Kushinagar Flood Alert: नारायणी के निशाने पर महदेवा, अस्तित्व पर संकट; बेघर होने का सता रहा डर
महादेवा खास टोला में नारायणी नदी का रुख बदलने से लोगों में दहशत है। पिछले साल बाढ़ से जूझने के बाद इस बार बिना बाढ़ के ही टोला पर संकट आ गया है। 30 परिवारों के लगभग 150 लोगों के बेघर होने का डर है। ग्रामीणों का कहना है कि पिछले वर्ष बाढ़ के दौरान अधिकारियों ने समाधान का आश्वासन दिया था लेकिन बाढ़ के बाद कोई नहीं आया।

जागरण संवाददाता, खड्डा। नारायणी नदी के निशाने पर रहे महदेवा खास टोला के लोगों ने पिछले वर्ष किसी तरह बाढ़ की त्रासदी झेल ली थी। इस बार बिना बाढ़ के इस टोला के अस्तित्व पर संकट खड़ा हो गया है। नदी का पानी आबादी के समीप पहुंचने से लोगों की नींद उड़ गई है।
पिछले 20 दिनों से जलस्तर चेतावनी बिंदु के आसपास रहा है, लेकिन कहीं कटान नहीं हो रही है। अचानक नदी की धारा महदेवा खास टोला की तरफ मुड़ने लगी है। इससे 30 परिवारों की लगभग डेढ़ सौ आबादी के बेघर होने का डर सताने लगा है।
पिछले वर्ष नदी व आबादी के बीच 10 मीटर का फासला रह गया था तो महदेवा खास टोला के लोगों ने भय के साए में बाढ़ को झेला था। उस दौरान अधिकारियों ने इस टोला को कटने से बचाने के लिए तरह-तरह के वादे किए थे, लेकिन संकट टलने के बाद कोई पूछने नहीं गया।
अब नदी के बदले रुख ने आबादी पर संकट खड़ा कर दिया है। सुन्नर, शंकर मल्लाह, रामप्रवेश, महातम, सोहबर, महावीर आदि के घर नदी के निशाने पर आ गए हैं। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष से ही कटान का संकट चल रहा है। बाढ़ के दौरान प्रशासनिक व विभागीय अधिकारी दौरे पर आए थे।
उनके समक्ष हम लोगों ने अपनी परेशानियों को रखा था और दर्द भी सुनाया था। उन्होंने आश्वासन दिया था कि समस्या का समाधान कराया जाएगा। बाढ़ के समापन के बाद अधिकारी इधर झांकने भी नहीं आए। नदी में पानी कम होने के बाद धारा दूसरी ओर मुड़ गई थी।
जनपद में अभी ठीकठाक वर्षा नहीं हुई है, लेकिन नेपाल के पहाड़ी क्षेत्रों में वर्षा के बाद वाल्मीकिनगर बैराज से नारायणी में डिस्चार्ज बढ़ाया जा रहा है। इससे नदी का जलस्तर बढ़ रहा तो रुख भी परिवर्तित हो रहा है। इधर एक सप्ताह से अचानक धारा परिवर्तित होकर आबादी की तरफ रुख कर ली है। अगर प्रशासन की ओर से व्यवस्था नहीं की जाएगी तो हम लोग बेघर हो सकते हैं।
नदी की तेज धारा महदेवा खास के समीप नहीं है और न ही कटान हो रहा है। वहां के लोगों को डरने की जरूरत नहीं है, विभाग हर परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार है।
-मनोरंजन कुमार, एसडीओ बाढ़ खंड विभाग
शुक्रवार का डिस्चार्ज-
वाल्मीकिनगर बैराज से शुक्रवार की सुबह चार से 10 बजे तक डिस्चार्ज 65000 क्यूसेक रहा। दोपहर 12 बजे 67100, दो से छह बजे तक 65000 क्यूसेक डिस्चार्ज रहा। इस दौरान भैंसहा गेज पर नारायणी नदी का जलस्तर चेतावनी बिंदु से 30 सेमी ऊपर 95.30 मीटर दर्ज किया गया।
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