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    लखीमपुर में लंपी स्किन डिजीज से पशु प्रभावित, पशुपालन विभाग अलर्ट; 30 हजार से अधिक गायों का हुआ टीकाकरण

    Updated: Mon, 06 Oct 2025 01:55 PM (IST)

    लखीमपुर खीरी जिले में गोवंश में फैली लंपी स्किन डिजीज को लेकर पशुपालन विभाग सतर्क है। 30 हजार से अधिक गायों का टीकाकरण हुआ है और जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। पशुपालकों को बीमार पशुओं को अलग रखने और बाड़ों को साफ रखने के निर्देश दिए गए हैं। जिले में 144 गोआश्रय स्थल संचालित हैं और पशु चिकित्सालयों में कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है।

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    लंपी स्किन डिजीज से पशु प्रभावित, पशुपालन विभाग अलर्ट।

    संवाद सूत्र, लखीमपुर। जिले में गोवंशीय पशुओं में तेजी से फैल रही लंपी स्किन डिजीज को लेकर पशुपालन विभाग पूरी तरह सतर्क हो गया है। अब तक 30 हजार से अधिक गायों का टीकाकरण हो चुका है और विभिन्न ब्लाकों में अभियान तेज कर दिया गया है। विभाग ने पशुपालकों और गोशाला संचालकों को बीमारी से बचाव के लिए जागरूक करना शुरू कर दिया है। पशु अस्पतालों, चिकित्सकों और स्टाफ को अलर्ट पर रखा गया है।

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    मितौली ब्लाक के दरी नगरा ग्राम पंचायत सहित कई गांवों में संक्रमण के लक्षण सामने आए हैं। इसके चलते मितौली और बेहजम क्षेत्र में टीकाकरण अभियान तेज कर दिया गया है। डिप्टी सीबीओ डा. हनी सक्सेना ने बताया कि यह वायरस जनित रोग है, जिसमें पशुओं के शरीर पर गांठें निकल आती हैं जो बाद में घाव का रूप ले लेती हैं। तेज बुखार, भूख न लगना, नाक व मुंह से पानी गिरना इसके प्रमुख लक्षण हैं।

    पशुपालकों के लिए जरूरी सावधानियां

    विभाग ने पशुपालकों को सख्ती से निर्देश दिए हैं कि बीमार पशुओं को तुरंत स्वस्थ पशुओं से अलग रखें और बिना देरी किए नजदीकी पशु चिकित्सक से संपर्क करें। पशुओं के बाड़ों को साफ-सुथरा रखें और नियमित रूप से मच्छर-मक्खी रोधी दवाओं का छिड़काव करें। नीम की पत्तियों व गूगल का धुआं करने की सलाह दी गई है। साथ ही 2 प्रतिशत सोडियम हाइपोक्लोराइट के छिड़काव पर भी जोर दिया जा रहा है।

    जिले की स्थिति

    जिले में कुल 144 गोआश्रय स्थल संचालित हैं, जिनमें 127 अस्थायी, सात बृहद गोसंरक्षण केंद्र, दो जिला पंचायत संचालित और छह नगर पालिका संचालित आश्रय स्थल शामिल हैं। इसके अलावा दो बृहद आश्रय स्थल निर्माणाधीन हैं। जिले में 42 पशु अस्पताल और 32 पशु प्रसार केंद्र संचालित हैं। विभाग में 16 पशु चिकित्सक, 12 फार्मासिस्ट और 19 पशुधन प्रसार अधिकारी तैनात हैं।

    मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. दिनेश सचान ने बताया कि जिले में पहले चरण में 53 हजार वैक्सीन उपलब्ध कराई गई हैं। इनमें से अब तक दस हजार से अधिक वैक्सीन लगाई जा चुकी हैं। वर्तमान में 34,890 गोवंशीय पशु आश्रय स्थलों में संरक्षित हैं।

    कंट्रोल रूम जारी

    पशुपालकों की सुविधा के लिए राजकीय पशु चिकित्सालय सदर में कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। पशुपालक मोबाइल नंबर 8765957926 पर संपर्क कर सकते हैं। विभाग ने साफ किया है कि सतर्कता और समय पर टीकाकरण ही इस बीमारी से पशुओं को सुरक्षित रख पाएगा।

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