाद मिला इंसाफ

    Updated: Fri, 19 Dec 2025 07:52 PM (IST)

    लखीमपुर खीरी में अपर जिला जज अनिल कुमार राना की अदालत ने जमीन के विवाद में युवक की हत्या करने वाले सात आरोपितों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, लखीमपुर। अपर जिला जज अनिल कुमार राना की अदालत ने जमीन के विवाद में युवक की हत्या करने वाले सात आरोपितो को आजीवन कारावास की सजा तथा 10,000 रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड अदा न करने पर छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।

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    सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी कपिल कटियार ने बताया कि थाना मैगलगंज के ग्राम शाहूपुर निवासी सुखवन्त सिंह ने छह अक्टूबर 2017 को तहरीर मे बताया कि सुबह लगभग नौ बजे उसका लड़का धर्मेंद्र सिंह हमारे अपने ही छप्पर में घर के सामने बैठा था।

    जमीनी विवाद हमारे भाई से होने से अचानक भाई के लड़के व पोते पूरा परिवार अंग्रेज सिंह, प्रगट सिंह, गुरमेल सिंह पुत्रगण महल सिंह, सर्वजिंदर सिंह पुत्र सुरेंद्र सिंह, जसपाल सिंह, जतिन्दर सिंह व गुरप्रीत सिंह समस्त निवासीगण शाहूपुर थाना मैगलगंज सभी परिवार लाठी, डंडे, कृपाण व तमंचा लेकर उसके लड़के पर सवार हो गए। जब तक वह घर से निकलकर आया तो अंग्रेज सिंह ने तमंचे से गोली मार दी।

    मैं आगे आया तो मेरे भी लाठी, कृपाण मार दी। मेरे लड़के की मौके पर ही मौत हो गई। मेरे लड़के का साला अमरिंदर सिंह भी घर से आया और मुझे छुड़ाया, नहीं तो मुझे भी मार देते।

    अमरिंदर को भी मारने लगे, मैं भाग कर निकल गया। पुलिस ने मामले में पिता की तहरीर पर सभी आरोपितों के विरुद्ध हत्या का केस दर्ज किया था। वादी मुकदमा की ओर से पैरवी अधिवक्ता ओम तिवारी के द्वारा की गई।

    अदालत में मुकदमे में 11 गवाह पेश हुए। अदालत ने मामले में आरोपित उपरोक्त सभी आरोपितों को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा व प्रत्येक आरोपित पर 10,000 रुपये के अर्थदंड से दंडित किया।

    वहीं आरोपित अंग्रेज सिंह के पास से तमंचा बरामद होने पर 15 हजार रूपए का अर्थदंड लगाया गया। सभी को अर्थदंड अदा न करने पर छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।

    वहीं आरोपितों की ओर से काफी लोगों के कोर्ट परिसर में मौजूद होने पर न्यायालय ने स्थानीय पुलिस को सूचना दी। जहां कस्बा इंचार्ज मोइन खान काफी पुलिस बल के साथ देर शाम तक शान्ति व्यवस्था बनाए रखने के लिए मौजूद रहे।