Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उपेक्षित है मल्लों की कुल देवी का स्थान

    By Edited By:
    Updated: Thu, 22 Mar 2012 09:55 PM (IST)

    कसया, कुशीनगर :

    भगवान बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली कुशीनगर जो कभी मल्लों का गणराज्य की राजधानी हुआ करता था, आज वहीं उनकी कुल देवी का स्थान पूरी तरह से उपेक्षित पड़ा है। ऐसा माना जाता है कि पवित्र हिरण्यवती नदी के किनारे स्थित इस स्थान पर मल्ल युवराजों का मुकुट बंधन संस्कार सम्पन्न होता था। इसके ठीक बगल में स्थित भगवान बुद्ध का दाह संस्कार स्थल(रामाभार स्तूप)आज विश्व के मानचित्र पर है तो यह पवित्र स्थल उपेक्षा का शिकार। बहुत सारे लोग इस बारे में जानते ही नही।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बताया जाता है कि प्राचीन काल में कुशीनगर मल्ल गणराज्य की राजधानी थी और यहीं मल्लों का संस्थागार भी था। अंतिम मल्ल राजा बज्रपाणि थे। ऐसी मान्यता है कि रामभार स्तूप के बगल में जिस प्राचीन हिरण्यवती नदी के किनारे भगवान बुद्ध का अंतिम संस्कार हुआ था, उसके ठीक बगल में मल्ल राजाओं की कुल देवी का भी स्थान था। यहां होने वाले राजा अर्थात युवराजों का मुकुट बंधन जैसा पवित्र संस्कार होता था। इस बात की चर्चा बौद्धों के महाग्रंथ परिनब्बान सुत्त में भी की गयी है। इस पवित्र नदी के किनारे आज भी यह पवित्र स्थल स्थित तो है लेकिन बात केवल किताबों तक ही सीमित रह गयी है। भगवान बुद्ध से संबधित अन्य स्थलों का तेजी से विकस हुआ लेकिन इस ओर किसी ने देखा भी नही। ऐसे में कभी समृद्ध मल्ल गणराज्य की कुलदेवी का स्थान अपनी पहचान के लिए जूझता दिख रहा है। यह और बात है कि यहां स्थानीय लोग आज भी पूजा-पाठ करते हैं लेकिन उसकी ऐतिहासिकता को नही जान पाते। कुशीनगर भिक्षु संघ के अध्यक्ष एबी ज्ञानेश्वर कहते हैं कि वही स्थान मल्लों की कुल देवी का है। भंते बोध्यांग ने कहा कि परिनिब्बान सुत्त में इसका उल्लेख है कि पवित्र हिरण्ययवती नदी के किनारे यह पवित्र स्थल स्थित है। जो वर्तमान में रामाभार स्तूप के किनारे है।

    अब सवाल यह कि विकास की दौड़ में मल्ल गणराज्य का यह पवित्र स्थल पीछे कैसे रह गया। खुदाई के बाद प्रकाश में आये अन्य बौद्ध स्थलों के साथ इस पर ध्यान क्यों नही दिया गया।

    इस बावत प्रभारी संरक्षण सहायक कुशीनगर अविनाश चंद्र त्रिपाठी कहते हैं कि पुरातत्व विभाग के पास अब तक इस तरह की कोइ बात नही आयी है। यदि बौद्ध ग्रंथों में इसकी चर्चा है तो संज्ञान ले अगली कार्रवाई की जायेगी।

    मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर