..थावे-कप्तानगंज रेल खंड पर एक ही ट्रेन का फेरा
थावे-कप्तानगंज रेल खंड रेल मंत्रालय के हासिए पर है। न जनप्रतिनिधियों को तनिक ¨चता है न केंद्र में बैठी सरकार को। उम्मीदों के कश्ती से चार साल काट चुके यात्रियों की आंखों में उम्मीदों की किरण अब धूमिल हो रही है। एक ही डेमू ट्रेन के भरोसे थावे-कप्तानगंज रेल खंड पर यात्रियों को दुश्वारियां झेलनी पड़ रही है
कुशीनगर : थावे-कप्तानगंज रेल खंड रेल मंत्रालय के हासिए पर है। न जनप्रतिनिधियों को तनिक ¨चता है न केंद्र में बैठी सरकार को। उम्मीदों के कश्ती से चार साल काट चुके यात्रियों की आंखों में उम्मीदों की किरण अब धूमिल हो रही है। एक ही डेमू ट्रेन के भरोसे थावे-कप्तानगंज रेल खंड पर यात्रियों को दुश्वारियां झेलनी पड़ रही है। बार-बार ट्रेनों की संख्या बढ़ाने, एक्सप्रेस ट्रेन चलवाने की मांग के बावजूद इस रेल खंड पर ट्रेनों की संख्या न बढ़ाए जाने से स्थानीय व्यापारियों सहित आसपास व सीमाई बिहार प्रांत के यात्रियों का आक्रोश थमने का नाम नही ले रहा है। जनप्रतिनिधियों की उदासीनता को कोस रहे यात्री अब आर-पार के आंदोलन के मूड में है। रेल खंड पर डेमू ट्रेन संख्या 75012 गोरखपुर से सुबह 5.10 बजे चलकर सुबह 8.05 बजे तमकुहीरोड रेलवे स्टेशन पर पहुंचती है और सीवान चली जाती है। फिर यही डेमू ट्रेन संख्या 7509 सीवान से वापस होकर दोपहर 12.20 बजे तमकुहीरोड रेलवे स्टेशन पहुंचती है तथा डेमू ट्रेन संख्या 75010 कप्तानगंज तक जाकर वापस थावे जाने के दौरान अपराह्न 4.05 बजे स्थानीय स्टेशन पर पहुंचती है। अपने अंतिम फेरे में डेमू ट्रेन संख्या 75011 थावे से सायं 5.50 बजे गोरखपुर के लिए चलती है तो 6.45 बजे सेवरही पहुंचती है। बस एक इसी ट्रेन के चार फेरों पर इस रेल खंड के यात्रियों की यात्रा निर्भर है। आमान परिवर्तन के बाद से ही विभिन्न आंदोलनों द्वारा इस रेल खंड पर ट्रेनों की संख्या बढ़ाए जाने की मांग की गई तथा विभिन्न संगठनों द्वारा हर स्तर पर ज्ञापन सौंपा गया, लेकिन परिणाम वही ढाक के तीन पात रहा। बड़ी रेल लाइन संघर्ष समिति के संयोजक व नगर पंचायत अध्यक्ष श्याम सुंदर विश्वकर्मा ने कहा कि यदि सीवान से सुबह 7 बजे से इस रेल खंड पर गोरखपुर तक सवारी गाड़ी चलाई जाए तो समाज के हर वर्ग के हित में होगा। आमजन, छात्र, वकील, मरीज, कर्मचारी, कारोबारियों व जिला मुख्यालय पडरौना सुबह 10 बजे तक पहुंच सकेंगे। छपरा व सीवान से थावे-तमकुही रोड होकर दिल्ली एवं लखनऊ के लिए नियमित एक्सप्रेस ट्रेने चलाने का सपना कारोबारियों को ¨चता में डाले हुए है। एक्सप्रेस ट्रेन न चलने से पूर्वांचल में कारोबार ऊंचाई नहीं पा रहा है। छपरा-मथुरा एवं ग्वालियर-बरौनी तथा मौर्य एक्सप्रेस का रूट बदलकर उक्त रेल खंड पर चलाए जाने की मांग उठती रही है, लेकन क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों द्वारा रेल मंत्रालय में जोरदार पैरवी न किए जाने से पूर्वांचल के विकास पर ग्रहण के बादल मड़रा रहे हैं। लोगों ने सीवान से थावे तक चलने वाली 55107 सवारी गाड़ी का मार्ग विस्तार कर तमकुहीरोड होकर गोरखपुर तक किया जाने की मांग की है तथा 05065/66 छपरा-लखनऊ समर मेल, 05115/16 रामनगर-हाबड़ा एक्सप्रेस तथा 05007/08 को जनहित व रेल हित में नियमित किए जाने की मांग की है।