जन्म देने वाली माता के बाद पृथ्वी पर गोमाता सर्वमान्य
गोलागोकर्णनाथ (लखीमपुर) : श्रीधर्मादा समिति गौशाला में आयोजित गोपाष्टमी के चौथे दिवस संत सम्मेलन का
गोलागोकर्णनाथ (लखीमपुर) : श्रीधर्मादा समिति गौशाला में आयोजित गोपाष्टमी के चौथे दिवस संत सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व विधायक अर¨वद गिरि रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता केशववानंद महराज दंडी स्वामी कर रहे। मुख्य अतिथि अर¨वद गिरि ने कार्यक्रम में पधारे संतो का माल्यार्पण, दुशाला पहनाकर सम्मानित किया।
पूर्व विधायक अर¨वद गिरि ने सर्वप्रथम तमाम संतों को संबोधित करते हुए कहा कि धर्म के मंदिरों में जहां लोग आस्था व श्रद्धा से अपने शीश झुकाते है। उन संतों मनीषियों का इस कार्यक्रम में स्वागत व अभिनंदन के साथ नमन। उन्होंने कहा कि हमें जन्म देने वाली माता के बाद पृथ्वी पर गाय माता सर्वमान्य है, इसलिए हम लोगों को अपनी जन्मदाता माता के समान ही गाय माता की पूजा करते हुए सेवा करनी है। आदि काल से समाज में गोवंश की रक्षा, सम्मान के संबंध में समाज के प्रमुख लोगों ने अपने योगदान किए है। यहीं नहीं बचपन में गाय की महत्ता पर अनेकों पर निबंध भी लिखे होगे। ¨कतु वर्तमान में गोवंश की रक्षा के लिए सबसे अहम यह है। कि समाज के लोग गायों को पालने के बाद असहाय व बूढ़ी व रोगी होने पर उसे चंद पैसों के लिए बेच देते है। हम सब संकल्प ले कि ऐसी गायों को किसी भी दशा में न बेचे, न बिकने दे। अपितु उसकी सेवा करे। यही संकल्प असल मायनों में गायों को बचाने के लिए सबसे बड़ा प्रयास होगा। स्वामी केशवानंद ने कहा कि गऊमाता में सभी देवी देवताओं का वास है। इसलिए यदि गाय की पूजा व सेवा की जाए तो सभी देवी देवताओं का पूजन स्वत: हो जाता है। इसी क्रम में संतों दयानंद पांडे, रमेशचंद्र मिश्रा, उमेशचंद्र बाजपेई, श्याम किशोर मिश्र, जटाशंकर, रामशंकर, लालमन शुक्ला, शिवकुमार, बृजभूषण, शिवगोपाल, रामनिवास, गो¨वददास, विजय शुक्ला ¨रकू, अरुण अवस्थी, विजय ¨सह आदि ने अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन मनोज श्रीवास्तव ने किया। कार्यक्रम में हर्षल त्रिपाठी, धीरज बाजपेई, प्रमोद दीक्षित, आशीष रंजन, ¨पटू शुक्ल, अखिलेश, उदित, सचिन गुप्ता, रवि पांडेय, मोहित, महेंद्र, जितेंद्र आदि लोग मौजूद रहे।
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