पीएम आवास योजना में खेल, पात्रों को नहीं मिली आवासीय सुविधा, गाड़ी व बंगला वालों को दिया गया आवास
प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत गरीबों को आवासीय सुविधा देने के लिए सरकार प्रयासरत है। इसके लिए शहरी क्षेत्र में करोड़ों रुपये खर्च भी हुए है लेकिन लाभार्थियों के चयन में जिम्मेदारों ने गड़बड़ी की है। कई अपात्र व्यक्तियों को योजना का लाभ मिल गया है। नगर पालिका भरवारी में ऐसे लोगों को आवासीय सुविधा दी गई है जिनके पास पहले से आवास व चार पहिया वाहन थे। चायल विधायक की पहल पर चार लोगों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया गया था।

कौशांबी। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत गरीबों को आवासीय सुविधा देने के लिए सरकार प्रयासरत है। इसके लिए शहरी क्षेत्र में करोड़ों रुपये खर्च भी हुए है, लेकिन लाभार्थियों के चयन में जिम्मेदारों ने गड़बड़ी की है। कई अपात्र व्यक्तियों को योजना का लाभ मिल गया है। नगर पालिका भरवारी में ऐसे लोगों को आवासीय सुविधा दी गई है, जिनके पास पहले से आवास व चार पहिया वाहन थे। चायल विधायक की पहल पर चार लोगों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया गया था।
शहरी क्षेत्र में रहने वाले गरीबों को नगर पालिका, नगर पंचायत व जिला नगरीय विकास अभिकरण की संस्तुति पर प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) का लाभ देने का प्रावधान है। इस योजना कि तहत जनपद में विभागीय अधिकारियों द्वारा 12755 लाभार्थियों की सूची तैयार की गई। स्थलीय सत्यापन कराया गया तो 2758 लोग अपात्र मिले। 9997 लाभार्थियों को आवास देने की संस्तुति की गई। 9540 लोगों के खाते में आवास निर्माण के लिए धनराशि भेजी गई। कस्बे वासियों का आरोप है कि प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) का लाभ देने के लिए चयन प्रक्रिया में गड़बड़ी की गई है। कई अपात्रों को योजना का लाभ दिया गया है। सबसे अधिक गड़बड़ी नगर पालिका भरवारी में की गई है। शिकायत पर चायल विधायक संजय गुप्ता ने कस्बे में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत लाभार्थियों को दिए गए आवास की जांच कराई तो स्पष्ट हुआ कि पुरानी बाजार भरवारी निवासी आलीशान बंगले की मालकिन रजिया बेगम को आवास आवंटित किया गया है। मुरादपुर-भरवारी क मुनिया पत्नी मूलचंद्र व बेटे सुनील की पत्नी रेखा व भाई राजेश की पत्नी रजिया देवी के नाम आवास आवंटित किया गया है। बड़े-बड़े पक्के मकान के मालिक एक ही घर के तीन सदस्यों के नाम योजना का लाभ देने की विधायक ने जांच कराई तो सर्वेयरों ने आवास आवंटन में गड़बड़ी की थी। डीएम ने पूरे मामले की जांच कराई तो गड़बड़ी मिली, जिस पर नगरीय विकास अभिकरण कार्यालय के चार सर्वेयरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। उनकी संविदा समाप्त कर दी गई है।
मंझनपुर कस्बा निवासी कल्लू पाल का कहना है कि गरीबी रेखा के नीचे जीवन पापन कर रहे हैं। झोपड़ी नूमा घर में परिवार के सदस्यों के साथ रह रहा है। नगर पालिका प्रशासन से प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत घर बनाने के लिए धन की मांग की थी, लेकिन जिम्मेदारों ने ध्यान नहीं दिया है। नगर पालिका मंझनपुर निवासी बब्लू का कहना है कि प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत गरीबों को आवासीय सुविधा देने के लिए सरकार ने अधिकारियों को निर्देश जारी किया है। लाभार्थियों के चयन में गड़बड़ी की है। पिछले दस वर्ष से कच्चे जर्जर घर में रह रहा हूं। आवेदन के बाद भी आवासीय सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है। नगर पंचायत दारानगर में रहने वाले रामनरेश कहते हैं कि कच्चे एवं जर्जर मकान में काफी दिन से जीवन यापन कर रहा था। आवासीय सुविधा की मांग पिछले दो साल से की जा रही है, लेकिन लाभ नहीं मिला। बारिश से मकान गिर जाने की जीवन यापन में परेशानी हो रही है। नगर पंचायत दारानगर निवासी लीलावती के मुताबिक प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लाभार्थियों के चयन के लिए जिन कर्मचारियों एवं अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई थी। उन्हें चयन में गड़बड़ी की गई है। कच्चे मकान में जीवन यापन करती थी। बारिश से घर गिर गया है। इसके बाद भी आवासीय सुविधा नहीं मिल पा रही है। इस बारे में डीएम सुजीत कुमार का कहना है कि प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत लाभार्थियों के चयन में नगर पालिका भरवारी व नगर पंचायत अजुहा में गड़बड़ी की गई हैं। जांच में खुलासा होने के बाद कार्रवाई की गई है। यदि और भी किसी नगर पंचायत में गड़बड़ी की गई है तो जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।
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