कभी थी वत्स देश की राजधानी, अब वीरान
प्रमोद यादव, कौशांबी : जिले में यमुना किनारे 25 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल में फैला सदियों पुराना खंडहर कभी वत्स देश की राजधानी था। अब यहां पर वीराना है। यह स्थल ईसा पूर्व पांचवीं-छठी सदी में 16 महाजनपद में से एक था, तब इलाहाबाद का भी अस्तित्व नहीं था।
प्रमोद यादव, कौशांबी : जिले में यमुना किनारे 25 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल में फैला सदियों पुराना खंडहर कभी वत्स देश की राजधानी था। अब यहां पर वीराना है। यह स्थल ईसा पूर्व पांचवीं-छठी सदी में 16 महाजनपद में से एक था, तब इलाहाबाद का भी अस्तित्व नहीं था। यह स्थल बौद्ध व जैन धर्म का केंद्र था और यमुना के जरिए व्यापार भी होता था। यहां महात्मा बुद्ध दो बार आए थे और जैन धर्म के छठें तीर्थंकर का जन्म यहीं हुआ था। इस खंडहर को पर्यटन केंद्र बनाने के लिए दो माह पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आए थे। उन्होंने इसे बौद्ध सर्किट से जोड़ने का एलान किया है, उसके क्रम में सर्वे शुरू हो गया है।
ईसा पूर्व पांचवीं-छठवीं सदी में भारतीय उप महाद्वीप में पहली बार जब 16 महाजनदों का गठन हुआ था, उस समय यमुना किनारे वत्स की राजधानी कौशांबी भी उसमें से एक थी। वर्तमान में यह स्थल यमुना किनारे कोसम इनाम गांव के आसपास कई किलोमीटर में फैला हुआ है। बौद्ध काल में यह क्षेत्र संपन्न था और बोध ज्ञान प्राप्त होने के बाद महात्मा बुद्ध ने छठां और नौवां चातुर्मास यहां किया था। उनके स्वागत के लिए यहां के व्यापारी घोषिताराम ने विहार बनवाया था। उसके खंडहर आज भी मौजूद हैं। यहीं पर महात्मा बुद्ध की उपस्थिति में बौद्ध संघ में पहला विभाजन हुआ था। बाद में यह स्थल हीनयान संप्रदाय का प्रमुख केंद्र था। यहीं के राजघराने में जैन धर्म के छठवें तीर्थकर पदमप्रभु का जन्म हुआ था। बाद में यह स्थल श्वेतांबर संप्रदाय का प्रमुख केंद्र बना। यह इतिहास संजोए यमुना किनारे का स्थल अब वीरान है।
कुछ साल पहले बौद्ध धर्म के लोगों ने इसकी फिक्र की तो श्रीलंका के लोगों ने कंबोडिया मंदिर बनवाया। उसके बाद जैन धर्म के लोग सक्रिय हुए और करोड़ों की लागत से दो भव्य मंदिर बनवा रहे हैं, लेकिन वहां मूलभूत सुविधाएं नहीं है। इस बीच जिले के जनप्रतिनिधियों ने उस क्षेत्र के विकास का मुद्दा उठाया। साल भर से जिले में तैनात डीएम मनीष कुमार वर्मा ने भी उस क्षेत्र के विकास के लिए प्रयास किया और दो महीने पहले वहां पर मुख्यमंत्री को दौरा कराया। मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद इसे बौद्ध सर्किट से जोड़ने की दिशा में काम शुरू हो गया है। सर्वे कर वर्ल्ड बैंक की टीम सर्वे करने के बाद इसे पर्यटन के रूप में डेवलप करने की रूपरेखा तैयार कर रही है। डीएम ने बताया कि जिला मुख्यालय से वहां तक फोरलेन सड़क के लिए सर्वे हो रहा है। उस पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा।
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