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    कुशीनगर में चीनी मिलों ने शुरू की तैयारी, नवंबर में इस दिन से होगी गन्ने की पेराई

    Updated: Mon, 27 Oct 2025 04:24 PM (IST)

    कुशीनगर जिले में चीनी मिलें गन्ना पेराई सत्र की तैयारी में जुट गई हैं। नवंबर के पहले सप्ताह से पेराई शुरू करने की योजना है, जिसके लिए मिलों में मरम्मत कार्य तेजी से चल रहा है। किसानों को समय पर पर्ची मिले, इसके लिए सर्वे भी किया जा रहा है। समय से पेराई शुरू होने से किसानों को अपनी फसल बेचने में आसानी होगी।

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    चीनी मिलों ने शुरू की गन्ना पेराई की तैयारी।

    जागरण संवाददाता, पडरौना। गन्ना विभाग के निर्देश पर मिलों ने पेराई सत्र के शुभारंभ को लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं। साफ-सफाई से लेकर कल-पुर्जों का मरम्मत का कार्य तेजी से चल रहा है। तकनीशियन व इंजिनियर की देखरेख में कामगार जुटे हुए हैं। विभाग का कहना है कि चारों चीनी मिलें खड्डा, ढाढ़ा, सेवरही व रामकोला ने 10 नवंबर से 20 नवंबर के बीच चालू हो जाएंगी। दूसरी ओर प्रबंधन ने सीजनल कर्मचारियों को पत्र भेज एक हफ्ते में मिल में पहुंचने का निर्देश जारी किया है।

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    इस बार गन्ना किसानों की संख्या दो लाख पांच हजार सात सौ 79 हो गई है। पिछले वित्तीय वर्ष में काश्तकारों की संख्या एक लाख 98 हजार रही। किसानों की संख्या बढ़ने से माना जा रहा है कि गन्ने की पैदावार भी बेहतर हुई है। इस बार गन्ने का रकबा 98 हजार हेक्टेयर है। पिछली बार 87600 हेक्टेयर था।

    पिछले सत्र में हुई गन्ने की पेराई

    पिछले सत्र में चारों चीनी मिलों ने 253.92 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई की थी, जिसमें ढाढ़ा बुजुर्ग, रामकोला, सेवरही व खड्डा चीनी मिलें शामिल हैं। इन मिलों पर किसानों की कोई देनदारी नहीं है। बंद चीनी मिलों में पडरौना, कठकुइयां, लक्ष्मीगंज, छितौनी व रामकोला, कप्तानगंज परिक्षेत्र के गन्ने का आवंटन पिछले बार नजदीकी क्रय केंद्रों से जुड़ा था, जिससे हर साल उनका केंद्र बदलता रहता है।

    मिल चालू होने के बाद नहीं होगा संशोधन

    गन्ना विभाग का कहना है कि पेराई शुरू होने के पूर्व किसान घोषणा पत्र ऑनलाइन कर दें। मिल चालू होने के बाद न तो संशोधन होगा और न ही मिलें गन्ने की आपूर्ति लेंगी। विभाग के अनुसार सट्टा प्रदर्शन (सर्वे) समितिवार हो गया है। किसान अपने खाते की जांच करते हुए बैंक का खाता व मिलने वाली पर्ची का निरीक्षण कर संतुष्ट हो लें। इसके बाद कोई मौका नहीं मिलेगा। किसान अपनी पड़ताल का मिलान अवश्य कर लें।

    यह है चीनी मिलों की पेराई क्षमता

    • खड्डा- 1600 टीसीडी (टन क्रश प्रति दिन)।
    • रामकोला पी- 6500 टीसीडी।
    • सेवरही- 5000 टीसीडी।
    • ढाढा- 8000 टीसीडी।

    क्या कहते हैं अधिकारी

    जिले की चार चीनी मिलों को 20 नवंबर तक चालू कराने के लिए मिल प्रबंधन को पत्र भेजा गया है। मिलों में साफ-सफाई का कार्य अंतिम दौर में है। पेराई सत्र शुरू होने से तीन दिन पहले पर्ची का मैसेज संबंधित किसानों को मिल जाएगा। कप्तानगंज मिल के विरुद्ध कुर्की की कार्रवाई होने से मिल नहीं चलेगी। -हुदा सिद्दीकी, जिला गन्ना अधिकारी, कुशीनगर।