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    बोरी के अभाव में नहीं हो रही धान की तौल, लौट रहे किसान

    By JagranEdited By:
    Updated: Wed, 24 Nov 2021 09:54 PM (IST)

    सिराथू क्षेत्र के किसान सेवा केंद्र समशाबाद में बने धान खरीद में दो दिनों से किसानों के धान की खरीद नहीं हो रही है। इससे किसान परेशान हैं। मीलर भी धान ...और पढ़ें

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    बोरी के अभाव में नहीं हो रही धान की तौल, लौट रहे किसान

    कौशांबी। सिराथू क्षेत्र के किसान सेवा केंद्र समशाबाद में बने धान खरीद में दो दिनों से किसानों के धान की खरीद नहीं हो रही है। इससे किसान परेशान हैं। मीलर भी धान का उठान नहीं कर रहे हैं। ऐसे में समस्या और गंभीर हो गई है। केंद्र प्रभारी भी किसानों की मदद करने में असमर्थ हैं।

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    समशाबाद में बने धान खरीद केंद्र में न तो बोरे बचे हैं और न ही धान रखने का स्थान है। ऐसे में वहां के प्रभारी शिवनारायण ने धान की खरीद बंद कर दी है। दो दिनों से धान की खरीद बंद होने से स्थानीय किसान परेशान है। बाजार में धान की कीमत कम होने से किसान केंद्र में धान बेचने चाहते हैं। खरीद न होने से उनको बारबार केंद में चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। केंद्र प्रभारी की मानें तो मिलर को धान उठाने के लिए कहा गया है, लेकिन धान की उठान न होने से समस्या आ रही है। बताया कि केंद्र 20 नवंबर से संचालित है और यहां 10 हजार कुंटल की खरीद होना है। अब तक 1200 कुंटल धान की खरीद हुई है। बोरा व स्थान न होने से खरीद बंद है। प्रतिदिन 300 कुंटल की खरीद का निर्देश है। अब इस लक्ष्य को पूरा करना पड़ी समस्या बनी है। बताया कि मिलर धान नहीं उठा रहे हैं। वहीं किसानों की बोरी का केंद्र के बाहर भंडार लगा है। क्षेत्र के किसान मोनू त्रिपाठी, शशि पाल, राजेश कुमार मौर्य, चुन्नू प्रजापति आदि किसानों का कहना है उपज बेचने के लिए एक माह से क्रय केंद्र के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन अब तक उनको कोई सकारात्मक जवाब नहीं दिया गया। सरकार है किसानों की दोषी

    समर्थ किसान पार्टी के नेता अजय सोनी ने कहा कि सरकार धान व गेहूं की खरीद ही विभिन्न स्थानों पर क्रय केंद्र खोलकर करती है। यह केंद्र खोले जाने से लेकर उनके बंद होने तक का समय सरकार ही निर्धारित करती है। हर केंद्र को इसके लिए लक्ष्य दिया जाता है। इसके बाद भी केंद्र के पास कभी बोरे की तो कभी रखने के लिए स्थान की कमी हो जाती है। इससे किसान परेशन होता है। यह कमी सरकार की है। जानकारी के बाद भी व्यवस्था न होना किसानों के साथ सौतेला व्यवहार है। इसके लिए संगठन विरोध करेंगा। समर्थ किसान पार्टी सरकार से मांग करती है कि किसानों के लिए प्राथमिक स्तर पर सुविधा दी जाए।