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    Negligence : कुशीनगर में अपंजीकृत अस्पताल में प्रसव के दौरान जच्चा-बच्चा की मृत्यु, हुआ हंगामा, पुलिस हिरासत में डॉक्टर

    Negligence By Doctor in Kushinagar 25 वर्षीय आसमा खातून को शुक्रवार की रात प्रसव पीड़ा होने पर स्वजन खड्डा में संचालित विक्रांत हास्पिटल ले गए। स्वजन का कहना है डॉक्टर सैय्यद ने आपरेशन करने की सलाह दी। रात 11 बजे आपरेशन शुरू हुआ ब्लड आदि के नाम पर रुपये जमा करा लिए गए।

    By fz khan Edited By: Dharmendra Pandey Updated: Sun, 15 Jun 2025 07:41 PM (IST)
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    विक्रांत हास्पिटल को सील कराते एसडीएम मो. जफर (दाएं)l

    जागरण संवाददाता, छितौनी (कुशीनगर) : खड्डा कस्बे में संचालित निजी हास्पिटल में प्रसव के दौरान शनिवार को जच्चा-बच्चा की मृत्यु हो गई। यह खबर मिलते ही स्वजन आक्रोशित हो तोड़फोड़ करने लगे। मौके पर पहुंची स्वास्थ्य विभाग एवं पुलिस की टीम ने जांच की तो हॉस्पिटल बिना पंजीकरण के संचालित होते पाया गया। टीम ने हास्पिटल सील कर दिया तथा मुकदमा पंजीकृत कर आरोपित डॉक्टर को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।

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    हनुमानगंज के रामपुर जंगल गांव की रहने वाली 25 वर्षीय आसमा खातून को शुक्रवार की रात प्रसव पीड़ा होने पर स्वजन खड्डा में संचालित विभ्रांत हास्पिटल ले गए। एसडीएम खड्डा मोहम्मद जफर ने बताया कि खड्डा कस्बे के खड्डा-नेबुआ मार्ग पर महाराणा प्रताप चौक पर विभ्रांत अस्पताल में इलाज के दौरान 25 वर्षीय महिला आसमा खातून पत्नी सिकंदर और उसके नवजात शिशु की मौत हो गई।

    मौत के बाद आक्रोशित परिजनों ने अस्पताल के गेट के बाहर शव रखकर प्रदर्शन किया। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और उनको शांत कराया। एसडीएम ने बताया कि हमने अस्पताल को सील कर दिया है और आरोपी डॉक्टर को गिरफ्तार कर लिया है। अस्पताल अवैध रूप से चल रहा था।

    पुलिस के अनुसार हनुमानगंज थाना क्षेत्र के रामपुर जंगल गांव निवासी आसमा को प्रसव पीड़ा होने पर शुक्रवार रात विभ्रांत अस्पताल लाया गया था। परिजनों ने बताया कि रात करीब 11 बजे अस्पताल में उसका ऑपरेशन हुआ था। शुरुआत में डॉक्टरों ने बताया कि ऑपरेशन सफल रहा और मां और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं। जल्द ही अस्पताल के कर्मचारी बहाने बनाने लगे। परिवार ने आरोप लगाया कि डॉक्टरों ने पैसे मांगे और जिला अस्पताल से खून का इंतजाम करने को कहा।

    आधी रात के बाद महिला व नवजात की हालत गंभीर बता डॉक्टर ने गोरखपुर ले जाने को कहा। स्वजन के असमर्थता जताने पर कर्मचारी एंबुलेंस में महिला व नवजात को बैठाकर सुबह आठ बजे तक हास्पिटल व आसपास के क्षेत्र में घुमाते रहे। शक होने पर स्वजन जब डॉक्टर से सवाल जवाब करने लगे तो वह भागने लगा। इस बीच स्वजन ने पुलिस को सूचित किया। पुलिस की छानबीन में पता चला कि महिला व नवजात की मृत्यु हो चुकी है।

    पुलिस ने बताया कि आसमा की हालत बिगड़ने पर अस्पताल प्रबंधन ने परिवार को उसे गोरखपुर मेडिकल कॉलेज ले जाने की सलाह दी। परिवार ने खुद को अस्पताल का चिकित्सक बताने वाले डॉ. सैयद पर झूठा भरोसा दिलाने का आरोप लगाया कि मां और बच्चा दोनों जीवित हैं। जब परिवार को शक हुआ तो डॉ. सैयद ने कथित तौर पर अपनी गाड़ी में भागने की कोशिश की। परिवार ने तुरंत पुलिस को सूचना दी जिसने डॉक्टर को हिरासत में ले लिया।

    एसडीएम जफर ने कहा कि जांच में पता चला है कि विभ्रांत अस्पताल बिना किसी पंजीकरण के चल रहा था। आगे की जांच जारी है। खड्डा एसएचओ हर्षवर्धन सिंह ने पुष्टि की कि डॉ. सैयद के खिलाफ संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है।