पुनर्जीवन के इंतजार में सुहेली नदी
बिल्कुल बेकार साबित हुई थी और उससे पार्क को लाभ की बजाय नुकसान ही हुआ था। ¨सचाई विभाग ने डिसि¨ल्टग के बाद बालू को नदी के किनारे ही डंप कर दिया था जो ब ...और पढ़ें

हरीश श्रीवास्तव, पलियाकलां (लखीमपुर) : दुधवा टाइगर रिजर्व के वन्यजीवों की जीवनदायनी सुहेली नदी को पुनर्जीवन देने के लिए वन विभाग की कवायद जारी है। दुधवा पार्क के अधिकारी नदी की सिल्ट की डिसि¨ल्टग कराकर उसको उसके पूर्व की धारा में लाने के प्रयास में जुटे हैं और इसमें विधायक रोमी साहनी भी लगे हैं। पर हकीकत ये है कि यह परियोजना विधायक के तमाम प्रयासों के बाद भी अभी तक महज प्रस्ताव से आगे नहीं बढ़ सकी है।
दुधवा टाइगर रिजर्व की लाइफ लाइन मानी जाने वाली सुहेली नदी की करीब 10 किमी की डिसि¨ल्टग कराने को पार्क प्रशासन प्रयासरत हैं, पर सफलता नहीं मिल पा रही है। विधायक रोमी साहनी के दबाव पर शासन स्तर से इसके लिए कार्य योजना बनाने के निर्देश ¨सचाई विभाग को दिया गया था। करीब छह महीने पहले ¨सचाई विभाग ने नदी की डिसि¨ल्टग के लिए लगभग 11.50 करोड़ की योजना बनाकर पार्क प्रशासन को भेज दी थी।
परियोजना में पर्यावरण पर प्रभाव का नहीं है आंकलन
इस परियोजना मे ¨सचाई विभाग केवल कार्यदायी संस्था है। बजट उपलब्ध कराना, जरूरी अनुमति प्राप्त करना और संसाधन मुहैया कराना वन विभाग का काम है। ¨सचाई विभाग के प्रस्ताव में नदी की सिल्ट को हटाना तो है पर इसका पार्क की पारस्थितिकी व पर्यावरण पर क्या प्रभाव पड़ेगा इसका कोई आंकलन नहीं है। साथ ही विभाग को इस योजना की धनराशि भी ज्यादा लग रही है।
¨सचाई विभाग पर नहीं हो पा रहा भरोसा
¨सचाई विभाग ने करीब एक दशक पहले सुहेली नदी की डिसि¨ल्टग की थी जो बिल्कुल बेकार साबित हुई थी और उससे पार्क को लाभ की बजाय नुकसान ही हुआ था। ¨सचाई विभाग ने डिसि¨ल्टग के बाद बालू को नदी के किनारे ही डंप कर दिया था जो बरसात के सीजन में पुन: नदी में समा गया था और अधिकांश जंगल में फैल गया था जिससे घास के मैदानों में बालू भर गया था और उनका प्राकृतिक विकास बाधित हो गया था।
क्या कहते हैं अधिकारी
दुधवा के उप निदेशक महाबीर कौजलगि का कहना है कि सुहेली को उसकी पूर्व की धारा में लाने का प्रयास तो चल रहा है पर ¨सचाई विभाग ने जो प्रस्ताव दिया है अभी उसका अध्ययन किया जा रहा है और उसके बाद जल्द ही फंडिग के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा जाएगा।

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