अब हर किसान के लिए Farmer Registry अनिवार्य, यहां जानें क्यों इसे कहा जा रहा अन्नदाता के हक की गारंटी?
Farmer Registry किसान रजिस्ट्री सिर्फ किसान सम्मान निधि ही नहीं बल्कि अन्नदाता के लिए संचालित केंद्र व उत्तर प्रदेश सरकार की योजनाओं की गारंटी है । इस रजिस्ट्री को कराने से किसानों का एक बकेट तैयार होगा जिसके तहत उन्हें किसान क्रेडिट कार्ड किसान फसल बीमा योजना या फिर कृषि यंत्रों पर मिलने वाले अनुदान में भी वरीयता मिलेगी।

जागरण संवाददाता, कौशांबी। Farmer Registry: शायद ही बहुत कम किसानों को मालूम होगा कि फार्मर रजिस्ट्री सिर्फ किसान सम्मान निधि ही नहीं, बल्कि अन्नदाता के लिए संचालित केंद्र व प्रदेश सरकार की योजनाओं की गारंटी है।
इस रजिस्ट्री को कराने से किसानों का एक बकेट तैयार होगा, जिसके तहत उन्हें किसान क्रेडिट कार्ड, किसान फसल बीमा योजना या फिर कृषि यंत्रों पर मिलने वाले अनुदान में भी वरीयता मिलेगी।
अब योजना का व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार किए जाने की कृषि विभाग ने तैयारी कर ली है। इस लिहाज से हर किसान के लिए फार्मर रजिस्ट्री अनिवार्य कर दी गई है। चाहे वह किसान सम्मान निधि का लाभ लेना चाहते है अथवा नहीं।
दो लाख 37 हजार 837 किसान विभाग में पंजीकृत
कृषि विभाग के आंकड़ों की मानें तो जिले की कुल आबादी के सापेक्ष दो लाख 37 हजार 837 किसान विभाग में पंजीकृत हैं। इनमें ज्यादातर वह किसान शामिल हैं जिनके खेत गांव में है। जबकि तमाम किसानों के खेत दूसरे गांव या जनपदों में हैं। तमाम लोगों को जायदात दान में भी मिली है।
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जानकारी के अभाव में वह केंद्र व प्रदेश सरकार की तमाम सारी योजनाओं से वंचित रह जाते हैं या फिर उन्हें योजना का उतना लाभ नहीं मिल पाता, जिसके लिए वह असल में हकदार हैं। अब इसी फार्मर रजिस्ट्री के जरिए उनका एक बकेट तैयार किया जा रहा है।
आधार लिंक बेस डेटा
कृषि विभाग के लोगों की मानें तो आधार लिंक बेस डेटा तैयार किए जाने से किसानों को योजनाओं का लाभ एक प्लेफार्म के नीचे मिल सकेगा। मसलन जैसे किसी को किसान क्रेडिट कार्ड योजना का लाभ लेना है तो वह अब तक सिर्फ अपने गांव के खेत को ही दिखा पाता था। अब उसके सारे खेत आनलाइन होंगे।
इसकी वजह से वह ज्यादा ऋण प्राप्त कर सकता है। इसी तरह फसल बीमा का लाभ के लिए उसे इधर-उधर नहीं भटकना होगा। कृषि यंत्रों में अनुदान पाने के लिए भी अक्सर बड़े काश्तकार की जरूरत होती है। ऐसे में अगर किसी किसान के पास कई गांव में कृषि योग्य भूमि है तो उसे योजना में वरीयता मिलेगी।
फार्मर रजिस्ट्री के लिए विभाग ने झोंकी ताकत
जिले में दो लाख 37 हजार 837 किसानों की फार्मर रजिस्ट्री कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस आंकड़ें में इजाफा भी हो सकता है। इसके लिए 60 सहज सेवा केेंद्र चयनित किए गए हैं। 18 नवंबर से फार्मर रजिस्ट्री का अभियान चलाया जा रहा है। किसानों से कहा गया है कि वह योजना का लाभ लेने के लिए अपने आधार या खतौनी में खामियां हैं तो उसे दुरुस्त करा लें।
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किसानों के सामने आने वाली तकनीकी दिक्कत
- हिसामबाद के अशोक कुमार त्रिपाठी ने बताया कि आधार कार्ड में पिता का नाम भी भानु प्रताप है। जबकि खतौनी में धर्म नारायण लिखा है। किसान सम्मान निधि पांच किस्त मिली अब बंद हो गई है। संशोधन कराने के लिए वह तहसील का चक्कर लगा रहें हैं, लेकिन सुनवाई नहीं हो पा रही।
- गोहरा मारूफपुर गांव के मो. हारून ने बताया कि आधार कार्ड में नाम मो. हारून है। खतौनी में हारून हसन लिखा है। इसलिए फार्मर रजिस्ट्रेशन नहीं हो पा रहा है। किसान सम्मान निधि की आठ किस्त मिल चुकी हैंं। अब बंद कर दी गई हैं।
- चक ऐलई रोशन गांव के किसान मो. महफूज ने बताया कि आधार कार्ड में पिता का नाम साबिर अली है। जबकि खतौनी में शब्बीर अहमद। सम्मान निधि मिल रही थी, लेकिन अब रजिस्ट्रेशन न होने से बंद कर दी गई। संशोधन के लिए कई बार तहसील व आधार संसोधन केंद्र में शिकायत की गई, लेकिन समस्या का हल नहीं निकला।
- सुशील मिश्रा निवासी बनी खास ने बताया कि मेरी पत्नी का नाम आधार कार्ड में साधना मिश्रा है और खतौनी में साधना देवी है। इस वजह से रजिस्ट्रेशन नहीं हो पा रहा है। अभी तक किसान सम्मान निधि मिल रही थी। अब बंद कर दी गई है।

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