UP में बुखार से एक ही परिवार के तीन बच्चों की मौत, गांव में हड़कंप
नेबुआ नौरंगिया के ढोलहा गांव में बुखार से पीड़ित एक ही परिवार के तीन बच्चों की मौत से हड़कंप मच गया। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव में कैंप लगाकर जांच शुरू कर दी है। ग्रामीणों ने स्वास्थ्य सेवाओं और सफाई व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। स्वास्थ्य विभाग बच्चों की मौत के कारणों की जांच कर रहा है।

संवाद सूत्र, नेबुआ नौरंगिया। बुखार से पीड़ित दो बालक व एक बच्ची की मृत्यु हो गई। इसके बाद गांव में हड़कंप मच गया। सूचना पर जिला स्वास्थ्य टीम पहुंची। स्वजन से इस बारे में जानकारी ली। बचाव के आवश्यक उपाय बताए, चिकित्सकीय सलाह दी। गांव में फैली गंदगी पर चिंता जताई और ग्रामीणों को साफ-सफाई पर विशेष ध्यान रखने को कहा। स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव में कैंप लगा उपचार कर रही है। ग्रामीणों का आरोप है कि एएनएम, आशा और सफाईकर्मी गांव में कभी नजर आते हैं। मामला नेबुआ नौरंगिया की ग्राम पंचायत ढोलहा के गुलहरिया टोला का है।
ढोलहा गांव के गुलहरिया टोला निवासी पिंटू गौड़ की सात वर्षीय बेटी मंजू पिछले एक सप्ताह से बुखार से पीड़ित थी। झोलाछाप डा. के उपचार से लाभ न मिलने पर परिजन उसे जिला अस्पताल ले गए, जहां बुधवार देर रात उसने दम तोड़ दिया। इसके बाद तीन वर्षीय दूसरी बेटी खुशी की तबीयत बिगड़ने पर उसे भी जिला मुख्यालय ले जाया गया।
हालत गंभीर होने पर डाक्टरों ने बीआरडी मेडिकल कालेज अस्पताल गोरखपुर रेफर किया, जहां शुक्रवार की भोर में उसकी भी मौत हो गई। इधर पिंटू के बडे भाई दशरथ के पांच वर्षीय पुत्र कृष्णा को भी तेज बुखार होने पर शुक्रवार सुबह पडरौना ले जाया जा रहा था कि, रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। एक ही परिवार के तीन बच्चों की मौत से माहौल गमगीन हो गया।
बच्चों की मां निशा का रो-रोकर बुरा हाल है। स्वजन आरोप लगाया कि गांव में न तो नियमित स्वास्थ्य जांच होती है और न ही सफाई व्यवस्था। सफाईकर्मी महीनों दिखाई नहीं देते, जिससे गांव में गंदगी और नालियां जलभराव बना रहता है। ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें पीने के लिए सिर्फ देसी पंप का पानी नसीब होता है, जिससे संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ जाता है।
घटना की जानकारी होते ही स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव में डेरा डालकर जांच शुरू कर दी। सीएचसी प्रभारी डा. रंजन कुमार मौर्य ने बताया कि टीम पिछले दो दिनों से कैंप कर बच्चों की जांच व उपचार कर रही है। मौत के कारणों की पुष्टि मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद ही हो सकेगी।
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने 57 बच्चों की जांच की
डा.आफताब व फार्मासिस्ट मुस्ताक अंसारी के नेतृत्व में टीम ने गांव में कैंप लगा 57 बच्चों की जांच की। बुखार, मलेरिया व डेंगू की जांच के साथ आवश्यक दवाएं वितरित की गईं। टीम ने प्रभावित घरों के आसपास दवा व ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव कर स्वच्छता रखने की अपील की।

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