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    गन्ना किसानों का 11 अरब से ज्यादा दबाए बैठी हैं आठ चीनी मिलें

    By JagranEdited By:
    Updated: Fri, 13 Sep 2019 09:45 PM (IST)

    जिले के अन्नदाता के पसीने को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करीब ढाई साल पहले एक जनसभा में मीठा बताया था वहीं के अन्नदाता का शुगर लॉबी ने हाल बेहाल और मन खट्टा कर रखा है। हालात ऐसे हैं कि चीनी के इस कटोरे के किसानों के हाथ में खाली कटोरा है। जिले में लगी कुल नौ चीनी मिलों में से आठ पिछले पेराई सत्र का गन्ना किसानों का 11 अरब से ज्यादा भुगतान दबाए बैठी हैं।

    गन्ना किसानों का 11 अरब से ज्यादा दबाए बैठी हैं आठ चीनी मिलें

    लखीमपुर : तराई को चीनी का कटोरा कहे जाने वाले जिस खीरी जिले के अन्नदाता के पसीने को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करीब ढाई साल पहले एक जनसभा में मीठा बताया था, वहीं के अन्नदाता का शुगर लॉबी ने हाल बेहाल और मन खट्टा कर रखा है। हालात ऐसे हैं कि चीनी के इस कटोरे के किसानों के हाथ में खाली कटोरा है। जिले में लगी कुल नौ चीनी मिलों पांच लाख गन्ना किसान अपनी उपज देते हैं। इनमे से आठ पिछले पेराई सत्र का गन्ना किसानों का 11 अरब से ज्यादा भुगतान दबाए बैठी हैं। ये हाल तब है, जब सूबे के शासन ने आपूर्ति के 14 दिन में किसानों को गन्ना मूल्य का भुगतान करने के सख्त निर्देश दे रखे हैं।

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    बीते सत्र 2018-19 में जिले की कुल नौ चीनी मिलों ने रिकॉर्ड 1227.55 लाख क्विंटल गन्ने की खरीद कर पेराई की। इसके सापेक्ष इन चीनी मिलों पर कुल 39.414431 अरब रुपये का भुगतान गन्ना किसानों को देय बना। जो सरकारी आंकड़े हैं उसके अनुसार 11 सितंबर 2019 तक गन्ना किसानों को कुल 28.181825 अरब रुपये का भुगतान हुआ है। इस हिसाब से अभी 11.232606 अरब रुपये गन्ना मूल्य भुगतान बकाया है। आधा सितंबर माह बीतने को है और अक्टूबर-नवंबर से नया पेराई सत्र भी शुरू हो जाएगा, पर अब तक पिछले पेराई सत्र का 71.50 फीसद भुगतान ही हुआ है, जबकि 28.50 फीसद भुगतान बाकी है।

    गोला, पलिया व खंभारखेड़ा मिलें सबसे फिसड्डी

    गन्ना मूल्य भुगतान में बजाज ग्रुप की गोला, पलिया व खंभारखेड़ा मिलें सबसे फिसड्डी हैं। इसमें गोला मिल अभी बीती 27 जनवरी, पलिया ने 12 जनवरी और खंभारखेड़ा ने पांच फरवरी तक का भुगतान किया है। वहीं ऐरा मिल ने नौ फरवरी, कुंभी ने 25 अप्रैल, गुलरिया ने आठ मई, बेलरायां ने दो मई व संपूर्णानगर चीनी मिल ने 31 मार्च तक का भुगतान किया है।

    अजबापुर मिल ने किया पूरा भुगतान

    जिले की एक मात्र डीएससीएल शुगर अजबापुर ने बीते सत्र में खरीदे गए गन्ने का संपूर्ण भुगतान कर दिया है। मिल ने कुल 175.65 लाख क्विंटल गन्ना खरीदा, जिसका कुल देय भुगतान 5.670306 अरब रुपये बना था। ये पूरा भुगतान मिल ने कर दिया है।

    मिल वार बकाया की स्थति

    गोला :: 3.002167 अरब

    पलिया :: 2.703699 अरब

    खंभारखेड़ा :: 2.054204 अरब

    ऐरा :: 2.344869 अरब

    कुंभी :: 0.18109 अरब

    गुलरिया :: 0.191409 अरब

    बेलरायां :: 0.433579 अरब

    संपूर्णानगर :: 0.321589 अरब

    दर्ज है मुकदमा, फिर भी कार्रवाई सिफर

    ऐसा नहीं कि शासन ने इन चीनी मिलों पर प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की है। चार चीनी मिलों पर मुकदमा भी दर्ज किया जा चुका है और खुद पलिया के विधायक रोमी साहनी धरने पर बैठ चुके हैं और धौरहरा की सांसद रेखा वर्मा डीएम आफिस का घेराव तक कर चुकी हैं।