छैरासी बीट में हाथियों के उत्पात से 34 एकड़ फसल बर्बाद
भीरा वन रेंज के अंतर्गत छैरासी बीट व पल्हनापुर बीट में
लखीमपुर : भीरा वन रेंज के अंतर्गत छैरासी बीट व पल्हनापुर बीट में पिछले एक सप्ताह से जंगली हाथियों ने खेतों में खूब उत्पात मचाया है जिससे किसानों की लगभग 34 एकड़ फसल बर्बाद हो गई है। हाथियों ने पंपसेट को भी क्षतिग्रस्त कर दिया है व चार छप्पर भी तोड़ दिए।
भीरा रेंज के जंगलों से सटा हुआ इलाका छैरासी बीट के गांव महेशपुर में मंगलवार की रात दिलबाग सिंह की दो छप्पर व एक सिचाई युक्त मोटर क्षतिग्रस्त कर दिया है। वहीं ज्ञान सिंह, मनजीत सिंह, शीशा सिंह की तीन-तीन बीघा धान की फसल व शंकरलाल का तीन बीघा गन्ने की फसल को रौंदकर बर्बाद कर दिया है। इससे पहले भी पल्हनापुर बीट के अंबारा गांव में भी किसानों की फसलें बर्बाद की थी। उसके बाद वसलीपुर में भी फसलों का नुकसान किया है। आलम यह है कि वन विभाग भी इनको यहां से हटा पाने में असमर्थ नजर आ रहा है। रेंजर राकेश बाबू का कहना है कि फसल के नुकसान का क्षेत्रीय लेखपालों के द्वारा आकलन कराकर उच्च अधिकारियों को अवगत कराया जा रहा है। -----------
ट्रैप कैमरों से तलाशी जाएगी हमलावर बाघ की लोकेशन लखीमपुर : डोकरपुर में बाघ के हमले की घटना के बाद वन विभाग हरकत में आ गया है। महकमे ने बाघ की लोकेशन तलाशने के लिए छह ट्रैप कैमरे अलग-अलग स्थानों पर लगाए गए हैं। कैमरे में बाघ की फुटेज मिलने से उसकी मौजूदगी की पुष्टि होगी। वहीं उनकी प्रकृति एवं विचरण से नर, मादा की पहचान के साथ ही वास्तविक संख्या का भी पता चल सकेगा, जिससे वर्तमान परिस्थितियों के अनुसार विभाग मानव वन्यजीव संघर्ष की दिशा में प्रबंधन कर सकेगा।
महेशपुर रेंज की आंवला बीट में तीन दिन पहले ग्राम डोकरपुर निवासी कमलेश कुमार (32) पुत्र नत्थू पर बाघ ने हमला कर घायल कर दिया था। कमलेश अपने अन्य साथियों के साथ वहीं के निवासी राकेश कुमार के खेत में मजदूरी पर गन्ना बांधने गया था। तभी अचानक गन्ने में छुपे बाघ ने कमलेश के कंधे पर हमला बोल दिया था। अन्य श्रमिकों के ललकारने व हल्ला मचाने पर वह भाग निकला था। महेशपुर रेंज बाघों की मौजूदगी को लेकर निरंतर संवेदनशील बना हुआ है जिसको लेकर खेती किसानी के कार्य कठिन हो गए हैं। डिप्टी रेंजर रामनरेश वर्मा की मौजूदगी में कैमरा एक्सपर्ट अजित सिंह व राजेश कुमार ने डोकरपुर के बाघ प्रभावित इलाके के प्रमुख मार्गों एवं चौराहों पर छह कैमरे लगाए गए हैं।
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