UP News: बाधाएं दूर, कुशीनगर एयरपोर्ट से उड़ान की कवायद तेज, 18 माह से है पूरी तरह बंद
कुशीनगर एयरपोर्ट से उड़ान शुरू करने की बाधा दूर हो गई है क्योंकि उच्च न्यायालय ने किसानों की याचिका खारिज कर दी है। प्रशासन ने किसानों को 48 घंटे में कब्जा हटाने का नोटिस दिया है। जेटविंग्स को लखनऊ वाराणसी और प्रयागराज के लिए उड़ान का लाइसेंस मिला है। एयरपोर्ट अथॉरिटी अन्य विमानन कंपनियों से भी संपर्क कर रही है ताकि जल्द ही एयरपोर्ट पूरी तरह से शुरू हो सके।
जागरण संवाददाता, कसया। किसानों की दलीलों को खारिज कर बीते 21 अगस्त को ही प्रशासन के पक्ष में उच्च न्यायालय के आदेश दिया तो कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ान शुरू करने को लेकर अंतिम बाधा दूर हो गई। इसके साथ ही उड़ान शुरू करने की कवायद भी तेज हो गई है।
प्रशासन भूमि खाली कराने में लग लग गया है। शुक्रवार को किसानों को स्वयं कब्जा हटा लेने को नोटिस जारी कर 48 घंटे का समय दिया है। दूसरी ओर एयरपोर्ट अथारिटी विमानन कंपनियों से संपर्क साधने में लगी है तो आइएलएस का कार्य पूरा करने में भी पूरी ताकत झोंक दी है।
कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर आइएलएस (इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम) के लिए अधिग्रहित भूमि के कुछ अंश के विवाद के प्रकरण में भलुही मदारी पट्टी के आठ किसानों की याचिकाओं को उच्च न्यायालय द्वारा खारिज कर दिया गया है। शुक्रवार की सुबह 10 बजे एसडीएम डा. संतराज सिंह बघेल एवं तहसीलदार धर्मवीर सिंह के नेतृत्व में राजस्व टीम अतिक्रमण हटाने मौके पर पहुंचे तो किसान समय की मांग करने लगे।
उन्हें 48 घंटे का अल्टीमेटम देते हुए सरकारी भूमि पर बने मकान को हटाने के साथ परिवार को अन्यत्र व्यवस्थित करने को कहा। दरअसल, 2020 में एयरपोर्ट पर आइएलएस व डीवीओआर (डाप्लर वेरी ओमिनी रेंज) लगाने के लिए विस्तारीकरण को 547 किसानों से 30.14 एकड़ भूमि ली गई थी।
इनमें से आठ किसान उच्च न्यायालय में रिट दायर कर स्थगन आदेश प्राप्त कर लिए। लंबी सुनवाई के बाद उच्च न्यायालय ने गुरुवार को किसानों की याचिका खारिज कर और आदेश दिया गया कि बंजर खाते के नाम से दर्ज भूमि से अतिक्रमण हटाया जाए। इस भूमि पर मकान होने के कारण एयरपोर्ट पर आइएलएस इंस्टालेशन में अवरोध खड़ा था।
टीम में कानूनगो ब्रजेश मणि त्रिपाठी, लेखपाल अजय दूबे, डा. शैलेंद्र दूबे, शमशेर आदि शामिल रहे। दूसरी ओर आएएलएस तीन माह के भीतर ट्रायल पर आ जाएगा। दो वर्ष से यह अटका पड़ा हुआ है। कुशीनगर एयरपोर्ट अथारिटी का कहना है कि, अब उड़ान में कोई बाधा नहीं रह गई है।
कुशीनगर से लखनऊ वाराणसी व प्रयागराज को होगी उड़ान
नव प्रवेशी विमानन कंपनी जेटविंग्स को कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से प्रदेश की राजधानी लखनऊ, तीर्थराज प्रयागराज और मोक्षदायिनी नगरी वाराणसी के लिए उड़ान भरने का लाइसेंस मिला है। आरसीएस (रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम) के अंतर्गत मिली उड़ान की अनुमति के बाद समय सारणी की घोषणा विंटर शेड्यूल में होगी। हालांकि, इस कंपनी को पूर्व में बोधगया, लखनऊ, बरेली, दिल्ली, आगरा से उड़ान के लिए भी लाइसेंस मिला था, लेकिन कंपनी उड़ान शुरू नहीं कर सकी थी।
उड़ान सेवा के लिए कंपनी ने 80 सीटर बांबार्डियर 400 क्यू विमान की खरीद कर ली है। आरसीएस स्कीम के तहत नए-नए सृजित रूट पर एयरपोर्ट अथारिटी आफ इंडिया ने इस रूट पर निविदा आमंत्रित की थी। विमानन कंपनी इंडिगो ने भी निविदा में प्रतिभाग किया था। 11 जुलाई को संपन्न निविदा में जेटविंग्स को निविदा प्राप्त करने में सफलता मिली।
एयरपोर्ट अथारिटी ने दिल्ली, मुंबई, कोलकाता जैसे बड़े शहरों के लिए भी उड़ान सेवा शुरू करने के लिए इंडिगो, आकासा जैसी बड़ी कंपनियों से संपर्क साधा है। एयरपोर्ट निदेशक प्राणेश राय ने बताया कि जेटविंग्स को कुशीनगर से लखनऊ, वाराणसी व प्रयागराज के लिए उड़ान सेवा शुरू करने को लाइसेंस मिला है। विंटर शेड्यूल में समय सारिणी घोषित हो सकती है। बहुत जल्द एयरपोर्ट पूरी तरह क्रियाशील हो जाएगा।
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फ्लैश बैक
20 अक्टूबर 21 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एयरपोर्ट का उद्घाटन किया था। प्रधानमंत्री के मंच से ही तत्कालीन नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कुशीनगर से दिल्ली, कोलकाता और मुंबई के लिए उड़ान सेवा की घोषणा की। उसी दिन स्पाइस जेट ने उड़ान की समय सारणी भी जारी कर दी।
दिल्ली की उड़ान रुक-रुक कर जारी रही। कोलकाता की दो दिन होकर बंद हो गई। मुंबई की उड़ान शुरू ही नहीं हुई। नवंबर 2023 में कंपनी ने उड़ान बंद की तो फिर आज तक कोई भी उड़ान न हो सकी है।
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