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    कृषि कानूनों की लड़ाई के समर्थन गेहूं की फसल जोती

    By JagranEdited By:
    Updated: Sun, 07 Mar 2021 11:01 PM (IST)

    कृषि कानूनों को लेकर किसानों के विरोध के समर्थन में एक किसान ने अपनी खड़ी गेहूं की फसल जोत दी। ...और पढ़ें

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    कृषि कानूनों की लड़ाई के समर्थन गेहूं की फसल जोती

    लखीमपुर : कृषि कानूनों को लेकर किसानों के विरोध के समर्थन में एक किसान ने अपनी खड़ी गेहूं की फसल जोत दी। कहा सरकार तीन कृषि कानूनों पर किसानों की नहीं सुन रही। किसानों के पास जब खेत ही नहीं रहेंगे तो फसलों का क्या करना है। जैसी दुर्दशा धान की हुई है, वैसे ही गेहूं की भी दुर्दशा होगी। किसान द्वारा अपने गेहूं की फसल जोतने की वीडियो इंटरनेट मीडिया पर भी वायरल हुआ है।

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    संपूर्णानगर क्षेत्र के गोविदनगर निवासी युसूफ खान ने किसानों को समर्थन करते हुए रविवार को एक एकड़ खड़ी गेहूं की फसल को जोत दिया, जो इन दिनों तैयार हो चुकी थी। किसान के मुताबिक उसके पास 3.5 एकड़ भूमि है। इसमें से एक एकड़ गेहूं की फसल बोई थी। बाकी अन्य फसलें हैं। किसान का कहना है कि तीन काले कृषि कानूनों को लेकर, किसान दिल्ली अपनी मांग को लेकर बैठे हैं लेकिन, सरकार सुन नहीं रही। तीनों कृषि कानून किसानों के हित में नहीं है। पिछले वर्ष धान की फसल औने-पौने दामों पर बिकी है। इन कानूनों के चलते इस बार गेहूं की भी फसल औने-पौने दामों पर ही जाएगी। कृषि कानूनों के चलते किसानों के पास जमीन ही नहीं बचेगी तो वह फसल का क्या करेंगे। इसलिए किसानों को समर्थन करते हुए गेहूं की फसल जोती है। आश्वासन के बाद बकाया भुगतान न किए जाने पर किसान आंदोलित किसान नेता श्रीकृष्ण वर्मा की अगुआई में राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के बैनर तले गत दिनों सदर चौराहे पर बकाया गन्ना भुगतान को लेकर विरोध प्रदर्शन किया गया था। इसमें मिल प्रबंधन व प्रशासनिक हस्तक्षेप के बाद किसानों ने धरना प्रदर्शन स्थगित कर दिया था। वार्ता में तय किया गया था कि पांच मार्च तक बीते वर्ष का पूर्ण भुगतान कर दिया जाएगा। इसके बाद छह मार्च से चालू पेराई सत्र का भुगतान कराया जाएगा। किसान नेता श्रीकृष्ण वर्मा का आरोप है कि 15 करोड़ रुपये एक मार्च 2021 को तथा अवशेष संपूर्ण बकाया भुगतान पांच मार्च तक किसानों के खातों में भेज देने की बात कही गई थी लेकिन, ऐसा नहीं हुआ। इस पर रविवार को किसान नेता ने अन्य किसानों के साथ कोतवाली पहुंचकर सीओ आरके वर्मा व प्रभारी निरीक्षक अरविद पांडेय से कहा कि वार्ता के दौरान एसडीएम गोला और गन्ना समिति के सचिव नंदलाल ने आश्वासन दिया था कि यदि पांच मार्च को चीनी मिल गोला किसानों के खातों में भुगतान नहीं भेजेगी, तब छह मार्च को चीनी मिल के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत कराया जाएगा। रविवार सात मार्च को संगठन के जिला अध्यक्ष पटेल श्रीकृष्ण वर्मा अपने साथियों के साथ कोतवाली गोला पहुंचे, जहां पर सीओ और कोतवाल ने चीनी मिल के कारखाना प्रबंधक राजेश कुमार मिश्रा को बुलाकर वार्ता की। किसान नेता श्रीकृष्ण वर्मा, नारायण लाल वर्मा, सर्वेश कुमार वर्मा, शिवदयाल वर्मा, राकेश कुमार वर्मा, नन्हे श्रीवास्तव, रुकुमकेश वर्मा, राम अवतार वर्मा आदि मुकदमा दर्ज कराए जाने की मांग पर अड़े रहे। इस पर कोतवाल व सीओ ने चीनी मिल के विरुद्ध आठ मार्च को रिपोर्ट दर्ज करने का आश्वासन दिया है।