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    मैदान में दर्द से कराहते रहे बच्चे, जिम्मेदार रहे मौन

    By JagranEdited By:
    Updated: Thu, 05 Dec 2019 06:10 AM (IST)

    संवादसूत्र लखीमपुर बेसिक शिक्षा विभाग के जिला स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता के आधे-अधूरे इंतजामों का खामियाजा बुधवार को भी स्कूली बच्चों को भुगतना पड़ा। ...और पढ़ें

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    मैदान में दर्द से कराहते रहे बच्चे, जिम्मेदार रहे मौन

    लखीमपुर: बेसिक शिक्षा विभाग के जिला स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता के आधे-अधूरे इंतजामों का खामियाजा बुधवार को भी स्कूली बच्चों को भुगतना पड़ा। खेलों के दौरान बच्चे चोटिल होकर जमीन पर पड़े दर्द से कराहते दिखाई दिए लेकिन, कोई भी जिम्मेदार उनके पास तक नहीं आया। जबकि मैदान पर कई खंड शिक्षा अधिकारी और प्रशिक्षक मौजूद देखे गए। अधिकारियों ने मैदान पर किसी एंबुलेंस या मेडिकल कैंप भी नहीं लगाया था।

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    दोपहर करीब एक बजे मौका था 400 मीटर दौड़ का। इस दौड़ में जिले के विभिन्न विद्यालयों से आए तमाम बच्चे प्रतिभाग कर रहे थे। जैसे ही दौड़ शुरू हुई लखीमपुर कस्तूरबा गांधी विद्यालय की कक्षा आठ की छात्रा तरन्नुम चोटिल होकर जमीन पर गिर गई। उसके पेट, पैर व हाथ में काफी चोटें आई थी। तरन्नुम दर्द से कराहती रही। कोई प्रशिक्षक या शिक्षिका उसके पास नहीं आई। स्कूल की साथी छात्राएं उसके पास पहुंची और शिक्षिका को ढूंढने लगी लेकिन, करीब 20 मिनट बाद भी बच्चियों को जब शिक्षिका नहीं मिली तब खुद ही छात्राएं तरन्नुम को गोद में उठाकर किनारे ले गईं। आखिर तक तरन्नुम को अस्पताल नहीं पहुंचाया गया। मैदान में एक तरन्नुम ही नहीं बल्कि, पसगवां ब्लॉक से आई कक्षा आठ की छात्रा पुष्पा भी दौड़ के दौरान गिरकर बेहोश हो गई। उसे मैदान से हटाकर पांडाल में कर दिया गया लेकिन, उसके बाद किसी ने पुष्पा की सुधि नहीं ली। करीब आधे घंटे तक पुष्पा पंडाल में ही बेहोशी अवस्था में पड़ी रही। कुछ महिला शिक्षकों की नजर जब पुष्पा पर पड़ी तो वह शोर मचाने लगी। जिसके बाद बीईओ मुख्यालय अनुराग मिश्रा वहां पहुंचे लेकिन, पुष्पा को ले जाने के लिए कोई साधन नहीं था। करीब 20 मिनट तक वाहन खोजने में लग गए। इस दौरान पूरे मैदान में अफरा-तफरी मची रही। बाद में उसे अस्पताल पहुंचाया गया इस तरह दौड़, कूद, वॉलीबॉल जैसी प्रतियोगिताओं में कई छात्र चोटिल हुए जिनके उपचार के लिए मैदान में कोई व्यवस्था नहीं की गई थी।

    कुछ मिनट रूककर चले गए डॉक्टर

    बीएसए बुद्धप्रिय सिंह ने बताया कि रैली से पहले उन्होंने सीएमओ को एंबुलेंस व डॉक्टर के लिए पत्र भेजा था। एंबुलेंस नहीं आई थी लेकिन, एक डॉक्टर आए थे जो कुछ देर रूक कर चले गए। एक बच्ची बेहोश हुई थी अब उसकी हालत ठीक है।