चायल, जागरण टीम: चरवा के सैयद सरावां का मजरा हिंगवाहीपुर गांव में एक युवक के पिता की मौत के बाद नॉमिनी बन मौसी ने एलआईसी के खाते से सात लाख 12 हजार 500 रुपये निकाल लिए। इस षड्यंत्र में मौसी के परिवार वालों के अलावा एलआईसी के शाखा भरवारी के मैनेजर ने भी साथ दिया। मामले में कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने प्रबंधक समेत पांच लोगों के खिलाफ शनिवार को केस दर्ज किया।
हिंगवाहीपुर निवासी सचिन पटेल ने बताया कि उनके पिता ज्ञान सिंह का निधन कैंसर के चलते 20 अप्रैल 2022 को हो गया था। मां की मौत वर्ष 2015 में ही हो गई थी। पिता ने भारतीय जीवन बीमा निगम की भरवारी शाखा में अपने रुपये जमा कर रखे थे।
निधन के पहले ज्ञान सिंह को प्रयागराज के अस्पताल में भर्ती कराकर लंबे समय तक इलाज कराया गया था। इस बीच सचिन की मौसी रीता पटेल निवासी पूरा पजावा बमरौली धूमनगंज प्रयागराज भी अस्पताल पहुंची। इलाज के नाम पर उन्होंने एलआईसी से कुछ रुपये भी निकाले।
इस बीच रीता ने अपने परिवार के राजेश व धर्मेंद्र के अलावा रामसरन से साठगांठ किया और दस्तावेजों में हेराफेरी कर ब्रांच मैनेजर भरवारी रामचंद्र केसरवानी की मदद लेते हुए पिता के खाते से 11 अक्टूबर 2022 को सात लाख 12 हजार 500 रुपये आहरित कर लिए।
शाखा प्रबंधक भी भूमिका संदिग्ध!
इस कूटरचना में पिता की राइटिंग में हस्ताक्षर तो बनाए, लेकिन ज्ञान सिंह के बजाए गगन सिंह नाम लिखा गया। इसके बावजूद शाखा प्रबंधक ने इसे गौर नहीं किया। इससे प्रबंधक की भी भूमिका संदिग्ध लगी। रुपये आहरित करने की जानकारी जब सचिन पटेल को हुई तो होश उड़ गए।
दर्ज हुई शिकायत
सचिन ने मामले की शिकायत चरवा पुलिस से लेकर उच्चाधिकारियों तक से की, लेकिन कार्रवाई नहीं की गई। नतीजतन सचिन ने अदालत का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने नामजद आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया।