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    लखीमपुर में 40 हजार रुपये रिश्वत लेते रेंजर गिरफ्तार, एंटी करप्शन टीम ने रंगे हाथ पकड़ा

    Updated: Sun, 30 Nov 2025 04:40 PM (IST)

    लखीमपुर खीरी में एंटी करप्शन टीम ने रेंजर गजेंद्र बहादुर सिंह को 40 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। रेंजर पर पेड़ों के कटान के परमिट जारी करने के लिए किसान से रिश्वत मांगने का आरोप है। किसान की शिकायत पर एंटी करप्शन टीम ने जाल बिछाकर रेंजर को रंगे हाथों पकड़ा। टीम ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है, जिससे इलाके में हड़कंप मच गया है।

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    जागरण संवाददाता, लखीमपुर। दक्षिण निघासन रेंजर गजेंद्र बहादुर सिंह को एंटी करप्शन की टीम ने गिरफ्तार कर लिया है। दो दिन पहले टीम ने निघासन से 40 हजार रुपये रिश्वत लेते पकड़ा था। रेंजर के ऊपर मुकदमा भी दर्ज किया गया है। एंटी करप्शन का मानना है कि पेड़ों के कटान के लिए परमिट जारी करने और निकासी बनवाने के लिए किसान से रिश्वत ली गई।

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    टीम ने मुकदमा दर्ज कर पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है। रविवार को इस प्रकरण से जुड़े कई वीडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हुए हैं। जब से एंटी करप्शन टीम ने खीरी जिले में छापेमारी की है, तब पेड़ कटान से जुड़े ठेकेदारों, सरकारी बाबुओं में अफरा-तफरी मची है।

    मझगई थाना क्षेत्र के गांव पृथवीपुरवा निवासी किसान पूरन लाल ने अपनी निजी भूमि पर लगे तीन शीशम के पेड़ों के कटान व लकड़ी निकासी के लिए परमिट जारी कराने का आवेदन किया था। आरोप है कि परमिट के नाम पर पहले 50 हजार की रिश्वत मांगी गई।किसान की बार-बार विनती पर सौदा 48 हजार से घटाकर 40 हजार पर तय हुआ, जिससे तंग आकर किसान ने एंटी करप्शन टीम से शिकायत की।

    टीम ने सटीक योजना बनाकर निघासन रेंज कार्यालय में जाल बिछाया, जिसके बाद वन दरोगा राजेंद्र वर्मा तथा रेंजर गजेंद्र बहादुर सिंह को एंटी करप्शन टीम ने दबोच लिया। छापेमारी के दौरान ही आरोपित रेंजर, फारेस्टर को टीम लखनऊ ले गई।

    विभागीय अधिकारियों के मुताबिक, दोनों लोगों से पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया है और मुकदमा दर्ज किया गया है। एंटी करप्शन ने जारी किए गए प्रेस नोट में लिखा है कि शिकायतकर्ता के तीन शीशम के पेड़ लगे हैं, जो रोगग्रस्त हैं। शिकायत कर्ता ने पेड़ कटवाने के लिए आवेदन बफरजोन डिवीजन में दिया।

    बाद में आख्या लगवाकर परमिट बनवाने के लिए रेंजर के पास भेजा गया। आरोप है कि रेंजर द्वारा फाइल को लंबित रखते हुए शिकायत कर्ता से अवैध रूप से छह हजार रुपये प्रति पेड़ और निकासी बनवाने के लिए 30 हजार रुपये की मांग की गई। एंटी करप्शन ने प्रेस नोट में बताया कि इस मामले में मुकदमा दर्ज कर जांच की कार्रवाई की जा रही है।