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    ठीकेदारों के हैसियत प्रमाण पत्र निरस्त करने के निर्देश

    By JagranEdited By:
    Updated: Tue, 31 May 2022 12:44 AM (IST)

    कुशीनगर में 50 लाख रुपये से अधिक की लागतवाली परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने समय से कार्य न पूर्ण होने पर संबंधित ठीकेदारों पर मुकदमा दर्ज कराने का भी निर्देश दिया है।

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    ठीकेदारों के हैसियत प्रमाण पत्र निरस्त करने के निर्देश

    कुशीनगर : 50 लाख की धनराशि से अधिक की लागत के निर्माण कार्यों की समीक्षा करते हुए डीएम एस राजलिगम ने नाराजगी जाहिर करते हुए चार ठीकेदारों के हैसियत प्रमाण पत्र को निरस्त करने का निर्देश दिए। चेताया कि जरूरत पड़े तो संबंधित के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराएं। वह सोमवार की शाम विकास भवन सभागार में विकास कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थान के निर्माण एजेंसी यूपीपीसीएल के प्रतिनिधि से नाराजगी जाहिर करते हुए ठीकेदार के हैसियत प्रमाण पत्र को निरस्त करने के निर्देश डीएसटीओ को दिए। कहा कि समय से कार्य पूर्ण न होने पर मुकदमा दर्ज कराएं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हाटा में निर्माण कार्य एजेंसी यूपीपीसीएल की धीमी प्रगति पर संबंधित ठीकेदारों के प्रमाण पत्र निरस्त करने को कहा। कस्तूरबा गांधी विद्यालय के निर्माण में विलंब पर भी ठीकेदार के खिलाफ शिकायत पत्र प्रेषित करने के निर्देश दिए। निर्माण कार्यों की धीमी प्रगति पर डीएम ने नाराजगी जताते हुए उन्होंने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हाटा, सहायक संभागीय परिवहन कार्यालय का सारथी भवन, कस्तूरबा गांधी विद्यालय राजकीय इंटर कालेज कोटवा दिलीप नगर, नगर पंचायत कार्यालय सुकरौली आदि निर्माण कार्यों की समीक्षा की। राजकीय मेडिकल कालेज निर्माण कार्य के लिए उत्तरदायी संस्था से कार्य के पूर्ण होने की समय सीमा, प्रगति की समीक्षा, मानव संसाधन को बढ़ाने की आवश्यकता व प्रशासन से किसी भी प्रकार के सहयोग की आवश्यकता के बारे में पूछताछ की। सीडीओ अनुज मलिक, सीएमओ डा. सुरेश पटारिया, जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी मोहम्मद नासेह, अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत विध्याचल कुशवाहा, अधिशासी अधिकारी कसया प्रेम शंकर गुप्ता, जिला विद्यालय निरीक्षक मनमोहन शर्मा आदि मौजूद रहे।

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    आनलाइन उपस्थिति दर्ज कराएंगे पंचायत सहायक

    सेवरही में पंचायत घर तक गए बिना ही घर बैठकर मानदेय लेने वाले कर्मचारियों के लिए शासन ने नई व्यवस्था शुरू की है। अब पंचायत सहायकों को आनलाइन उपस्थिति दर्ज करानी पड़ेगी। पंचायत विभाग ने मोबाइल ई-उपस्थिति एप विकसित किया है। जिसके माध्यम से पंचायत सहायकों को पंचायत भवन की जियो फेसिग के साथ हाजिरी लगानी अनिवार्य होगी।

    शासन के निर्देश पर पंचायत सहायकों को सुबह 10 से शाम पांच बजे तक पंचायत घरों में रहकर गांवों के विकास कार्यों को देखने की जिम्मेदारी दी गई है। अभी तक ग्राम प्रधान और सचिवों की कृपा से इनकी नौकरी मनमानी ढंग से चल रही थी। कई ग्राम पंचायतों में बिना किसी सेवा के ही महीनों से पंचायत सहायक मानदेय ले रहे थे। पंचायत विभाग ने नई व्यवस्था लागू करके मनमानी पर बहुत हद तक रोक लगाने की योजना तैयार की है। केयर टेकर पर भी यह नियम लागू होंगे। उन्हें भी पंचायत सहायक की तरह ही एप के माध्यम से उपस्थिति दर्ज करानी पड़ेगी। एडीओ पंचायत मैनेजर सिंह ने बताया कि ग्राम पंचायतों में तैनात सभी पंचायत सहायकों को मोबाइल एप से उपस्थिति दर्ज करानी होगी। इसका पालन करने के लिए एडीओ पंचायत और सचिवों को वीडियो कान्फ्रेंसिग में निर्देश दिए गए हैं। लापरवाही बरतने पर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।