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    शारदीय नवरात्र पर कस्बों व गांवों में सजेंगे पंडाल, कोरोना के साए के बीच पंडालों में पूजन करेंगे भक्त

    By JagranEdited By:
    Updated: Tue, 05 Oct 2021 10:35 PM (IST)

    शारदीय नवरात्र गुरुवार से प्रारंभ होने वाली है। मां भगवती की प्रतिभा स्थापित करने के लिए कस्बे व गांवों में पंडाल सजाए जाएंगे पूजन के लिए पहुंचने वाले भक्तों को कोविड गाइड लाइन का पालन करना होगा। इसके लिए शासन स्तर से गाइडलाइन जारी की गई है।

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    शारदीय नवरात्र पर कस्बों व गांवों में सजेंगे पंडाल, कोरोना के साए के बीच पंडालों में पूजन करेंगे भक्त

    कौशांबी। शारदीय नवरात्र गुरुवार से प्रारंभ होने वाली है। मां भगवती की प्रतिभा स्थापित करने के लिए कस्बे व गांवों में पंडाल सजाए जाएंगे, पूजन के लिए पहुंचने वाले भक्तों को कोविड गाइड लाइन का पालन करना होगा। इसके लिए शासन स्तर से गाइडलाइन जारी की गई है।

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    नवरात्र पूर्व को भक्ति भाव से मनाने के लिए मनाने के लिए भक्तगणों ने तैयारी कर ली है। मां दुर्गा की प्रतिमा भी कारीगरों ने तैयार कर ली है। आकर्षक पूजा पंडालों में मां दुर्गा की प्रतिमाएं स्थापित की जाएगी। जनपद के 1112 स्थानों पर पहले दुर्गा पंडाल सजाए जाते हैं। मां के दरबार में पूजन-अर्चन, आरती के साथ ही अन्य रंगारंग आयोजन होगा, लेकिन मंडाल में पहुंचने वाले भक्तों को कोविड की गाइडलाइन का पालन करना होगा। नए स्थानों पर पंडाल लगाने की अनुमति नहीं हैं। जिलाधिकारी सुजीत कुमार ने बताया कि पंडालों में सैनिटाइजर रखना होगा। एक स्थान पर अधिक भीड़ न हो। सभी भक्त मास्क का प्रयोग अवश्य करेंगे। शीतला धाम कड़ा समेत अन्य स्थानों में तैयारी चल रही है। दुकानदारों ने अपनी-अपनी दुकानें सजा ली है। फल का दाम भी बढ़ गया है।

    कलश स्थापित करने का समय

    शारदीय नवरात्र का प्रारंभ आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से होता है। इस वर्ष शारदीय नवरात्र का प्रारंभ सात अक्टूबर दिन गुरुवार से हो रहा है। इस दिन ही कलश स्थापना कर भक्त मां भगवती की पूजा करेंगे। नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। पंड़ित शिव अभिलाष शुल्क ने बताया कि कलश यात्रा का मुहूर्त सुबह गुरुवार की सुबह 6:17 बजे से 7:07 बजे तक है। कन्या पूजन का विशेष महत्व

    नवरात्र में व्रत के साथ कन्या पूजन का बहुत महत्व होता है। जो लोग नवरात्रि के 9 दिनों का व्रत रहते हैं या फिर पहले दिन और दुर्गा अष्टमी का व्रत रखते हैं, वे लोग कन्या पूजन करते हैं। कई स्थानों पर कन्या पूजन दुर्गा अष्टमी के दिन होता है और कई स्थानों पर यह महानवमी के दिन होता है। एक से लेकर नौ वर्ष की कन्याओं को मां दुर्गा का स्वरुप माना जाता है। इसलिए उनकी पूजा की जाती है। गांव कस्बों में सज रहे पंडालों में कल होगी मूर्ति स्थापित

    चायल तहसील के दो दर्जन से अधिक स्थानों पर कलाकार दुर्गा प्रतिमाएं तैयार कर रहे हैं। करीब छह महीनों से जुटे कलाकारों ने प्रतिमा को अंतिम रूप दे दिया है। बुधवार से यह दुर्गा प्रतिमाएं पंडाल में स्थापित होने लगेगी। गुरुवार की सुबह से इनकी पूजा अर्चना शुरू हो जाएगी।

    दुर्गा प्रतिमाओं की स्थापना बुधवार से पंडालों में शुरू होगी। गुरुवार को नवरात्र का पहला दिन है। इस दिन से देवी प्रतिमाओं का पूजन शुरू होगा। चायल तहसील के बसुहार गांव निवासी मूर्ति कलाकार रामपाल सिंह ने बताया कि 20 कलाकारों ने मिलकर करीब पांच सौ प्रतिमाओं को तैयार किया है। इसको माता दुर्गा, लक्ष्मी, गणेश, भगवान शिव शंकर, माता पार्वती समेत कई देवी देवताओं के रूप दिया गया। इसके अलावा चलौली, कटरा, चौराडीह, सराय अकिल, बलीपुलटाटा, तिल्हापुर मोड़, अमिरसा, मनौरी आदि स्थानों पर प्रतिमाओं को कलाकार अंतिम रूप देने में जुटे हैं। भक्त अपनी पसंद के हिसाब से मूर्तियों को लाकर पंडालों में विराजमान करेंगे। चायल नगर पंचायत समेत, सराय अकिल, चरवा, भरवारी, मनौरी, बलीपुलटाटा, कसेंदा, बूंदा, बल्हेपुर, रेही, नूरपुर हाजीपुर, अवधन, सिंहपुर, मुरादपुर, फतेहपुर- सहावपुर, उमरवल के करीब 200 से अधिक स्थानों पर दुर्गा पूजा पंडाल सजेगा।