पंचायत सचिव थमा रहे ऑफलाइन मृत्यु प्रमाण पत्र
केंद्र सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक प्रदेश सरकार ने जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र पंजीयन ई डिस्ट्रिक गवर्नमेंट पोर्टल को एक वर्ष पूर्व बंद कर दिया है। अब यह सेवा भारत सरकार की सीआरएस पोर्टल पर उपलब्ध है लेकिन आनलाइन आवेदन न कराकर अधिकतर प्रमाण पत्र ऑफलाइन जारी किए जाते हैं। इससे लोगों को परेशानी होती है। साथ ही ऑफलाइन जारी किए गए प्रमाण पत्र कई कार्यालयों में मान्य नहीं हैं।

कौशांबी/ बिजिया : केंद्र सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक प्रदेश सरकार ने जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र पंजीयन ई डिस्ट्रिक गवर्नमेंट पोर्टल को एक वर्ष पूर्व बंद कर दिया है। अब यह सेवा भारत सरकार की सीआरएस पोर्टल पर उपलब्ध है, लेकिन आनलाइन आवेदन न कराकर अधिकतर प्रमाण पत्र ऑफलाइन जारी किए जाते हैं। इससे लोगों को परेशानी होती है। साथ ही ऑफलाइन जारी किए गए प्रमाण पत्र कई कार्यालयों में मान्य नहीं हैं।
जनवरी 2020 तक मृत्यु प्रमाण के लिए लोगों को सहज जन सेवा केंद्रों पर आवेदन करना पड़ता था। पंचायत सचिव की रिपोर्ट के आधार पर एडीओ पंचायत संस्तुति करते थे। इसके बाद ऑनलाइन जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र जारी होता था। अब आवेदन ऑनलाइन करके मृत्यु व जन्म प्रमाण जारी करने का जिम्मा सचिवों को दिया गया है। ऑनलाइन की झंझट से बचने के लिए अधिकतर सचिव ऑफलाइन ही प्रमाण पत्र जारी कर रहे हैं। इस प्रमाण पत्र से सरकारी योजनाओं का लाभ तो मिल जाता है, लेकिन ऑफलाइन जारी किए गए प्रमाण पत्रों को बैंक नहीं मान रहा है। मंझनपुर तहसील क्षेत्र के कोशम इनाम गांव निवासी जोरदार पाल ने बताया कि उनकी पत्नी शिवपति की मौत 20 जून 2020 को हो गई थी। पंचायत सचिव ने ऑफलाइन मृत्यु प्रमाण थमा दिया। जिसे बैंक नहीं मान रहा है। इससे बैंक से जुड़े कार्य नहीं हो पा रहे हैं। कहा कि कौशांबी ब्लॉक के अधिकतर सचिव ऑफलाइन ही प्रमाण पत्र जारी कर रहे हैं। वर्ष 2017 से मान्य नहीं है ऑफलाइन प्रमाण पत्र
केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार वर्ष 2017 के बाद के प्रमाण पत्र को ऑनलाइन ही स्वीकार किया जा रहा है। ऐसे में आवेदक ऑफलाइन प्रमाण पत्र लेकर बैंकों का चक्कर काट रहे हैं। विकास खंड कौशांबी में जारी किए गए ऑफलाइन प्रमाण को लेकर जरूरतमंद बैंकों का चक्कर काटने पर मजबूर हैं। ऑफलाइन प्रमाण पत्र बनाकर किया जा चुका है खेल
सचिवों द्वारा जारी किए गए ऑफलाइन प्रमाण पत्र के जरिए राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना में जमकर हेराफेरी की गई है। दर्जनों जीवित लोगों को मृतक दिखाकर जालसाजों ने उनके स्वजनों के नाम लाखों रुपये निकाले हैं। इसमें कई लोगों पर कार्रवाई भी हो चुकी है।
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