फर्जी जमानत मामले में लापरवाही बरतने पर दो कोर्ट मोहर्रिर निलंबित, विभागीय जांच के आदेश
कुशीनगर में फर्जी जमानत मामले में लापरवाही के चलते दो कोर्ट मोहर्रिरों को निलंबित कर दिया गया है। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए विभागीय जांच के आदे ...और पढ़ें

फर्जी जमानत मामले में दो कोर्ट मोहर्रिर निलंबित।
जागरण संवाददाता, पडरौना। फर्जी जमानत मामले में लापरवाही पाए जाने पर एसपी केशव कुमार ने कोर्ट मोहर्रिर दिलीप कुमार व मोनू यादव को शनिवार को निलंबित कर दिया। इनके विरुद्ध विभागीय जांच के भी आदेश दिए गए हैं। दोनों पर दायित्व के ठीक ढंग से निर्वहन न करने का आरोप है।
जिले में गो तस्करों के नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए चलाए जा रहे अभियान में जमानतदाराें की भूमिका संदिग्ध पाए जाने पर एसपी ने जांच के आदेश दिए थे।
जांच में पता चला कि मेरठ, सहारनपुर, आगरा, हापुड, मुरादाबाद जैसे जिलों के रहने वाले बाहरी गो तस्करों की जमानत जिले के ही लोगों ने लिया है। हैरान करने वाली बात यह भी सामने आई कि रितेश, मुकेश, दहारी, खदेरू, राजेंद्र सिंह, अवधेश, जनार्दन, सुरेश कुशवाहा, श्रीकिसुन, जगरूप, महेंद्र व कमलेश सहित 12 जमानतदाराें ने कुल 242 गो तस्करों की जमानत ली है।
ये सभी कसया नगर व सबया के रहने वाले हैं। जमानत के दौरान इन लोगों द्वारा कूटरचित दस्तावेज का प्रयोग किया गया है। प्रकरण की जांच के दौरान सीजेएम न्यायालय में तैनात कोर्ट मोहर्रिर दिलीप कुमार व मोनू यादव की लापरवाही पाई गई।
इन लोगाें ने अपनी ड्यूटी ठीक ढंग से नहीं निभाई। गो तस्करों का बार-बार जमानत लेने वालों के बारे में इनके द्वारा कसया थाने को सूचना नहीं दी गई।
इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए एसपी ने यह कार्रवाई की। एसपी ने बताया कि दायित्वों के प्रति लापरवाही बरतने वाले किसी भी दशा में बख्शे नहीं जाएंगे।

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