कुशीनगर में 26 बटुकों का हुआ उपनयन संस्कार, गूंजे मंगल गीत
कुशीनगर के हाटा में हुए आयोजन में बताया गया जनेऊ धारण करने का धार्मिक व वैज्ञानिक महत्व आचार्यों ने संस्कार का महत्व बताते हुए बटुकों को दिए मंत्र।

कुशीनगर: प्रबोधिनी संस्कृत पाठशाला हाटा में रविवार को 26 बटुकों का आचार्यों ने उपनयन संस्कार कराया। आचार्यों के वैदिक मंत्रोच्चार व महिलाओं के मंगल गीतों से सारा वातावरण गूंज उठा।
कार्यक्रम के शुरुआत में सुबह दीक्षा संस्कार कराया गया। राजेश चतुर्वेदी, सुमंत पांडेय, रामाधार शास्त्री, जगदीश शास्त्री, आसुतोष उपाध्याय, रामप्रवेश उपाध्याय, विजय मणि आदि आचार्यों ने बटुकों को गुरु मंत्र दिए। सभी को जनेऊ धारण करने के वैज्ञानिक और धार्मिक महत्व बताए गए। श्रीनाथ संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य डा. राजेश चतुर्वेदी ने कहा कि जनेऊ धारण करने के बाद ही हवन-पूजन करने व कराने का अधिकार मिलता है। कहा कि 16 संस्कारों में 10 वां संस्कार उपनयन संस्कार है। इस संस्कार के दौरान आचार्यों द्वारा दी गई शिक्षा का पालन बटुकों को जीवन भर करना होता है। पाठशाला के प्रधानाचार्य प्रभुनाथ पांडेय व आचार्य सुमंत पांडेय ने कहा कि प्राचीन काल से ही उपनयन संस्कार गुरुकुल में ही संपन्न कराने का विधान रहा है। बदलते समय में लोग घरों में यह संस्कार कराते हैं।
डा. मनीष चंद्र उपाध्याय, आनंद मणि, डा. चंद्रशेखर पांडेय, प्रेमशंकर द्विवेदी, लक्ष्मण सिंह, नगर पालिका अध्यक्ष मोहन वर्मा, प्रभुनाथ पांडेय, हिमांशु मिश्र, बैजनाथ मिश्र, वीरेंद्र नाथ तिवारी उर्फ मंटू, राजन तिवारी आदि मौजूद रहे।
गायत्री महायज्ञ के लिए निकाली कलश यात्रा
फाजिलनगर गायत्री मंदिर परिसर से रविवार को तीन दिवसीय नौ कुंडीय श्रद्धा संवर्द्धन गायत्री महायज्ञ के लिए कलश यात्रा निकाली गई। इससे वातावरण भक्तिमय हो गया।
रिकी लक्ष्मी जायसवाल व पशुपति नाथ जायसवाल की अगुवाई में कन्याओं और युवतियों ने कलश लेकर नगर में भ्रमण किया। यात्रा मुख्य बाजार, नेशनल हाईवे, कालेज रोड, जैन मंदिर चौराहा, बघौच मोड़ होते हुए यज्ञ स्थल पर पहुंची, जहां आचार्यों ने यज्ञ शुरू कराया। आयोजक मंडल के शिवशंकर सिंह व त्रिवेणी सिंह ने बताया कि सोमवार को देवपूजन और गायत्री महायज्ञ और अंतिम दिन मंगलवार को विविध संस्कार, संगोष्ठी व गायत्री महादीप का आयोजन होगा। यात्रा में डा. राम इकबाल कुशवाहा, कन्हैया लाल स्वर्णकार, रामध्यान सिंह, नितिन बरनवाल, नित्यानंद सिंह, धनई गुप्त, मुन्ना सिंह, मोहन मद्धेशिया, निर्मला देवी, किरण, सरस्वती, अंजु, पुष्पा, कुसुम आदि शामिल रहे।
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