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    कुशीनगर में 20 देशों के बौद्धों ने की विपश्यना

    By JagranEdited By:
    Updated: Tue, 06 Mar 2018 11:40 PM (IST)

    कुशीनगर: अंतरराष्ट्रीय पर्यटक केंद्र, कुशीनगर में मंगलवार को मिनी व‌र्ल्ड का दर्शन हुआ। ए

    कुशीनगर में 20 देशों के बौद्धों ने की विपश्यना

    कुशीनगर: अंतरराष्ट्रीय पर्यटक केंद्र, कुशीनगर में मंगलवार को मिनी व‌र्ल्ड का दर्शन हुआ। एक साथ विश्व के 20 देशों के बौद्ध भिक्षुओं और विपश्य्यी साधकों ने महापरिनिर्वाण बुद्ध मंदिर में विश्व शांति के लिए पूजन-अर्चन किया। थाईलैंड के श्रेष्ठ विपश्यना गुरु फ्रा लोंगपोथांग के नेतृत्व में 130 सदस्यीय यह दल सोमवार की शाम यहां पहुंचा था। इसमें 36 अमेरिकी भिक्षु साधक भी शामिल हैं। मंगलवार की सुबह दल के सदस्यों ने महापरिनिर्वाण मंदिर में विशेष पूजा किया। फिर, बुद्ध की लेटी प्रतिमा पर चीवर चढ़ाया। दल ने परिसर में साधना कर विश्व शांति की कामना की। इस दौरान विश्व के 60 विपश्यना केंद्रों के संचालक लोंपोथांग गुरु ने कहा कि'विपश्यना बौद्ध कालीन साधना पद्धति है। इसकी शुरुआत भगवान बुद्ध ने की थी। इसका अर्थ अपने आप को विशेष रूप से देखना होता है। विपश्यना का पूरे विश्व में तेजी से प्रचार-प्रसार हो रहा है। मुख्य मंदिर का दर्शन करने के बाद यह दल थाई बुद्धिस्ट मोनास्ट्री पहुंचा। जहां थाई के अतिरिक्त विश्व के 20 देशों से आये साधकों ने भोजन दान किया। भिक्षुओं ने उपासकों का पुण्यानुमोदन किया। बात दें कि यह दल बोधगया, सारनाथ, वाराणसी होते हुए कुशीनगर आया था। दल बुधवार को लुम्बनी के लिए रवाना होगा। वहां पूजन-वंदन करने के बाद काठमांडू से भिक्षु और साधक अपने-अपने देश को प्रस्थान करेंगे। इस अवसर पर फ्रा सोमपोंग, फ्रा सोंगक्रांन, फ्रा परवीन, राजबन्धु खन्ना, अम्बिकेश त्रिपाठी, टीके राय, गौतम शर्मा सहित थाईलैंड, जर्मनी, कनाडा, साइबेरिया, बुल्गारिया, ऑस्ट्रेलिया, रूस, चीन, इजराइल, लेबनान आदि देशों के भिक्षु व उपासक उपस्थित रहे।

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