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    पांच साल गूंजती रही मोहम्मदी को जिला बनाने की मांग

    आदि गंगा गोमती के आंचल में बसा है मोहम्मदी वर्षों से हो रही जिला बनाने की मांग

    By JagranEdited By: Updated: Sun, 16 Jan 2022 09:40 PM (IST)
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    पांच साल गूंजती रही मोहम्मदी को जिला बनाने की मांग

    हरविदर सिंह, मोहम्मदी (लखीमपुर) : 144 मोहम्मदी विधानसभा यूं तो आदिगंगा गोमती के आंचल में बसा है और महाभारतकालीन मंदिरों को भी समेटे है। यहां सरकारें आईं और चली गई, लेकिन मोहम्मदी को जिला बनाने का वादा आज तक पूरा नहीं हो सका। शिक्षा, उद्योग, रेल, विकास के सपनों को संजोए यहां के मतदाता समय-समय पर लुभावने वादों के कारण जनप्रतिनिधि बदलते रहे, लेकिन मोहम्मदी विधानसभा विकास से कोसो दूर रही। मोहम्मदीवासियों के लिए जिला बनाने का मुद्दा वर्षों से मुद्दा ही रहा। पिछले पांच साल में यह मुद्दा भाजपा विधायक लोकेंद्र प्रताप सिंह के सामने कई बार उठा, लेकिन लोगों में नाराजगी इस बात की है कि कभी विधायक स्तर से भी कोई प्रयास नहीं किए गए। नतीजतन, आज भी मोहम्मदी को जिला बनाने और विकास कार्यों से जोड़ने की मांग धरी रह गई।

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    शुरू से जनसंघ की पकड़ रही मजबूत

    अपने गठन से ही जनसंघ का गढ़ रही यह विधानसभा पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी व जनसंघ के संस्थापक पंडित दीनदयाल उपाध्याय की कार्यस्थली रही है। अधिकतर यहां जनसंघ, भाजपा का ही कब्जा रहा। वर्ष 1952 में हुए पहले चुनाव में कांग्रेस के कमाल अहमद रिजवी चुनाव जीते। फिर अगले चुनाव 1957 में मास्टर मन्नालाल जनसंघ के प्रत्याशी के रूप में जीते और 1962 व 1967 तक वह जीतते रहे। वर्ष 1969 में कांग्रेस के सेवाराम चुने गए तो फिर 1974 में मास्टर मन्नालाल ने विजय प्राप्त की। 1977 में मन्नालाल ने पांचवी बार जीत का जश्न मनाया तो 1980 और 1985 में बंशीधर राज ने लगातार कब्जा जमाया। 1989 में फिर भाजपा के छोटेलाल और 1991 में फिर बंशीधर राज और 1993 में भाजपा के जगन्नाथ प्रसाद जीत गए। इसके बाद हुए चुनाव में क्रमश: बंशीधर राज एक बार और कृष्णा राज दो बार विधायक बनीं। वर्ष 2012 में सामान्य सीट होने के बाद पहली बार हुए चुनाव में बहुजन समाज पार्टी से बाला प्रसाद अवस्थी ने विजय प्राप्त की। फिर 2017 में मुख्यमंत्री की योगी लहर में लोकेंद्र प्रताप सिंह ने 33 हजार वोट के बड़े अंतर से इस सीट पर कब्जा जमाया। अब पुन: पार्टियों के पत्ते खुलने बाकी है। फिलहाल लोकेंद्र प्रताप सिंह अपने किए कार्यों को लेकर पुन: जनता के दरबार में हाजिरी लगा रहे हैं।

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    वर्ष 2017 में सड़क निर्माण को लेकर हुआ था बहिष्कार

    2017 में व्यापारियों ने मैगलगंज से पुवायां मोहम्मदी होते हुए बन रहे हाइवे के अधूरे निर्माण को लेकर चुनाव बहिष्कार कर दिया था। जिसे तत्कालीन उपजिलाधिकारी स्वाति शुक्ला ने अपनी सूझबूझ से वापस कराया था और सड़क निर्माण भी करवाया था। लोग इससे खुश तो थे, लेकिन उनके सामने समस्याओं का अंबार लगा हुआ है।

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    युवाओं व महिलाओं के उत्साह ने बनाया था विधायक

    वर्ष 2017 के चुनाव में युवाओं, महिलाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था। योजनाओं के कारण इस बार भी उत्साह उम्मीद से ज्यादा है। इनमें बाहर से काम करने वाले युवा भी होंगे, जिन्होंने नौकरी, व्यवसाय छोड़कर कोरोना काल में घर वापसी की है। फिलहाल इस बार जातीय समीकरण साधकर चल रहे राजनीतिक दलों के लिए यह चुनाव बेहद रोचक होने जा रहा है।

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    मोहम्मदी चुनाव में प्रभावी होंगे मुद्दे

    विधानसभा में सबसे बड़ा मुद्दा जिला ही है। जिसके लिए स्वयंसेवी संस्थाएं व वकील आंदोलनरत हैं। इसके अलावा उच्च स्वास्थ्य सेवाएं, रेल लाइन, उद्योग धंधे, गन्ना भुगतान, रोजगार, शिक्षा, लोगों की सुविधा के लिए पुलों का निर्माण आदि भी मुद्दा बनेंगे। विपक्ष गोमती में खनन को भी मुद्दा बनाएगा।

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    हरदोई, सीतापुर, शाहजहांपुर की सीमाओं से जुड़ी मोहम्मदी में विकास की अपार संभावनाएं हैं। पर्यटन के लिए महाभारत सर्किट में मोहम्मदी को शामिल किया जाए। गोमती पुल क्षेत्र को पर्यटन के लिए विकसित किया जा सकता है।

    गोविद गुप्ता बालिकाओं के लिए एक इंटर कालेज ऐसी जगह पर बनाया जाए. जहां पर 30-40 गांवों का संपर्क कालेज से जुड़ा हुआ। जिससे समय की बचत होगी। साथ ही बालिकाओं को उच्च शिक्षा भी मिल सकेगी।

    अंशुल त्रिवेदी, प्रधान भंगेली विधानसभा में इस बार नए मतदाता भी बढ़े हैं। जन-जन की भागीदारी से लोकतंत्र पूरा होता है। मतदान जरूरी है, इसके लिए लोगों को घर-घर जाकर जागरूक भी किया जा रहा है।

    अतुल रस्तोगी

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    यहां हुआ था सबसे कम और ज्यादा मतदान

    वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में बैनी राजापुर मतदेय स्थल पर सर्वाधिक 93 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ था। यहां पर कुल 3190 मतदाता थे, जिसमें से 3046 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। ग्राम पंचायत दिलावरपुर के मजरा हरिहरपुर में बहिष्कार के बाद ग्रामीणों ने मतदान किया था। जिस कारण काफी कम मतदान हुआ था। बूथ संख्या 244 पर 550 मतदाताओं में से 250 मतदाताओं ने मतदान किया था। 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में यहां मतदान का प्रतिशत बढ़ाने के लिए काफी कोशिश की जा रही है। मतदाताओं को जागरूक किया जा रहा है। साथ ही राजनीतिक दलों की ओर से अधिक से अधिक मतदान कराने की अपील भी की गई है।

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    जानिए मोहम्मदी विधानसभा को

    कुल मतदाता- 337664

    पुरूष -180781

    महिला -156869

    अन्य -14

    नए बढ़े मतदाता- 14000

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    अब तक के जीते विधायक

    1952 कमाल अहमद रिजवी- कांग्रेस

    1957 मन्नालाल- जनसंघ

    1962 मन्नालाल- जनसंघ

    1967 मन्नालाल- जनसंघ

    1969 सेवाराम - कांग्रेस

    1974 मन्नालाल- जनसंघ

    1977 मन्नालाल- जनता पार्टी

    1980 बंशीधर राज- कांग्रेस

    1985 बंशीधर राज- कांग्रेस

    1989 छोटेलाल- भाजपा

    1991 बंशीधर राज- कांग्रेस

    1993 जगन्नाथ प्रसाद- भाजपा

    1996 कृष्णराज- भाजपा

    2002 बंशीधर राज- सपा

    2007 कृष्णा राज- भाजपा

    2012 बाला प्रसाद- बसपा

    2017 लोकेंद्र सिंह- भाजपा