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    राजपरिवार से है झंडीराज की पहचान

    By JagranEdited By:
    Updated: Tue, 25 Sep 2018 11:47 PM (IST)

    निघासन (लखीमपुर) : झंडीराज की नींव मुगल बादशाह जहांगीर के शासनकाल मे जांगड़ा राजपूतों

    राजपरिवार से है झंडीराज की पहचान

    निघासन (लखीमपुर) : झंडीराज की नींव मुगल बादशाह जहांगीर के शासनकाल मे जांगड़ा राजपूतों द्वारा चार सौ साल पूर्व रखी गई थी। जो राजस्थान के जालौर जिले से पूरे परिवार के साथ आकर लालपुर में बस गए थे। यहां भी विभिन्न आपदाओं ने इस राजपरिवार को घेर लिया था, जिसके छुटकारे के लिए 150 साल पूर्व राजा लालता सिहं ने बरम बाबा नमक सिद्ध पुरुष की शरण में जाकर उपाय पूछा और एकांत वाले स्थान पर जाकर विशेष पूजा पाठ शुरुआत की। पूजा समापन पर बाबा ने एक दिव्य झंडी स्थापित करते इसी स्थल पर राजमहल के निर्माण की सलाह दे महल की नींव रखी थी। महल में स्थापित झंडी से ही गांव का नाम झंडीराज पड़ा। राजमहल व उनके द्वारा बनाये गए मंदिरों की मौजूदगी ही झंडीराज का गौरव है।

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    उपलब्धियां

    ग्राम पंचायत में 110 सोलर लाइट लगी है। 11 मजरों में बिजली है, इसके अलावा करीब साठ इंडिया मार्का हैंडपंप है। प्रधान रमाकान्त गौतम बताते हैं कि ग्राम पंचायत प्रत्येक मजरे को मुख्य सड़कों से जोड़ने का काम चल रहा। साफ पानी घर घर पहुचे इसलिये पानी की टंकी भी बन गई है। लेकिन बजट के अभाव से चल नहीं पाई है। चालू होते ही नियमित पानी की सप्लाई मिलेगी। 80 इंडिया मार्का हैंडपंप व छ: आंगनबाड़ी केंद्र तथा तीन मंदिर व दो मस्जिदें गांव की पहचान है।शिक्षा के मामले पांच प्राथमिक विद्यालय व दो जूनियर हाई स्कूल संचालित है,एक पंचायत घर के साथ ही तीन प्रसिद्ध मंदिर व दो मस्जिदें स्थित हैं।

    इन पर है नाज

    गांव के पहले प्रधान डॉ शारदा प्रसाद हुए थे। विधान सभा के जनप्रतिनिधि रहे राजा ब्रजराज ¨सह के प्रयासों से गांव में ही हाई स्कूल विद्यालय बना था जहां वर्तमान में एक हजार बच्चे शिक्षा ले रहे हैं। इसके अलावा यहीं के वेदप्रकाश मिश्रा ने कड़ी मेहनत के बलबूते पढ़ाई कर जेल अधीक्षक का पद हासिल किया और लंबी सेवा के बाद दो छह साल पूर्व गोरखपुर जिले से जेलर पद से सेवानिवृत्त हुए। झंडी के ही रहने वाले कैलाश चन्द्र मिश्रा ने अध्यापक पद के साथ बीआरसी पद पर भी कार्य किया। यहीं के काजिम हुसैन ने भी सरकारी शिक्षक के पद के साथ शिक्षक संघ के अध्यक्ष का निर्वहन कर तराई के लोगों को शिक्षा के प्रति जागरूक किया।

    यह हो तो बने बात

    गांव के पूर्व प्रधान चेतराम यादव बताते हैं कि गांव कि झंडीराज लालपुर की पंचायत की शान है। लेकिन पंचायत के अन्य गांवों में जल निकासी की सही व्यवस्था न होने से जलभराव के हालात रहते हैं। इस पंचायत में साफ सफाई के लिए कोई सफाई कर्मी नहीं है। सफाई के अभाव से गंदा पानी गांवों की सड़कों पर भरा रहता है।

    आधारभूत ढांचा

    ग्राम पंचायत लालपुर की आबादी करीब बारह हजार है और सात हजार मतदाता हैं। इसी पंचायत के क्षेत्रफल में होम्योपैथिक अस्पताल है और पुलिस चौकी सहित एक सीबीएस बैंक शाखा मौजूद है। इसके अलावा इसी के क्षेत्रफल में एक महाविद्यालय भी है, जहां करीब हजार छात्र छात्राएं उच्च शिक्षा ग्रहण कर रही हैं।