मेला समापन के बाद गुजरी थी ट्रेन, नहीं था ट्रैक जाम
कुशीनगर: दशहरा डोल मेला के दौरान दुदही बाजार में अमृतसर जैसा हादसे की आशंका बेबुनियाद थी। मेला समापन
कुशीनगर: दशहरा डोल मेला के दौरान दुदही बाजार में अमृतसर जैसा हादसे की आशंका बेबुनियाद थी। मेला समापन के बाद ट्रेन आई, स्टेशन पर मात्र दो मिनट रुकने के बाद प्रस्थान कर गई, कहीं ट्रैक जाम नहीं था। रेलवे ट्रैक की सुरक्षा की निगरानी कर रहे विशुनपुरा थाने के सिपाही अंकुर ¨सह व बाजार के व्यापारी राजकुमार जायसवाल ने इसे खारिज किया। स्टेशन मास्टर ने भी ट्रैक जाम होने का जिक्र डायरी में नहीं किया है। बीते 26 अप्रैल को पडरौना मंडुरही के बहपुरवा मानवविहीन समपार फाटक पर स्कूली वैन एवं 55075 अप सवारी गाड़ी के टक्कर में 13 बच्चों की मौत के बाद रेलवे सतर्कता बरत रहा है। बीते गुरुवार की रात डोल मेला में कहीं ट्रैक जाम नहीं था। सिपाही अंकुर ¨सह व व्यवसायी राजकुमार जायसवाल ने ट्रैक जाम होने व किसी तरह की अनहोनी की आशंका को खारिज कर रहे। डोल में प्रशासन ने पुख्ता सुरक्षा का इंतजाम किया था। साढ़े 10 बजे सभी डोल अपने-अपने स्थान पर लौट गए थे। रेलवे ट्रैक की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाले सिपाही अंकुर ¨सह के कड़े रुख के चलते तीन युवकों को गिरफ्तार भी किया गया। सोशल मीडिया में अमृतसर की घटना को देख सिपाही किसी को ट्रैक पर फटकने नहीं दे रहा था। इस वजह से उन पर कुछ लोगों ने पत्थर भी फेंका था। ड्यूटी पर तैनात सहायक स्टेशन मास्टर ने नौतनवां से सिवान जाने वाली डाउन सवारी गाड़ी के यहां पहुंचने का समय डायरी में 10 बजकर 58 मिनट व जाने का 11 पीएम अंकित किया है। ट्रैक जाम होने व उसे खाली कराने का जिक्र डायरी में नहीं है। व्यवसायी जायसवाल ने बताया कि न ही ट्रैक जाम था, न ही व्यवसायियों द्वारा ट्रैक खाली कराया गया। डोल मेला से लौटने के बाद टेलीविजन पर अमृतसर की घटना देखने के बाद थानाध्यक्ष विशुनपुरा को मैंने फोन किया कि रेलवे ट्रैक पर सावधानी बरती जाए। स्टेशन अधीक्षक नंदकिशोर तिवारी ने बताया कि ट्रैक जाम होने व खाली कराने जैसी कोई बात नहीं हुई। ऐसी बात होने पर उसका जिक्र रेल डायरी में किया जाता है।