कुशीनगर में नारायणी नदी का तांडव, भैंसहा गांव में कटान से दहशत में लोग
खड्डा के भैंसहा गांव के पास नारायणी नदी का कटान जारी है जिससे ग्रामीण भयभीत हैं। नदी छितौनी बांध के करीब पहुंच गई है जिससे खतरा बढ़ गया है। जलस्तर घटने के बावजूद कटान जारी है जिससे ठोकर और एप्रन क्षतिग्रस्त हो रहे हैं। विभाग बचाव कार्य में जुटा है लेकिन ग्रामीणों का आरोप है कि देरी से कार्रवाई शुरू की गई।

संवाद सूत्र, खड्डा। छह दिनों से भैसहा गांव के सामने नारायणी नदी छितौनी बांध के समीप लगभग 20 मीटर की चौड़ाई और 25 मीटर लंबाई में कटान करते हुए बांध के समीप पहुंच गई है। कटान स्थल पर बांध और नदी के बीच का फासला लगभग 10 मीटर रह गया है।
इस बीच नदी लगातार ठोकर पर प्रहार करती रही है और विभाग के अधिकारी एप्रन के गिरने का इंतजार करते रहे हैं। हालांकि स्थिति बिगड़ने पर ठोकर व एप्रन के बचाव के लिए तेजी से कार्य कराया जा रहा है।
नेपाल में वर्षा थमने व वाल्मीकिनगर बैराज से डिस्चार्ज कम किए जाने के बाद नारायणी नदी का जलस्तर काफी घटा है। इसके बाद भी छितौनी बांध के किमी 8.800 के समीप स्थित ठोकर के एप्रन को काटते हुए नदी की धारा आगे बढ़ रही है। पानी के दबाव से ठोकर का लगभग 15 मीटर एप्रन अप व डाउन स्ट्रीम में पहले ही कट चुका है।
लगातार हो रही कटान व नदी के दबाव के कारण बांध के समीपवर्ती गांवों के लोग भयभीत हैं। पिछले शुक्रवार को किमी 8.800 के समीप ठोकर का लगभग तीन मीटर लांचिंग पैड नदी की धारा में बह गया था। उसके बाद भी विभाग की ओर से तत्काल कटान रोकने को ठोस कदम नहीं उठाए गए।
विधायक विवेकानंद पांडेय व एसडीएम रामवीर सिंह के निरीक्षण के बाद बाढ़ खंड विभाग के अधिकारी सक्रिय हुए और बचाव कार्य के नाम पर कटान स्थल पर परक्यूपाइन लगाकर खानापूरी करा दी। शनिवार की रात ठोकर के अप व डाउन स्ट्रीम में कटान से लगभग 10 मीटर लांचिंग पैड पानी में बह गया था।
रविवार को भी ठोकर के दोनों ओर दरार बनाकर नदी एप्रन का लगभग 15 मीटर हिस्सा धारा में विलीन कर दी थी। उसका नतीजा यह हुआ कि सोमवार को नदी ठोकर से कुछ दूर भैसहा गांव के सामने कटान करते हुए बांध की तरफ बढ़ रही है।
विभाग के अधिकारी, कर्मचारी व ठीकेदार बचाव कार्य में जुटे हैं। जाली में बालू भरी बोरियों को डाल कटान को रोकने का कार्य चल रहा है। ठोकर के एप्रन की मरम्मत के लिए बोल्डर गिराए जा रहे हैं। दूसरी ओर ग्रामीणों का आरोप है कि अगर चार दिन पहले अधिकारी बचाव कार्य शुरू कराए होते तो नदी बांध के समीप नहीं पहुंच पाती।
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यह रहा मंगलवार का डिस्चार्ज
वाल्मीकिनगर बैराज से मंगलवार की सुबह चार बजे 71 हजार तीन सौ, सुबह छह से आठ बजे तक 65 हजार, 10 बजे 69 हजार दो सौ, 12 बजे 67 हजार एक सौ, चार बजे 71 हजार तीन सौ, शाम छह बजे 75 हजार पांच सौ क्यूसेक डिस्चार्ज रहा। भैसहा गेज पर शाम पांच बजे नदी का जलस्तर चेतावनी बिंदु से 10 सेमी नीचे 94.90 मीटर दर्ज किया गया।
छितौनी बांध व ठोकर को कोई खतरा नहीं है। कटान स्थल पर तेजी से बचाव कार्य कराए जा रहे है। एप्रन की मरम्मत के लिए बोल्डर मंगा लिए गए हैं, चिंता करने जैसी स्थिति नहीं है।
-मनोरंजन कुमार, एसडीओ बाढ़ खंड विभाग
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