Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    2009 का इतिहास दोहराने की दौड़ में पिछड़ती जा रही कांग्रेस

    By JagranEdited By:
    Updated: Mon, 14 Mar 2022 09:46 PM (IST)

    पूर्णेश वर्मा लखीमपुर जिले में 2009 का इतिहास दोहराने की दौड़ में कांग्रेस पिछड़ती जा र

    Hero Image
    2009 का इतिहास दोहराने की दौड़ में पिछड़ती जा रही कांग्रेस

    पूर्णेश वर्मा, लखीमपुर

    जिले में 2009 का इतिहास दोहराने की दौड़ में कांग्रेस पिछड़ती जा रही है। अब से 13 साल पहले सन 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने जिले की दोनों सीटें जीतकर इतिहास रचा था। तब कांग्रेस के दो कद्दावर नेता तत्कालीन केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद और पूर्व मंत्री जफर अली नकवी सांसद चुने गए थे। इस जीत के बाद जिले की कांग्रेस में संगठनात्मक स्तर पर भी नई ऊर्जा का संचार हुआ, पर उसके बाद गुटबाजी के शुरू हुए माहौल ने सारा खेल बिगाड़ दिया और पार्टी का जनाधार लगातार गिरता गया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में मिली सफलता की ऊर्जा भी कांग्रेस पार्टी के लिए संजीवनी का काम नहीं कर पाई और 2012 के विधानसभा चुनाव में ही पार्टी खीरी जिले में फिर से धराशाई हो गई। कांग्रेस के दोनों सांसद मिलकर आठ में से एक भी विधानसभा सीट पार्टी को जिता पाए थे। इसके बाद तो लगातार जिले में कांग्रेस का जनाधार और गिरता गया। 2014 के लोकसभा चुनाव में दोनों सांसदों के हार जाने के बाद 2017 के विधानसभा चुनाव में कुछ हालात बदले। सपा से गठबंधन के चलते कांग्रेस ने पलिया और मोहम्मदी दो ही सीटों पर चुनाव लड़ा और दोनों सीटों पर उप विजेता रही थी। वोट पतिशत भी बढ़कर दहाई के अंक तक पहुंचा था, पर उसे सपा से गठबंधन के कारण बढ़ा माना गया। बाद के चुनावों यानि 2019 के लोकसभा चुनाव और हाल ही संपन्न हुए 2022 के विधानसभा चुनाव में पार्टी फिर कोई सीट नहीं निकाल पाई। इस बार पार्टी का मत प्रतिशत भी काफी गिर गया, जो दहाई के अंक तक भी नहीं पहुंच सका। 2022 के विधानसभा चुनावों में सीट वार कांग्रेस का वोट प्रतिशत पलिया ::: 1.91

    निघासन ::: 1.17

    गोलागोकर्णनाथ ::: 1.35

    श्रीनगर ::: 0.93

    धौरहरा ::: 0.53

    लखीमपुर ::: 1.05

    कस्ता ::: 0.91

    मोहम्मदी ::: 1.04 ................

    1996 के बाद जिले में नहीं मिली कोई विधानसभा सीट कांग्रसे को जिले में वर्ष 1996 के बसद कोई विधानसभा सीट नहीं मिली। 1996 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सिर्फ निघासन और धौरहरा सीट पर अपने प्रत्याशी उतारे थे। इसमें निघासन सीट पर कांग्रसे प्रत्याशी को 39 फीसद से ज्यादा वोट मिले थे, पर सीट हर गई थी। धौरहरा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी ने 35.55 फीसद मत पाकर जीत दर्ज की थी।