Lakhimpur Kheri News: ससुर की हत्या के मामले में दोषी दामाद को 10 साल की कैद, 11 साल बाद आया फैसला
लखीमपुर खीरी में दामाद को ससुर की हत्या के मामले में 10 साल की सजा सुनाई गई। मदन लाल अपनी बेटी और दामाद के बीच झगड़ा शांत कराने गए थे जहाँ दामाद और उसके परिवार ने उन पर हमला कर दिया जिससे उनकी मौत हो गई। अदालत ने कल्लू को दोषी पाया जबकि अन्य आरोपियों को बरी कर दिया गया।

संवाद सूत्र, लखीमपुर। पति-पत्नी के बीच हुए विवाद को समाप्त कराने पहुंचे ससुर को पीट-पीट कर हत्या करने के मामले में आरोप सिद्ध हो जाने पर एडीजे मनोज कुमार सिंह ने दोषी अभियुक्त दामाद को दस साल के कारावास की सजा सुनाई है। इस मामले में में 11 साल बाद फैसला आया है।
अभियोजन पक्ष की ओर से मुकदमे की पैरवीं कर रहे अपर शासकीय अधिवक्ता राजेश कुमार सिंह ने बताया कि पलिया थाना क्षेत्र के गुलरा भगवंत नगर में रहने वाले मदन लाल ने अपनी लड़की की शादी गांव में ही कल्लू के साथ की थी। कुछ दिन बाद ही पुत्री और दामाद के बीच विवाद होने लगा था।, विवाद ज़्यादा बढ़ गया तो सात जनवरी 2014 को समझाने और बीच बचाव करने के लिए मदनलाल गए।
यह बात दामाद को इतनी नागवार गुजरी कि कल्लू ने अपने भाई लाला उर्फ मनोज और घरवालों के साथ मिलकर ससुर मदनलाल की बुरी तरह लाठी डंडों और पिटाई कर दी, जिसके बाद मरणासन्न स्थिति में उसे घर से निकाल दिया था। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ने नाजुक हालत देखते हुए मदनलाल को जिला अस्पताल भेजा गया, जहां इलाज के दौरान तीसरे दिन मदनलाल की मौत हो गई थी।
पुलिस ने विवेचना के बाद दामाद कल्लू, और उसके भाई लल्ला उर्फ़ मनोज और समधन गुड्डी के विरुद्ध आरोप पत्र दाखिल किया। अभियोजन पक्ष ने मुक़दमे के समर्थन में वादी, रेशमा देवी, डॉ आर एस भदौरिया, गंगाराम, रक्षपाल, डॉक्टर मृदुल शुक्ला, इंस्पेक्टर जयप्रकाश यादव को गवाही में पेश किया।आरोप सिद्ध हो जाने पर न्यायाधीश मनोज कुमार सिंह ने दोषी अभियुक्त दामाद कल्लू को दस साल के कारावास व और उसके भाई लल्ला उर्फ़ मनोज को दोषसिद्ध पाए जाने पर सात साल के कारावास की सजा सुनाई, जबकि समधन गुड्डी को साक्ष्य के अभाव में दोष मुक्त किया है ।

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