मछुआरों की मनमानी से डूब रही धान व गन्ने की फसल, किसान हो रहे परेशान
किसानों का कहना है कि मछुआरों की मनमानी से धान और गन्ने की फसलें डूब रही हैं। खेतों में पानी भरने से फसलें सड़ रही हैं, जिससे किसानों को भारी नुकसान हो रहा है। किसान प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे हैं ताकि उनकी फसलें बच सकें।

जलभराव से धान व गन्ने की फसल डूबने लगी है।
संवाद सूत्र, नेबुआ नौरंगिया। पडरौना तहसील के सिधरिया व सरपतही खुर्द ड्रेन में मछुआरों ने जगह-जगह जाल व चिलवन लगाकर जलनिकासी बाधित कर दिया है। इससे सैकड़ों एकड़ खेतों में जलभराव से धान व गन्ने की फसल डूबने लगी है। किसान अपनी मेहनत और पूंजी बर्बाद होने के डर से चिंतित हैं।
क्षेत्र के शैलेश तिवारी, शंभूशरण मिश्र, संजय कुशवाहा, शशिप्रताप, रितेश, विनोद, राजू, भृगुनाथ, प्रमोद आदि का कहना है कि मछुआरों ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों से साठगांठ कर ड्रेन पर बनी पुलिया समेत कई जगहों पर चिलवन लगा मछली का शिकार कर रहे हैं।
इससे श्रीराम चौराहा, पटेरा, नरचोचवा, धर्मपुर, चितहां, खजुरिया, सरपतही, पिपरा, बहोरा रामनगर, बिरइठ समेत आसपास के गांवों के खेत जलमग्न हो गए हैं। जलभराव से धान की बालियां सड़ने लगी हैं, गन्ने की फसल में रेडराट रोग लग गया है। दो वर्ष पहले बरसात की शुरुआत में ड्रेन की सफाई का कार्य शुरू हुआ था।
ठीकेदार खानापूरी करने लगा तो ग्रामीणों ने विरोध किया था। बाद में ठीकेदार ने आधी-अधूरी सफाई कराकर चला गया। अब मछुआरों की मनमानी से परेशानी खड़ी हो गई है। किसानों ने प्रशासन से समाधान कराने की मांग की है। चेतावनी दी है कि ड्रेन से चिलवन व जाल नहीं हटवाया गया तो आंदोलन करेंगे।
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