कौशांबी में सांड़ ने पटककर वृद्ध को मार डाला, घरवाले बने असहाय, बिगड़ैल पशु के आतंक से गांव में दहशत का माहौल
कौशांबी के जुबरा गांव में एक दुखद घटना घटी, जहां एक बिगड़ैल सांड़ ने 83 वर्षीय चंद्रशेखर पांडेय पर हमला कर दिया, जिससे उनकी मौत हो गई। किसान चंद्रशेखर भोजन करने के बाद घर के बाहर बैठे थे, तभी सांड़ ने उन पर हमला किया। ग्रामीणों में सांड़ के आतंक से दहशत का माहौल है, और वे अपने खेतों में जाने से भी डर रहे हैं।

कौशांबी के जुबरा गांव में सांड़ के हमले से वृद्ध की मौत के बाद घटनास्थल पर गमगीन लोग व पुलिस। जागरण
संसू, जागरण, नारा (कौशांबी)। मंझनपुर कोतवाली क्षेत्र के जुबरा गांव में शनिवार रात घर के बाहर बैठे बुजुर्ग को बिगड़ैल सांड़ ने पटककर मार डाला। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। गांव में सांड़ को लेकर ग्रामीणों के बीच दहशत है। गांव के लोग खेत जाने से डर रहे हैं। बच्चे भी घर के बाहर खेलने के लिए नहीं जा रहे हैं।
किसी तरह सांड़ को स्वजन ने भगाया
जुबरा गांव निवासी 83 वर्षीय चंद्रेशखर पांडेय किसान थे। स्वजन के मुताबिक शनिवार रात करीब आठ बजे भोजन करने के बाद चंद्रशेखर घर के बाहर बैठे थे। इस दौरान रास्ते से गुजरे सांड़ ने हमला कर दिया। चंद्रशेखर की चीख-पुकार सुन पहुंचे स्वजन ने किसी तरह पत्थर चलाकर सांड़ को भगाया। चंद्रशेखर को इलाज के लिए फतेहपुर के धाता स्थित प्राइवेट अस्पताल ले जाया गया। वहां इलाज के दौरान चंद्रेशखर की मौत हो गई। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा दिया है।

क्या कहते हैं प्रधान
जुबरा गांव के प्रधान रवींद्र सिंह का कहना है कि गांव में पहले से ही कई बेसहारा गोवंश थे। गांव फतेहपुर जिले के बार्डर में होने के कारण वहां के किसान गोवंश को इधर छोड़ जाते हैं। पिछले दिनों धाता इलाके के लोग एक सांड़ को बेरहमी से पीटने के बाद जुबरा गांव की तरफ छोड़ गए। यह सांड़ हिंसक है। चंद्रशेखर पर भी उसी सांड़ ने हमला किया था। रविवार को अवकाश होने के कारण पशु अस्पताल व सिराथू खंड विकास कार्यालय में सूचना नहीं दी जा सकी। अफसरों से सांड़ को पकड़वाकर उसे गोशाला में संरक्षित कराए जाने की मांग किया जाएगा।
तीन दर्जन बेसहारा गोवंश बने परेशानी का कारण
किसान शिव शंकर दुबे का कहना है कि जुबरा गांव में करीब तीन दर्जन आवारा गोवंश है। यह मवेशी फसलों को चटकर जाते हैं। किसानों को खेत की रखवाली के लिए रतजगा करना पड़ रहा है। अब हिंसक गोवंश के कारण खेत जाने में डर लग गया। बच्चों को भी बार खेलने नहीं दिया जा रहा है।

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