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    Lakhimpur Kheri: रेलवे ने सात जुलाई तक मैलानी नानपारा रेल प्रखंड पर ट्रेनों का संचालन किया बंद, जानें क्‍या है वजह?

    Updated: Mon, 30 Jun 2025 06:26 PM (IST)

    लखीमपुर खीरी के पास रेल ट्रैक से रिसाव रोकने के प्रयास जारी हैं पर रिसाव अभी भी हो रहा है। शारदा नदी का जलस्तर बढ़ने से समस्या और गंभीर हो गई है। रेलवे ने ट्रेनों का संचालन स्थगित कर दिया है। गुरुद्वारा महंगापुर के ग्रामीण कारसेवा कर रहे हैं। ग्रामीणों को बाढ़ का डर सता रहा है क्योंकि खेतों में पानी भरने से फसलों को नुकसान हो सकता है।

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    पानी का रिसाव रोकने के लिए चल रहे काम के दौरान ट्रैक पर जमा लोग।

    संवाद सूत्र, पलियाकलां (लखीमपुर)। शारदा का जलस्तर बढऩे के साथ रविवार को अतरिया क्रॉसिंग के पास रेल ट्रैक से हो रहे रिसाव को रोकने के लिए रेल महकमा जुटा हुआ है। जिस जगह से रिसाव हो रहा है वहां पर बोल्डर डाला जा रहा है जिससे कि रेल लाइन को कटने से बचाया जा सके, लेक‍िन पानी का रिसाव जारी है। उधर, रेलवे ने मैलानी नानपारा प्रखंड पर सात जुलाई तक ट्रेनों का संचालन स्थगित कर दिया है। बनबसा बैराज से शारदा नदी में पानी का डिस्चार्ज कम होने से नदी खतरे के निशान से तो नीचे है पर बाढ़ की आशंका बनी हुई है। नदी की ड्रेजिंग का काम सही ढंग से न होने व अधूरा होने से शारदा का पानी पलिया की तरफ फैल रहा है जिसके कारण ही रेल ट्रैक के नीचे रिसाव शुरू हुआ है।

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    गुरुद्वारा महंगापुर व आसपास के गांवों के लोग कर रहे कारसेवा

    रेल ट्रैक को बचाने में गुरुद्वारा महंगापुर व आसपास के गांवों के लोग कारसेवा कर रहे है और रेल महकमे को सहयोग दे रहे है। रविवार को अतरिया रेलवे क्रासिंग तक शारदा नदी का पानी आ जाने के कारण रेल ट्रैक के नीचे से रिसाव शुरू हो गया था। रिसाव रोकने के लिए रेलवे व आसपास के ग्रामीणों ने प्रयास शुरू कर दिया था। रात भर काम चलता रहा और श्रमिक बोल्डर डालते रहे, पर रिसाव बंद नही हो सका है। जिस जगह पर पहले रिसाव हो रहा था उस जगह पर बोल्डर व मिट्टी डालकर रोक दिया गया पर पानी उसके बगल में दूसरी जगह से रिसने लगा। इधर दिन भर हुई बारिश के कारण मरम्मत कार्य में भी व्यवधान पड़ा फिर भी कारसेवक डटे रहे।

    रेल महकमा संजीदा पर नहीं दिख रही तेजी

    रेल महकमा मरम्मत को लेकर संजीदा तो है पर काम में वह तेजी नहीं है जो होनी चाहिए थी। रेल ट्रैक से पानी का रिसाव न रुकने के कारण ग्रामीणों को बाढ़ की आशंका सता रही है। उनका कहना है कि बाढ़ तो बाद में आएगी यदि पानी का रिसाव नहीं रुका तो इस पानी से ही फसलें बर्बाद हो जाएंगी। इसलिए ग्रामीण जी जान लगाकर रिसाव रोकने को कारसेवा कर रहे हैैं। वहीं दूसरी ओर बनबसा से 65 हजार क्यूसिक पानी का पुन: डिस्चार्ज किया गया है।

    नौगवां इलाके में बढ़ा जलस्तर

    नौगवां इलाके में वर्षा व शारदा का जलस्तर बढऩे से किसानो के खेतों तक नदी का पानी पहुंच गया है। क्षेत्र के ग्राम दुबहा, कुंवरपुर कलां, खैरा, नयापुरवा मजरा मझगई, लियाकतपुरवा, चौरी, खालेपुरवा, बबौरा के मजरा विष्णुपुर आदि गावों में बाढ़ की स्थिति हो गई है। शारदा के तेज बहाव से ग्राम पंचायत गोन्हा के गांव रामेश्वरापुर, रामकला किसानों की भूमि कटान का भी खतरा बढ़ गया है। ग्राम पंचायत कुंवरपुरकला खैरा में किसानों के खेतों में बाढ़ का पानी भर गया है। सवाल है कि शारदा नदी के पानी को नियंत्रित करने के लिए 22.23 करोड़ की योजना शुरु की गई थी । जिसमें लापरवाही बरतने के आरोप भी मढ़े जा रहे हैं। नतीजतन केवल 1.15 लाख क्यूसिक पानी को नदी में नियंत्रित नहीं किया जा सका और पानी पलिया की तरफ बढ़ गया तथा रेल ट्रैक से रिसाव शुरू हो गया।