रामायण संगोष्ठी में अकबर-बीरबल के लतीफे, हिन्दू संगठन भड़के
ऐतिहासिक दशहरा मेले के मंच पर आयोजित रामायण संगोष्ठी के कार्यक्रम में अकबर-बीरबल के लतीफे सुनाए जाने पर हिदू संगठनों ने हंगामा खड़ा कर दिया। विहिप बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने कार्यक्रम बीच में रोककर विरोध जताया। दूर-दूर से रामायण संगोष्ठी में आए श्रोताओं ने कुर्सियों पर खड़े होकर करीब 25 मिनट तक शोर शराबा किया। हिदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने नगर पालिका ईओ पर मनमानी करने रामायण के संदेशों का अपमान करने का आरोप लगाया।
लखीमपुर: ऐतिहासिक दशहरा मेले के मंच पर आयोजित रामायण संगोष्ठी के कार्यक्रम में 'अकबर-बीरबल' के लतीफे सुनाए जाने पर हिदू संगठनों ने हंगामा खड़ा कर दिया। विहिप, बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने कार्यक्रम बीच में रोककर विरोध जताया। दूर-दूर से रामायण संगोष्ठी में आए श्रोताओं ने कुर्सियों पर खड़े होकर करीब 25 मिनट तक शोर शराबा किया। हिदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने नगर पालिका ईओ पर मनमानी करने रामायण के संदेशों का अपमान करने का आरोप लगाया।
कार्यक्रम की शुरुआत नगर पालिका अध्यक्ष निरूपमा वाजपेयी ने दीप प्रज्वलन कर किया। इसके बाद संस्कृत विद्यालय के आचार्य पंकज कृष्ण शास्त्री ने वेदपाठी बच्चों के संग सामूहिक मंत्रोच्चार कर कार्यक्रम की शुरुआत की। इसी के बाद कथा व्यास सुबोध कांत कपिल ने लक्ष्मण शक्ति का प्रसंग सुनाना शुरू किया। इसी बीच सीता विवाह के प्रसंग सुनाया जाने लगा। कथा का उदाहरण देने के लिए बार-बार अकबर-बीरबल के लतीफे सुनाए जाने लगे। इस पर विहिप के प्रांतीय नेता संजय मिश्रा आचार्य, संगठन मंत्री राघव हिदू, बजरंग दल कार्यकर्ता अंकित वाजपेयी, वरिष्ठ अधिवक्ता राजकुमार त्रिवेदी, पुजारी पुस्तक भंडार के सुरेश शुक्ला, रामचरित मानस के जानकार प्रमोद शुक्ला, वृंदावन से आए अतुल कृष्ण शास्त्री, राजेंद्र तिवारी कंटक समेत तमाम संतों ने खड़े होकर विरोध जताना शुरू कर दिया। सवाल उठाया कि उदाहरण देने के लिए रामायण के अंदर राम-भरत संवाद समेत समाज को दिशा देने वाले प्रसंग सुनाए जाने चाहिए। चुटकुलों के माध्यम से अकबर-बीरबल को महान बताने की कोशिश की जा रही है। संगोष्ठी में रामायण पर कोई चर्चा नहीं की जा रही। विहिप कार्यकर्ताओं ने ईओ आर.आर अंबेश के खिलाफ नाराजगी जताई। कहा ईओ ही सबसे ज्यादा रामायण संगोष्ठी में दिलचस्पी ले रहे थे। लेकिन, शहरवासियों को संगोष्ठी से कुछ हासिल नहीं हुआ। इस दौरान मेला अध्यक्ष सर्वेश वर्मा, डॉ. सतीश कौशल वाजपेयी, मेला प्रभारी अमरदीप मौर्या, अमित सोनी, कथावाचक अवधेश पांडेय, स्वामी गोपालानंद सरस्वती समेत तमाम लोग थे।
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