मेले में आई महिला को पुलिस ने किया गिरफ्तार, तीन करोड़ का सामान लेकर घूम रही थी… पकड़े जाने पर दंग रह गए अधिकारी!
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ मेले में नकली जेवरात बेचने वाले एक अंतरराज्यीय गैंग का पर्दाफाश हुआ है। पुलिस ने गैंग के तीन सदस्यों को गिरफ्तार कर उनके पास से तीन करोड़ रुपये कीमत के नकली आभूषण बरामद किए हैं। आरोपियों ने बताया कि वह सब असली जेवरात की तरह दिखने वाले नकली आभूषण बेचने की फिराक में थे।

संवाद सूत्र, कौशांबी। स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) व संदीपनघाट पुलिस की संयुक्त टीम ने शुक्रवार को प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में नकली जेवरात बेचने जा रहे अंतरराज्यीय गैंग का राजफाश किया है।
पकड़े गए गैंग के सदस्यों के पास से करीब तीन करोड़ रुपये कीमत के वास्तविक दिखने वाले नकली आभूषण बरामद हुए हैं। पुलिस ने गिरोह की महिला सदस्य समेत तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर चालान कर दिया है।
यह है पूरा मामला
सीओ चायल सत्येंद्र तिवारी ने बताया कि शुक्रवार सुबह सूचना मिली कि महाकुंभ में कुछ लोग सोने-चांदी के असली दिखने वाले नकली आभूषण बेचने की फिराक में जा रहे हैं। इस पर उन्होंने एसओजी प्रभारी सिद्धार्थ सिंह व संदीपनघाट थानाध्यक्ष बृजेंद्र सिंह की टीम को घेराबंदी करने का निर्देश दिया।
पुलिस टीम ने काजीपुर पानी की टंकी के पास घेराबंदी कर एक महिला समेत तीन लोगों को गिरफ्तार कर उनके पास से सोने-चांदी के जैसे दिखने वाले आर्टिफिशियल जेवरात बरामद किया।
पकड़े गए लोगों की पहचान कानपुर देहात निवासी बीरबल उर्फ मोहन शर्मा व भोपाल निवासी राजू सिंह, लक्ष्मी बंजारा के रूप में हुई। सभी के पास से दो किलो 482 ग्राम पीली धातु की लरी, पीली धातु की एक टिकिया, 1905 ग्राम का बना सफेद धातु का सिक्का, 24,053 रुपये नकद व तीन फर्जी आधार कार्ड बरामद हुए हैं।
आरोपियों ने बताया कि बरामद नकली धातु के जेवर को वह असली बताकर महाकुंभ में बेचने जा रहे थे। अगर जेवर असली से भी कुछ कम भाव में बेचते तो तीन करोड़ रुपये की बिक्री होती। पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ संदीपनघाट कोतवाली में मुकदमा दर्ज कर चालान कर दिया है।
ऐसे बनाते थे ग्राहकों को शिकार
पकड़े गए आरोपियों के पास से किंग एडवर्ड के जमाने का एक चांदी का सिक्का व एक सोने की टिकिया मिली है। आरोपियों ने कबूल किया कि वह ग्राहकों को झांसे में लेने के लिए यही असली सिक्का व टिकिया टेस्ट कराने के लिए देते थे।
वास्तविक होने के कारण खरीदार फंस जाता था। ग्राहक का विश्वास जीतने के लिए साधारण से दिखने वाले शातिर बताया करते थे कि आभूषण व सिक्के में उन्हें गड़े धन की खुदाई में मिले हैं।
नवरात्र मेले में मैहर धाम में कर चुके हैं बिक्री
पकड़े गए आरोपियों ने स्वीकार किया कि वह धार्मिक मेले में ऐसे नकली आभूषण बेचते थे। ग्राहक भी अपरिचित हुआ करता था। इसकी वजह से पकड़े जाने का खतरा नहीं होता था। इससे पहले वह नवरात्र के दिनों में मैहर में कई लोगों को आभूषण बेच चुके हैं।
आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद उनका चालान न्यायालय में पेश किया गया। जहां से सभी को अदालत ने जेल भेज दिया है। अब इन आरोपियों को कोर्ट से रिमांड पर लेने के बाद विस्तार से पूछताछ की जाएगी। जो जेवरात बरामद हुए हैं, वह देखने में हूबहू असली जैसे दिखते हैं। ऐसे में कोई ऐसी कंपनी का नाम भी सामने आ सकता है, जो ऐसे आभूषण बनाकर इस तरह की जालसाजी करने वालों को बेचा करती हो।
-बृजेंद्र सिंह, थानाध्यक्ष
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