तीसरी लहर से निपटने के अधूरे इंतजाम
तीसरी लहर की शुरुआत होने को है और स्वास्थ्य विभाग के पास इंतजाम आधे-अधूरे हैं
लखीमपुर : तीसरी लहर की शुरुआत होने को है और स्वास्थ्य विभाग के पास इंतजाम आधे-अधूरे हैं। पसगवां और बांकेगंज जैसे दूरस्थ इलाकों पर कहीं बाल रोग विशेषज्ञ ही नहीं हैं, तो कहीं आक्सीजन की भी कमी है।
जिला मुख्यालय पर अस्पताल में करीब 70 सिलिडर हैं। 25 बेड हैं, जिसमें 10 बेड आइसीयू के हैं। सीएमएस डॉ. आरसी अग्रवाल के मुताबिक यहां डॉ. आरपी वर्मा, डॉ. राजेश और डॉ. राम बिलास रावत बच्चों का इलाज करेंगे।
बांकेगंज: सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर बच्चों का वार्ड तैयार कर लिया गया है। डॉक्टरों व स्टाफ नर्स को ट्रेनिग दी गई है। चिकित्सक केके रंजन ने बताया कि यहां कोई बाल रोग विशेषज्ञ नहीं है। न ही केंद्र को किसी भी जन प्रतिनिधि ने गोद लिया गया है। आक्सीजन सिलिडर पर्याप्त हैं।
पलियाकलां: सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पलियाकलां को अभी तक सांसद, विधायक या किसी अन्य जनप्रतिनिधि ने गोद नहीं लिया है। यहां बच्चों के लिए अलग वार्ड बनाया गया है। जिसमें पांच बेड हैं। अधीक्षक डॉ. हरेंद्र नाथ वरुण ने बताया कि केंद्र में दो बालरोग विशेषज्ञ तैनात किए गए हैं। वार्ड के लिए दो स्टाफ नर्स व एक वार्ड ब्वाय भी तैनात है। परिसर में आक्सीजन प्लांट 15 दिन में तैयार होने की उम्मीद है। 30 बेड वाले इस अस्पताल में कोविड से बचाव के लिए 15 सिलिडर भरवाकर रिजर्व कर लिया गया है। दवा उपलब्ध हैं।
मोहम्मदी: सीएचसी अधीक्षक डॉ. सुरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि आक्सीजन सिलिडर प्रचुर मात्रा में हैं। सात आक्सीजन कंस्ट्रेटर अस्पताल में हैं। आक्सीजन प्लांट दो तीन दिन में शुरू हो जाएगा। बच्चा वार्ड में छह बेड हैं। स्टाफ को ट्रेनिग दी गई हैं। अस्पताल को विधायक लोकेंद्र प्रताप सिंह ने गोद लिया है।
नीमगांव: बेहजम सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को अभी तक सांसद, विधायक या किसी अन्य जनप्रतिनिधि ने गोद नहीं लिया है। यहां बच्चों के लिए दस बेड का वार्ड तैयार किया गया है। 10 सिलिडर भरवाकर रिजर्व कर लिए गए हैं।
गोलागोकर्णनाथ: कोरोना महामारी को लेकर गोला सीएचसी में तैयारियां पूरी की जा चुकी है। आक्सीजन प्लांट व पाइप लाइन निर्माण कार्य जारी है। आक्सीजन सिलिडर की पर्याप्त व्यवस्था है। सीएचसी अधीक्षक डॉ. अजय वर्मा ने बताया कि बच्चों के लिए दस बेड का कक्ष तैयार है तथा बाल रोग विशेषज्ञ अशोक बिहारी सहित स्टाफ को प्रशिक्षित किया जा चुका है।
तिकुनिया: तिकुनिया पीएचसी में दो सिलिडर आक्सीजन की व्यवस्था है जो कि पीएचसी स्टॉप अपने खर्चे पर भरवाते हैं। बच्चों के लिए कोई बेड की व्यवस्था नहीं है। स्टाफ के नाम पर केवल एक चिकित्सक व अन्य स्टाफ मौजूद है। स्वीपर की पोस्ट खाली है। डॉ. अरविद पटेल ने बताया कि अगर तीसरी लहर आती है तो उसकी तैयारियों के लिए सीएचसी निघासन में सारी व्यवस्थाएं की गई है। तिकुनिया पीएचसी में कोई कोई मरीज आता है तो उसको दवाइयां दे दी जाती हैं।
मूड़ासवारान: पीएचसी में चार वर्किंग बेड, एक आक्सीजन सिलिडर है। बाल रोग विशेषज्ञ नहीं है और न ही इस पीएचसी को किसी सांसद या विधायक ने गोद लिया है।
फूलबेहड़: सीएचसी में अभी तक बाल रोग विशेषज्ञ की तैनाती नहीं हुई है। आक्सीजन के लिए 16 सिलिडर उपलब्ध हैं। सीएचसी को किसी विधायक व सांसद ने गोद नहीं लिया है। यहां बाल रोग विशेषज्ञ नहीं है। सीएचसी पर 10 बेड की व्यवस्था की गई है। अति आवश्यक दवाओं का स्टाक कर लिया गया है। सीएचसी प्रभारी अमितेश दत्त द्विवेदी ने बताया कि जब तक कोई बाल रोग विशेषज्ञ नहीं मिलता है। सेवाएं जारी रखने के लिए पीडीआईटिक सभी डॉक्टर व स्टाफ नर्स की ट्रेनिग दी जा चुकी है।
कैमहरा: सीएचसी फरधान में आक्सीजन प्लांट लगाया गया है। 16 बेडों के चार कमरों में एक साथ 16 मरीजों को आक्सीजन दी जा सकेगी। सीएचसी को श्री नगर की विधायक मंजू त्यागी ने गोद लिया है।
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