Kushinagar News: तीन वर्ष की बच्ची के दुष्कर्मी को आजीवन सश्रम कारावास, पांच लाख का अर्थदंड
कुशीनगर की एक अदालत ने तीन साल की बच्ची से दुष्कर्म के मामले में दोषी पाए गए व्यक्ति को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। विशेष न्यायाधीश दिनेश कुमार ने ...और पढ़ें

कोर्ट ने कहा, अभियुक्त को सभ्य समाज में रहने की नहीं दी जा सकती अनुमति। जागरण
जागरण संवाददाता, पडरौना। विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट अपर सत्र न्यायाधीश दिनेश कुमार की अदालत ने तीन वर्ष की बच्ची से दुष्कर्म करने वाले को दोषी करार देते हुए आजीवन सश्रम कारावास व पांच लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। कोर्ट ने कहा कि अभियुक्त सत्येंद्र निवासी मड़ार विंदवलिया टोला खपरधिक्का को सभ्य समाज में रहने की अनुमति नहीं दी जा सकती। अगर उसे यह अवसर प्राप्त हुआ तो वह फिर किसी अबोध को अपना शिकार बनाएगा।
बुधवार को सजा सुनाते हुए कोर्ट ने गंभीर टिप्पणी करते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति सृजन और संवेदना की संस्कृति है। इसका मूर्त रूप नारी है। जिसका समूचा अस्तित्व सृजन एवं संवेदना के स्पंदनों भावनाओं से मानवीयता पुष्पित व पल्वित होती रहती है। कोई भी व्यक्ति अथवा समाज कितना सुसंस्कृत है, इस सवाल का जवाब, उसका नारी के प्रति किए जाने वाले व्यवहार में खोजा जा सकता है।
महिलाओं के प्रति दुर्व्यवहार हमारी सभ्यता व संस्कृति पर प्रश्नचिन्ह लगाता है। नारी के प्रति अपराध, संस्कृति पर आघात है। इनमें दिनोंदिन हो रही वृद्धि ने समूचे सांस्कृतिक अस्तित्व को संकट में डाल दिया है। ऐसे में तीन वर्षीय बच्ची संग ऐसा घृणित कृत्य करने वाला कठोर दंड पाने का अधिकारी है। कोर्ट में अर्थदंड का 80 प्रतिशत पीड़िता के पिता को दिए जाने का आदेश दिया है।
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इससे पूर्व सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फूलबदन व अजय गुप्ता ने कोर्ट को बताया कि वादी ने 23 जून 2020 को नेबुआ नौरंगिया थाने में सूचना दी कि आरोपित आम खिलाने के बहाने उनकी तीन वर्ष की बच्ची को अपने घर ले गया। घर में कोई नहीं था।
वहां उसने बच्ची से दुष्कर्म किया। इधर बच्ची को ढूंढने निकली मां को लोगों ने बताया कि वह बच्ची को सत्येंद्र संग जाते देखे हैं। बच्ची की तलाश में मां उसे घर गई। वहां उन्होंने बच्ची से दुष्कर्म होते अपनी आंखों से देखा। शोर मचाने पर आरोपित फरार हो गया।

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