लखीमपुर में जेल में बंदी की मौत के प्रकरण में धौरहरा इंस्पेक्टर और तीन सिपाही निलंबित
Lakhimpur Kheri News: मृतक सुरेश कुमार वर्मा की जेल में आत्महत्या के मामले के परिवरीजन लगातार धौरहरा कोतवाल शिवाजी दुबे को निशाने पर ले रहे थे। उनका कहना था कि पुलिस ने बिना किसी सुबूत और साक्ष्य के सुरेश को जेल भेजा।

सुरेश कुमार वर्मा (फाइल फोटो) सुरेश के दुखी भाई
जागरण संवाददाता, लखीमपुर खीरी: जिला कारागार में बंदी के बाद मचे बवाल की तह तक जाने के बाद एसपी संकल्प शर्मा ने कड़ी कार्रवाई की है। सुरेश कुमार वर्मा की जेल में आत्महत्या के मामले में पुलिस अधीक्षक ने धौरहरा के कोतवाल के साथ तीन सिपाहियों को निलंबित किया है। इसी प्रकरण में जेल अधीक्षक ने वार्डन को सस्पेंड कर दिया है।
मृतक सुरेश कुमार वर्मा की जेल में आत्महत्या के मामले के परिवरीजन लगातार धौरहरा कोतवाल शिवाजी दुबे को निशाने पर ले रहे थे। उनका कहना था कि पुलिस ने बिना किसी सुबूत और साक्ष्य के सुरेश को जेल भेजा। इससे आहत होकर उसने जेल के शौचालय में गमछा से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। जेल में लापरवाही के प्रकरण में जिला कारागार के जेल अधीक्षक ने वार्डन को सस्पेंड कर दिया है।
जिला कारागार में शुक्रवार सुबह बंदी ने बैरक के शौचालय के एंगल में गमछा का फंदा बनाकर आत्महत्या कर ली। 55 वर्षीय सुरेश चंद्र को धौरहरा कोतवाली पुलिस की ओर से गुरुवार को कारागार में दाखिल कराया गया था। बंदी के परिवार वाले आत्महत्या को मनगढ़ंत कहानी बता रहे हैं। उनका कहना है कि यह तो संभव ही नहीं। जेल व जिला प्रशासन में खलबली मची है।
डीएम और एसपी ने जेल जाकर घटना स्थल का निरीक्षण कर जेल अधीक्षक से मामले की जानकारी ली है। जेल अधीक्षक ने वार्डन को संस्पेंड कर दिया है। घरवालों के आरोपों और धौरहरा पुलिस पर लगे आरोपों का संज्ञान लेकर एसपी संकल्प शर्मा ने धौरहरा कोतवाल शिवाजी दुबे सहित सिपाही रोहित, विनीत व सनी कुमार को सस्पेंड कर दिया है। प्रकरण की जांच सीओ धौरहरा को सौंपी गई है। एसपी ने बताया कि अगली कार्रवाई जांच रिपोर्ट के आधार पर होगी।
धौरहरा के गांव माधौपुरवा के सुरेश कुमार वर्मा को गांव के 40 वर्षीय सीमा की हत्या के आरोप में पुलिस कोतवाली लेकर गई थी। घरवालों का कहना है कि चार दिन तक पुलिस ने कोतवाली में रखकर प्रताड़ित किया और फिर गुरुवार को चालान भेज दिया, जहां से सुरेश को जेल भेज दिया गया। घरवालों ने बताया कि शुक्रवार सुबह पुलिस ने जेल में सुरेश के आत्महत्या करने की जानकारी दी।
पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे परिवारजन ने कोतवाल शिवाजी दुबे व सिपाही रोहित, विनीत व सनी कुमार पर कार्रवाई होने के बाद ही शव का पोस्टमार्टम कराने की जिद पर अड़े गए। शव को पोस्टमार्टम कराने के लिए एएसपी पवन गौतम, सीओ गोला और शहर कोतवाल मृतक के भाई व भतीजों को समझाते रहे। अधिकारियों ने तहरीर मिलने पर कार्रवाई का आश्वासन दिया। मगर, पोस्टमार्टम के बाद भी कार्रवाई न होने से नाराज घरवाले शव पोस्टमार्टम हाउस पर ही छोड़कर गांव लौट गए। पुलिस शव अपनी सुपुर्दगी में लेकर गांव पहुंची।
उधर पोस्टमार्टम हाउस पर पहुंचे मृतक के भतीजे रंजीत वर्मा ने बताया कि गांव की सीमा देवी की मौत के मामले में हमारे घर के कई लोगों के नाम लिखकर ले गई थी। इसके बाद हम सभी को कोतवाली लेकर गई। वहां पर नाम निकालने के लिए प्रति व्यक्ति पांच लाख रुपये मांगे। रंजीत ने बताया कि पांच लाख रुपये लेकर हम लोगों को जाने दिया, लेकिन मृतक चाचा सुरेश को अपनी कस्टडी में ही रखा।
लापरवाही मिलने पर सस्पेंड
जेल अधीक्षक पीडी सलोनिया ने बताया कि बंदियों की सुरक्षा को लेकर पुख्ता इंतजाम किए जाते हैं। बंदी शौचालय गया था, लेकिन वह काफी देर तक लौटकर नहीं आया। इस पर बैरक में तैनात सुरक्षा कर्मी ने जब शौचालय में जाकर देखा तो 103 बीएनएस के मामले में बंद धौरहरा के गांव माधौपुरवा सुरेश वर्मा का शव शौचालय के एंगल से गमछे के फंदे से लटकता मिला। इस मामले में जेल वार्डन की लापरवाही मिलने पर उसे सस्पेंड कर दिया गया है।

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