शक्ति से मूर्छित हुए लक्ष्मण व कुंभकरण का किया वध
नगर पंचायत करारी में चल रही ऐतिहासिक रामलीला के मंचन में बुधवार की रात कलाकारों ने विभीषण शरणागति रामेश्वर स्थापना अंगद-रावण संवाद मेघनाथ-लक्ष्मण युद्ध लक्ष्मण शक्ति राम विलाप हनुमान संजीवनी बूटी कुंभकरण वध का संवाद किया गया।
संसू, करारी : नगर पंचायत करारी में चल रही ऐतिहासिक रामलीला के मंचन में बुधवार की रात कलाकारों ने विभीषण शरणागति, रामेश्वर स्थापना, अंगद-रावण संवाद, मेघनाथ-लक्ष्मण युद्ध, लक्ष्मण शक्ति, राम विलाप, हनुमान संजीवनी बूटी, कुंभकरण वध का संवाद किया गया।
रामलीला के मंचन में रावण को उनके अनुज विभीषण द्वारा समझाया जाता है कि संधि कर लीजिए और माता जानकी को आदर सहित राम को सौंप दीजिए। ऐसा करने से आपका ही भला होगा। यह सुनकर रावण क्रोधित हो जाता है, विभीषण को पैर की ठोकर मारकर लंका से बाहर कर देता है। विभीषण राम की शरण में आ जाते हैं। राम विभीषण से पूछते है कि इस अंगद सागर को कैसे पार किया जाए, तब विभीषण के बताया। तब राम सागर से रास्ते मांगने के लिए उससे विनय करते है। तीन दिन बीत जाने के पश्चात राम क्रोध से सागर को सुखाने के लिए अग्नि बाण का संधान करते हैं। तब सागर प्रकट हो जाता है, क्षमा याचना करता है और राम को सेतु बनाने के लिए मार्ग बताता है। राम सेतु निर्माण कर अपनी सेना सहित सेतु पार करते हैं।
अंगद को लंका में शांति दूत बनाकर भेजते हैं। रावण के अंहकार को देखकर अंगद ने रावण के दरबार में अपना पैर जमाकर चुनौती देते हुए कहा कि दरबार में यदि कोई मेरा पैर हटा देगा तो श्रीराम की सेना बिना युद्ध किए लौट जाएगी। पूरे दरबारी जोर लगते हैं। इसके बाद भी कोई वीर अंगद का पैर तक नहीं हिला सका। अंत में स्वयं रावण उठता है, तो अंगद अपना पैर हटाकर कहते हैं कि मेरा पैर क्यों पकड़ते हो जाकर श्रीराम का चरण पकड़ो तो कल्याण होगा। रावण की ओर से सेनापति मेघनाद और लक्ष्मण में घनघोर युद्ध होता है। अंत में मेघनाद के शक्ति बाण से लक्ष्मण मूर्छित हो जाते हैं। युद्ध के अंत में शेषावतार लक्ष्मण मेघनाथ का वध कर देते है। रावण कुम्भकरण को रणभूमि में भेजता है। राम से युद्ध करता हुआ कुंभकरण भी वीरगति को प्राप्त होता है। रामलीला कमेटी के अध्यक्ष सुनील जायसवाल ने बताया कि 25 अक्टूबर को भरत मिलाप के मंचन के साथ रामलीला का समापन होगा।
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