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    पिता की जलाई लौ को बनाया दीपक

    By JagranEdited By:
    Updated: Wed, 04 Sep 2019 11:45 PM (IST)

    दुदही विकास खंड के गुरवलिया बाजार स्थित श्री अन्नपूर्णा इंटरमीडिएट कालेज के प्रधानाचार्य डॉ. शक्ति प्रकाश पाठक को वर्ष 2016 में 5 सितंबर को प्रदेश के राज्यपाल व मुख्यमंत्री द्वारा राज्य अध्यापक पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

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    पिता की जलाई लौ को बनाया दीपक

    कुशीनगर : दुदही विकास खंड के गुरवलिया बाजार स्थित श्री अन्नपूर्णा इंटरमीडिएट कालेज के प्रधानाचार्य डॉ. शक्ति प्रकाश पाठक को वर्ष 2016 में 5 सितंबर को प्रदेश के राज्यपाल व मुख्यमंत्री द्वारा राज्य अध्यापक पुरस्कार से सम्मानित किया गया। अपने पिता महान ज्योतिषविद् बागीश्वरी पाठक द्वारा शुरू की गई शिक्षा की लौ को आगे बढ़ाते हुए शैक्षिक दृष्टिकोण से पिछड़े क्षेत्र में शिक्षा की क्रांति लाने के एवज में सरकार ने इन्हें सम्मानित किया।

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    डॉ. शक्ति प्रकाश पाठक ने श्री अन्नपूर्णा इंटरमीडिएट कालेज से वर्ष 1970 में हाईस्कूल व 1972 में इंटर की परीक्षा उत्तीर्ण की। बिहार प्रांत के मुजफ्फरपुर से जीव विज्ञान आनर्स विषय से वर्ष 1976 में विज्ञान स्नातक की परीक्षा पास की। वर्ष 1978 में गोरखपुर विश्वविद्यालय से समाजशास्त्र से परास्नातक की उपाधि प्राप्त करने के बाद वर्ष 1982 में उन्होंने श्री अन्नपूर्णा इंटरमीडिएट कालेज में बतौर प्रवक्ता के रूप में शिक्षण कार्य करना शुरू किया। वर्ष 2003 में वह कार्यवाहक प्रधानाचार्य बने। इसी वर्ष उन्होंने मिथिला विश्वविद्यालय से डाक्टरेट की उपाधि हासिल की। वर्ष 2012 में माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड द्वारा वे प्रधानाचार्य नियुक्त किए गए। इस दौरान डा. पाठक विद्यालय को शैक्षिक केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए सतत प्रयत्नशील रहे। बतौर प्रधानाचार्य का कार्यभार ग्रहण करते समय जहां छात्र संख्या महज 400 के आसपास थी, उसे बढ़ाकर 2000 तक ले गए। इंटर कालेज के बगल में उन्होंने नर्सरी, प्राथमिक, स्नातक, परास्नातक, बीएड, बीटीसी व कम्प्यूटर शिक्षा के संस्थानों की मान्यता प्राप्त कर लगभग पांच हजार छात्र छात्राओं का भविष्य गढ़ रहे हैं। डा. पाठक के दूसरे भाई विद्या प्रकाश पाठक नोएडा में जिला जज हैं, वहीं तीसरे भाई ज्योतिषविद् पं कामाख्या प्रकाश पाठक हैं।