Kushinagar News: नौ वर्षों से अधूरा पड़ा आंगनबाड़ी केंद्र का भवन, ग्रामीणों में आक्रोश
मोतीचक के सोढ़रा गांव में आंगनबाड़ी केंद्र का भवन नौ साल से अधूरा है इसलिए केंद्र प्राथमिक विद्यालय में चल रहा है। ग्रामीणों ने शिकायत की पर सुनवाई नहीं हुई। कप्तानगंज के कुंदूर गांव में एएनएम सेंटर का भवन भी अधूरा है जिससे लोगों को परेशानी हो रही है। ठेकेदार भाग गया है और अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं।

जागरण संवाददाता, कुशीनगर। विकास खंड मोतीचक के सोढ़रा गांव में नौ वर्षों से आंगनबाड़ी केंद्र का भवन अधूरा पड़ा है। इस कारण से प्राथमिक विद्यालय के कक्ष में आंगनबाड़ी केंद्र संचालित होता है। ग्रामीणों का कहना है कि इसकी शिकायत विभाग के अधिकारियों से कई बार की गई, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है।
ग्राम प्रधान दारा सिंह, रामप्रताप गुप्ता, बिरजू गुप्ता, अनवर अंसारी, बाबूनंदन सिंह, रामअवध कन्नौजिया, राधेश्याम साहनी आदि ने बताया कि वर्ष 2016 में आंगनबाड़ी केंद्र के भवन का निर्माण शुरू हुआ था। अभी तक न फर्श बना है न ही फाटक व खिड़की लगी है। भवन की रंगाई-पोताई भी नहीं कराई गई है।
निर्माणाधीन भवन परिसर में गंदगी का अंबार है। भवन अधूरा छोड़कर ठीकेदार के फरार होने से आंगनबाड़ी केंद्र प्राथमिक विद्यालय के अतिरिक्त कक्ष में संचालित हो रहा है। लोगों ने सीएम के पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराकर ठीकेदार के विरुद्ध विधिक कार्रवाई किए जाने व भवन का निर्माण पूर्ण कराने की मांग की है।
एएनएम सेंटर का भवन अधूरा, अधिकारी बेपरवाह
विकास खंड कप्तानगंज के कुंदूर गांव में निर्माणाधीन एएनएम सेंटर का भवन अधूरा पड़ा है। इसको लेकर ग्रामीणों में नाराजगी है। उनका कहना है कि प्रसव व टीकाकरण को लेकर दुश्वारियां झेलनी पड़ती है। अगर भवन का निर्माण पूर्ण कराकर सेंटर संचालित किया जाता तो स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए दूर नहीं जाना पड़ता।
गांव के मनोज गुप्ता, अशोक सिंह, लालबहादुर सिंह, वेदप्रकाश दूबे, सुनील वर्मा, राजकुमार वर्मा, बिकाऊ यादव आदि का कहना है कि एक वर्ष पहले भवन का निर्माण शुरू हुआ था। कार्यदायी संस्था का ठीकेदार छत बनाकर फरार हो गया है। निर्माण पूरा न होने से सेंटर का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
प्रसव के लिए महिलाओं को 10 किलोमीटर दूर अस्पताल में ले जाना पड़ता है। यहां तैनात एएनएम पंचायत भवन और प्राथमिक विद्यालय के कक्ष में बैठकर टीकाकरण करती हैं।
ग्राम प्रधान धर्मराज सिंह ने बताया कि ठीकेदार ने एक वर्ष पहले भवन का छत बनवाया था। उसके बाद से इधर झांकने भी नहीं आया। विभाग के अधिकारियों को कई बार अवगत कराया गया, लेकिन सुध नहीं ले रहे हैं।
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