..और अनूप गुप्ता निर्विरोध निर्वाचित, भाजपा में जश्न
लखीमपुर सपा प्रत्याशी अनुराग वर्मा का पर्चा खारिज होने के बाद पिछले 48 घंटे से भाजपा प्रत्याशी ...और पढ़ें

लखीमपुर: सपा प्रत्याशी अनुराग वर्मा का पर्चा खारिज होने के बाद पिछले 48 घंटे से भाजपा प्रत्याशी अनूप गुप्ता को निर्विरोध निर्वाचित कराने की कवायद गुरुवार दोपहर तीन बजे से पूरी हो गई। भाजपा प्रत्याशी के सामने मैदान में डटे निर्दलीय प्रत्याशी नरसिंह यादव के अधिकृत प्रस्तावक देशपाल सिंह ने भाजपा नेताओं के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचकर नामांकन वापस ले लिया। जिसके बाद भाजपा प्रत्याशी अनूप गुप्ता निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिए गए। फूल-मालाओं से लदे भाजपा प्रत्याशी को एडीएम संजय सिंह से प्रमाण पत्र मिलते ही भाजपाइयों में जश्न शुरू हो गया। अबीर गुलाल, ढोल-नगाड़ों के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचे भाजपा कार्यकर्ता झूमते दिखाई दिए। कार्यकर्ताओं के लिए यह वह समय था, जिसके लिए भाजपाई खेमा पिछले तीन दिन से प्रयास कर रहा था।
जिले में दूसरी बार आठ विधानसभा सीट जीतकर इतिहास बनाने वाली भाजपा को एमएलसी पद पर निर्विरोध निर्वाचन से एक नई संजीवनी मिली है। इस जीत से भाजपा कार्यकर्ताओं और नेताओं में गजब का उत्साह देखने को मिल रहा है। बता दें कि निर्दलीय प्रत्याशी नरसिंह यादव बुधवार को भी भाजपा नेताओं के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचे थे, लेकिन ऐन मौके पर उन्होंने अपना इरादा बदल दिया था और वापस लौट गए थे। बताया जा रहा है कि गुरुवार को नरसिंह यादव कलेक्ट्रेट व कचहरी एरिया में काफी देर तक इधर-उधर टहलते भी देखे गए थे, लेकिन नामांकन वापस लेने के लिए वह खुद नहीं आए। उन्होंने अपने छह नंबर के प्रस्तावक देशपाल सिंह को अधिकृत किया। जिसके बाद देशपाल सिंह भाजपा नेताओं के साथ डीएम कोर्ट पहुंचे और एडीएम को नामांकन वापसी का प्रारूप पांच सौंपा। नरसिंह के नामांकन वापस होने के तुरंत बाद एडीएम संजय सिंह ने भाजपा प्रत्याशी अनूप गुप्ता को निर्विरोध निर्वाचन का प्रमाण पत्र सौंप दिया। जिलाध्यक्ष सुनील सिंह, नरेंद्र सिंह, पुष्पा सिंह, अनिल यादव, पवन गुप्ता, संजय गुप्ता आदि ने निर्विरोध निर्वाचन पर कलेक्ट्रेट पहुंचकर भाजपा प्रत्याशी को बधाई दी।
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दो चुनाव से प्रत्याशियों के होश उड़ा रहे नरसिंह
बांकेगंज ब्लाक की ग्राम पंचायत गोकन के प्रधान नरसिंह यादव ने सपा शासनकाल में तीन मार्च 2016 को भी एमएलसी पद के लिए पर्चा दाखिल किया था। उस समय सपा से शशांक यादव प्रत्याशी बनाए गए थे। उस समय भी नरसिंह ने तमाम मान-मनौव्वल के बावजूद सपा प्रत्याशी के समर्थन में नामांकन वापस नहीं लिया था। इस वर्ष भी कुल चार नामांकनों में दो पर्चा खारिज होने के बाद भाजपा प्रत्याशी अनूप गुप्ता और प्रधान नरसिंह ही मैदान में बचे। भाजपा लगातार इस प्रयास में थी कि नरसिंह अगर नामांकन वापस ले लें तो भाजपा प्रत्याशी का निर्विरोध निर्वाचन हो जाएगा, लेकिन नरसिंह ने भी भाजपा नेताओं को खूब छकाया।

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