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    UP Ration Card: यूपी में इन परिवारों को अक्टूबर से नहीं मिलेगा मुफ्त राशन, राशन कार्ड से कटेगा नाम

    Updated: Sat, 20 Sep 2025 03:07 PM (IST)

    लखीमपुर खीरी में 3.43 लाख राशन कार्ड यूनिटों ने ई-केवाईसी नहीं कराई है जिसके कारण उनका राशन रोक दिया गया है। सरकार ने उन्हें सितंबर में ई-केवाईसी पूरा करने का एक और मौका दिया है ताकि अक्टूबर में उन्हें राशन मिल सके। ई-केवाईसी नहीं कराने पर राशन कार्ड से नाम काट दिया जाएगा और दोबारा नहीं जोड़ा जाएगा। अधिकारियों ने लाभार्थियों से तुरंत ई-केवाईसी कराने की अपील की है।

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    ई-केवाईसी न कराने वाले 3.43 लाख यूनिटों को एक और मौका

    जागरण संवाददाता, लखीमपुर। राशन कार्ड में दर्ज 3.43 लाख यूनिटों ने अब तक ई-केवाईसी नहीं कराई। इनका राशन बंद कर दिया गया। इस बीच शासन ने इनको एक और मौका दिया है।

    सितंबर महीने में ई-केवाईसी करा लेने पर अक्टूबर महीने में राशन मिल जाएगा। वहीं ई-केवाईसी न कराने पर राशन कार्ड से नाम काट दिया जाएगा और दुबारा नहीं जुड़ सकेगा।

    जिला पूर्ति अधिकारी ने दी जानकारी

    जिला पूर्ति अधिकारी अंजनी कुमार सिंह ने बताया कि राशन कार्ड में दर्ज सभी सदस्यों की ई-केवाईसी जरूरी है। ईकेवाईसी का काम करीब 88.2 प्रतिशत लाभार्थियों का हो चुका है।

    वहीं, मुखिया में 91.44 प्रतिशत राशन कार्ड मुखिया की ईकेवाईसी हो चुकी है, जबकि 343072 यूनिटों की ई-केवाईसी अब तक नहीं हुई है। ई-केवाईसी कराने के लिए लगातार कहा गया। ई-केवाईसी न कराने पर इनका राशन रोक दिया गया। इस बीच शासन ने ई-केवाईसी कराने के लिए एक और मौका दिया है।

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    कोटे की दुकान पर जाकर ई-केवाईसी कराएं

    जिला पूर्ति अधिकारी अंजनी कुमार सिंह ने बताया कि जिन यूनिटों ने अब तक ई-केवाईसी नहीं कराई है वह तुरंत अपने कोटे की दुकान पर जाकर ई-केवाईसी करा लें, जिससे अक्टूबर महीने में उनको राशन मिल सके।

    उन्होंने बताया कि अगर ई-केवाईसी न कराई तो इनका नाम अब राशन कार्ड से काट दिया जाएगा। दोबारा फिर इनका नाम राशन कार्ड में दर्ज नहीं हो सकेगा और राशन नहीं मिलेगा।

    डिस्टेंस पालिसी के विरोध में बंद रहे जिले के जन औषधि केंद्र

    डिस्टेंस पालिसी के विरोध में शुक्रवार को सरकारी अस्पतालों के जन औषधि केंद्रों को छोड़कर अन्य सभी में ताला लगा रहा। इससे इन केंद्रों पर दवा लेने पहुंचे जरूरतमंद बैरंग वापस लौट गए। केंद्र संचालकों का कहना है कि जन औषधि केंद्र खोलने के समय तीन किलोमीटर की डिस्टेंस पालिसी बताई गई थी, जिसे बाद में कम कर अब पूरी तरह से खत्म कर दिया गया है। 

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